साइबर अपराध क्या है? इसकी शिकायत कहा करे!

हमारे कंप्यूटर और मोबाइल हर समय इंटरनेट से किसी ना किसी तरह से जुड़े हुए रहते है. और हमे ये भी पता है कि इन्टरनेट का जितने फायदे उतने नुकसान भी है. वही कही ना कही हमने साइबर अपराध के बारे में भी जरुर समाचार या अखबारों में पढ़ा या सुना होता है. इस आर्टिकल “साइबर अपराध क्या है? (What is cyber crime in Hindi)” हम जानने वाले कि साइबर अपराध क्या है.

जब भी साइबर अपराध या हैकर का नाम सुनते है. तो हमारे दिमाग में किसी जासूस का चित्र बनता है. जिसने लम्बा वाला कोट  पहना होता है. और टोपी पहनी होती है. लेकिन वास्तव में साइबर अपराध की वास्तविक तस्वीर बहुत अलग है: साइबर अपराध अविश्वसनीय रूप से संगठित और पेशेवर लोगो द्वारा अंजाम दिए जाते है. तो इस आर्टिकल “साइबर अपराध क्या है? (What is cyber crime in Hindi)” हम जानने वाले कि साइबर अपराध क्या है. और इससे  कैसे बचा जा सकता है.

साइबर अपराध क्या है? (What is cyber crime in Hindi)

साइबर अपराध एक आपराधिक गतिविधि है. इन अपराधिक गतिविधियाँ को कंप्यूटर, मोबाइल, और इंटरनेट को इस्तेमाल कर अंजाम दिया जाता है. जिसमे कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट पर उपलब्ध डाटा को विकृत बुद्धि द्वारा गलत लक्ष्य के पूर्ति के लिये इस्तेमाल किया जाता है.

साइबर अपराध को एक व्यक्ति भी कर सकता है. लेकिन आज कर पेशेवर लोग कम समय में बहुत ज्यादा पैसे कमाने के उद्देश्य से इससे जुड़ते है. और ये पेशेवर अपराधी बड़े लोगो और राजनेताओं की जासूसी करते है. ये लोग साइबर अपराध के  लिये उन्नत तकनीकों का उपयोग भी करते हैं.

आगे हम कुछ उदाहरानो के सहायता से बताने की कोशिश करेंगे की साइबर अपराध वास्तव में क्या है.

साइबर अपराध के चार भयानक उदहारण

इस भाग में हम आपको साइबर अपराधो से जुड़े चार ऐसे उदाहरण को बताने वाले है. जिससे साइबर अपराध के नुकसान और समस्या को समझने में आपको मदद मिलेगी.

सन 2013-2016 के बीच में याहू (Yahoo) कंपनी ने एक साइबर अपराध का अनुभव किया. जिसमे याहू से जुड़े 30 करोड़ लोगो के खातों से जुडी जानकारिय चोरी हो गई  थी. तथा इस जानकारियों का उपयोग अपराधी इन्ही लोगो से जुड़े बाकि ऑनलाइन खातों को खोलने में करते थे. इस चोरी का बहुत सा डाटा आज भी डार्क वेबसाइट पर मुफ्त में उपलब्ध है.

सन 2014 में यूएस रिटेलर होम डिपो के पॉइंट ऑफ़ सेल सिस्टम पर साइबर अपराधियों ने सेध मार दी थी. अपराधियों ने 50 करोड़ क्रेडिट कार्ड की जानकारीया  चुरा ली. साथ में कुछ समय तक यूएस रिटेलर होम डिपो में स्वाइप होने वाले हर एक क्रेडिट कार्ड की जानकारी अपराधियों को पहुंचाते रहते थे.

सन 2016 में सबसे बड़ा distributed denial of service (DDoS) हमले को अंजाम दिया गया. जिसमे दुनिया भर की लोकप्रिय ऑनलाइन सेवाओं की वेबसाइट जैसे नेट्फ्लेक्स, ट्विटर और पेयपल को भी नुकसान हुआ था.

सन 2017 में WannaCry नामक साइबर आक्रमण को अंजाम दिया गया था. जिसे उत्तरी कोरिया द्वारा कथित रूप  से  शुरुआत किया गया था. जो एक प्रकार का ransomware वायरस था. जो कम समय में ही 3 लाख कंप्यूटर तक खुद ही फैल गया था. ये इतना खतरनाक वायरस था. जिसने लोगो के कंप्यूटर को पूरी तरह से नियंत्रित कर दिया था. तथा चोरी किये गए डाटा को वापस करने के लिये बड़े पैमाने पर पैसे मांगे जाते थे.

