डेटाबेस क्या होता है? (What is database in hindi)

किसी भी व्यवसाय या संस्थान के लिये उसका डाटा अमूल्य है. इन डाटा के सही उपयोग से कोई कंपनी अपना एक सुन्दर भविष्य निर्माण कर सकती है. कोई भी डाटा का समूह जब तक अमूल्य तब तक की उसे किसी विशेष संरचना में नही डाला जाए. संरक्षित डाटा से किसी भी प्रकार का निर्णय लेने में सहूलियत होती है. और ऐसे डाटा का महत्व भी बढ़ जाता है. डाटा को संरक्षित ढंग से सुरक्षित रखने के लिए डेटाबेस का उपयोग होता है. जिसे हम इस आर्टिकल डेटाबेस क्या होता है? (What is database in hindi) में विस्तार में जानने वाले है.  

डेटाबेस को समझने से पहले डाटा समझना बहुत जरूरी है. सबसे पहले हम जानते है कि डाटा क्या होता है. और डाटा में हम किन वस्तुओं को गिन सकते है.

डाटा क्या है? (What is data)

कोई भी जानकारी अगर इलेक्ट्रॉनिक रूप में कंप्यूटर या मोबाइल में उपलब्ध है. तो उसे डाटा कहा जाता है. डाटा किसी भी रूप में जैसे तस्वीरे, वीडियो, डॉक्यूमेंट, नंबर, अक्षर मौजूद हो सकता है. एक उदाहरण के लिए आपके निजी जानकारिय जैसे आपकी उम्र, रंग, भाषा, निवास स्थल एक डाटा का समूह ही है. अगर ये जानकारिय किसी कंप्यूटर या मोबाइल में उपलब्ध है. तो ये डाटा ही है.

डेटाबेस क्या होता है? (What is database in hindi)

डेटाबेस संगठनात्मक रूप से जानकारीयो का एक समूह है. ये जानकारिय इलेक्ट्रॉनिक रूप में कंप्यूटर या सर्वर में संग्रहित रहती है. इन इलेक्ट्रॉनिक जानकारियों को डाटा कहा जाता है. तो डेटाबेस डाटा को रखने की जगह है.

ये इलेक्ट्रॉनिक जानकारी कंप्यूटर या सर्वर में संरचनात्मक तरीके के रखी जाती है. जिससे समय आने पर इन जानकारियों का सहज उपयोग किया जा सकता है.

डेटाबेस को उदाहरण से समझे तो ये डाटा की लाइबेरी है. जैसे किताबों की लाइबेरी होती है. अगर आपको कोई विशेष किताब चाहिए तो आप उसे एक विशेष अलमारी के एक विशेष जगह से निकाल लेते है. उसी प्रकार किताब पढ़ कर वापस उसी स्थान में रखी जाती है. ठीक उसी प्रकार से डेटाबेस में डाटा को रखने की एक संरचना और प्रबंध होता है.

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या होता है? (What is DBMS in hindi)

डेटाबेस को प्रभावीरूप से उपयोग करने के लिए डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया है. डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम डेटाबेस पर होने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करता है. तथा डेटाबेस में मौजूद जानकारियों को सहज उपलब्ध कराने के लिए प्रबन्ध करता है.

ये एक प्रकार का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर होता है. जो यूज़र और डेटाबेस के बीच मे काम करता है. डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम यूज़र के रिक्वेस्ट के आधार पर डाटा या जानकारियों को अपडेट करता है. उसी के साथ डाटा को उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी भी इसी पर होती है.

ये सॉफ्टवेयर डेटाबेस के जानकारियों की गतिविधियों और सुरक्षा पर भी नजर रखता है. डेटाबेस पर कौन और कितनी देर जानकारी को देख और पढ़ सकता है. इसका प्रबन्ध डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम ही करता है.

MySQL, Microsoft SQL server और oracle database इसके कुछ लोकप्रिय उदाहरण है.

डेटाबेस के प्रकार (Types od database)

डेटाबेस में डाटा को एक विशेष संरचना में रखा जाता है. जिससे ये डाटा काम में आए और इनसे जितना हो सके उतना ज्यादा फायदा मिल सके. इसी कारण प्रत्येक संस्थान और कम्पनी अपने डेटाबेस को अपने हिसाब से विकसित करती है. उसी आधार पर डेटाबेस को वर्गीकृत भी किया गया है. जो इस प्रकार से है:

Hierarchical डेटाबेस क्या होता है?

इस प्रकार के डेटाबेस में जानकारियों को आपस में किसी न किसी समूह में विभाजित कर के रखा जाता है. तथा प्रत्येक समूह का एक शीर्ष नाम होता है. प्रत्येक समूह किसी ना किसी उतरी स्तर के समूह के शीर्ष नाम से जुड़ा होता है. और इसी प्रकार से ऊपर से ऊपर श्रृंखला बनती रहती है. सबसे ऊपर केवल एक ही शीर्ष रहता है. 

इसे नीचे दिए गए तस्वीर में आसानी से समझा जा सकता है.

Hierarchical-database
Hierarchical डेटाबेस

ऊपर दिए गए तस्वीर से आप समझ सकते है. सबसे नीचे के स्तर के शीर्ष उसके ऊपर के स्तर के शीर्ष से जुड़ा हुआ है. इसे हम पैरेंट चाइल्ड रिलेशन भी कहते है. जब किसी निचले स्तर पर रखे गए है. जानकारी के समूह को खोजा जाता