साइबर अपराध के प्रभाव (Impact of cyber crime)

साइबर अपराध के प्रभाव और नुकसान बहुत ही बड़े पैमाने पर होता है. क्योंकि इससे डाटा और पैसों पर सीधे जोखिम रहता है.

निजी स्तर पर

निजी स्तर पर आपके डाटा को साइबर अपराधियों द्वारा चोरी होने से आपको इतना नुकसान हो सकता है. जिसका कोई अंदाजा भी नही लगा सकता. क्योंकि कोई नही जानता ये अपराधी इन डाटा के साथ क्या कर सकते है. हो सकता है आपको इन डाटा के बदले ब्लैकमेल भी किया जाए . इन डाटा में कुछ भी हो सकता है. जो आपके निजी जीवन या व्यवसाय से जुड़ा हो.

आपके क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारियाँ प्राप्त कर. आपको आर्थिक रुप से हानि भी पहुँचा सकते है. आप के खाते से जुड़ी जानकारियाँ भी सार्वजनिक कर सकते है. जिससे आपको बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है.

व्यावसायिक या सरकारी कामकाज के स्तर पर

काफी सारे व्यावसायिक संस्थान और सरकारी भी साइबर अपराध के नुकसान को अनुभव करती रहती है. जिससे बड़े स्तर पर आर्थिक और व्यावसायिक हानि होती है. किसी प्रतिष्ठित ब्रांड को साइबर अपराधियों द्वारा लक्ष्य बनाया जाता है. तथा उनके ग्राहकों को गलत तरीके के सन्देश भेज कर. प्रतिष्ठित ब्रांड के छवि को बिगाड़ना भी साइबर अपराध का ही भाग है.

सरकारों के डाटा अपराधियों द्वारा चुराया जाता है. और डाटा को सार्वजनिक या बड़े मूल्य में दुश्मन देशो के सरकारों को बेचा जाता है. सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी देश के लिये ये सब भारी नुकसान होता है. जो साइबर अपराधों द्वारा अंजाम दिया जाता है.

क्या आप साइबर अपराध के शिकार है?

साइबर अपराध ज्यादातर इंटरनेट के माध्यम से होता है. और आज के इस दौर में हर कोई इंटरनेट से पूरे समय जुड़ा रहता है. तो आप और हम कभी भी किसी भी समय साइबर अपराध से शिकार हो सकते है. इसलिए हम को ये समझना होगा. कि अगर हम इसके शिकार है. तो हमे कैसे पता चलेगा कि इसके शिकार बन चुके है. तभी जा कर हम इससे निकलने के लिये उपाय निकाल सकेंगे.

अगर नीचे दिए गए कोई भी बिंदु आपके साथ घटित होता है. तो हो सकता है आप साइबर अपराध से ग्रसित हो.

मैलवेयर संक्रमण (Malware infection)

अगर आपके कंप्यूटर की स्पीड अचानक ही बिना किसी वजह से कम हो गई है. तो हो सकता है आप साइबर अपराध के शिकार हो. अगर आपके कंप्यूटर में एंटीवायरस लगाया है. तो साइबर आक्रमण होने पर आपके कंप्यूटर में उपस्थित एंटीवायरस आपको इसके लिये बार बार सतर्क करता रहेगा और आपको इसकी जानकारी देता रहेगा. इस समय आपको सतर्क रहने की जरूरत होती है.

फ़िशिंग या फ़ार्मिंग हमला (Phishing or pharming attack)

अगर आपके सोशल मीडिया के खातो से स्वत ही सन्देश जा रहे है. तो आप साइबर हमले के शिकार है. इस हमले में आपके खाते की जानकारी अपराधी चुरा लेते है. और आपके खाते का पूरा नियंत्रण अपराधी बुद्धि के हाथों में होता है.

अगर आपके क्रेडिट कार्ड से पैसा खुद ही निकल जा रहा है. जिसकी आपको कोई जानकारी नही है तो आप फार्मिंग और फ़िशिंग साइबर आक्रमण के शिकार है.

Keylogger साइबर अपराध

अगर आपके कंप्यूटर के होमपेज खुद ही बदल जाता है और आपके द्वारा लिखे गए सन्देश खुद ही दोहराए जाते  है. हो सकता है आप किलोगर (keylogger) साइबर हमले के शिकार है.

Bontent साइबर अपराध

अगर आप Bontent प्रकार के साइबर अपराध के शिकार है. तो ये आपके कंप्यूटर के लिये बहुत ही घातक साबित हो सकता है. ये इन्टरनेट से जुड़े सभी उपकरण में कम समय में ही फैल जाता है. और अपराधी तत्व को सीधा आपके कंप्यूटर और मोबाइल का नियंत्रण दे देता है.

अगर आपका कंप्यूटर अनजाना व्यवहार कर रहा है. जिसे आपके कभी भी पहले  नही देखा होता है. आपको सतर्क रहने की जरूरत होती है. क्योंकि आप साइबर आक्रमण के शिकार हो चुके हो और आपको इसके लिये उपयुक्त कदम उठाना होगा.

साइबर अपराध से कैसे बचे

आप कुछ जरूरी वस्तु पर ध्यान दे कर साइबर अपराध से बच सकते है. ये जरूरी बिंदु नीचे दिए गए.

  • आपके कंप्यूटर और मोबाइल में हमेशा एंटीवायरस रखे. तथा एंटीवायरस को समय पर अपडेट करते रहे.
  • ईमेल से जुडी किसी भी अटेस्मेंट (attchment) को खोलने से पहले एंटीवायरस के द्वारा स्कैन जरुर करे.
  • इन्टरनेट पर किसी भी अंजान वेबसाइट से कुछ भी डाउनलोड नही करे.
  • अपने व्यावसायिक कामकाज के लिये हमेशा विश्वसनीय वेबसाइट का ही उपयोग करे.
  • समय समय पर अपने कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहे.
  • किसी भी वेबसाइट पर निजी जानकारी साझा करने से पहले उस वेबसाइट की विश्वसनीयता जरुर जाँच ले.
  • हमेशा एक मजबूत और जटिल पासवर्ड संरचना का उपयोग करे. और हर जगह अलग पासवर्ड रखे.

साइबर आक्रमण का मुख्य स्रोत इंटरनेट होता है. इसलिए जब भी आप अपने कंप्यूटर और मोबाइल को इंटरनेट से जोड़े तब आपको सावधान रहने की जरूरत होती है. आप को किसी प्रकार के प्रलोभन या जाल से दूर रहनी की हम सलाह देते है.

साइबर अपराध की शिकायत कहा करे

अगर आप साइबर अपराध के शिकार हो चुके हो. तो आप दो तरीके से इसकी शिकायत भारत सरकार से कर सकते है.

  1. आप अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन जा कर सकते हो. और अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हो. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा154 के अनुसार पुलिस को आपकी शिकायत लेना और उसे दर्ज करना अनिवार्य होगा.  
  2. भारत सरकार के ऑफिसियल वेबसाइट Cyber Crime Reporting Portal (cybercrime.gov.in) पर भी जा कर. आप किसी भी जगह  से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हो.

हमारे देश में साइबर अपराध की क्या सजा है?

हमारे देश में  अगर कोई भी व्यक्ति साइबर अपराध जैसे घिनोने काम में है और माननीय न्यायपालिका के द्वारा अपराधी साबित होता है. तो उस व्यक्ति को विभिन्न धाराओं 43, 65 और 66 के तहत दो से तीन साल तक की जेल या 5 लाख तक का जुर्माना या दोनों दंड एक साथ मिलने का प्रावधान है.

मेरे कुछ शब्द

दोस्तों हमारी पूरी कोशिश रहती है कि हम आप तक संपूर्ण जानकारी बिल्कुल आसान भाषा में ले के आए. जिससे आपकी पढने में रूचि बनी रहे. मैं उम्मीद करता हुं आपको ये आर्टिकल पढने में मज़ा आया होगा.

दोस्तों अगर आपको ये साइबर अपराध क्या है? (What is cyber crime in Hindi) आर्टिकल अच्छा लगा है. तो इसे अपने उन सब दोस्तों के पास पहुँचाए जो Competition Exam की तैयारी कर रहे है. नीचे Comment लिख कर बताए. आपको किस Topic पर आसान  भाषा में जानकारी चाहिए. कृपया इसको अपने दोस्तों के साथ Whatapp, Facebook या link share करे.

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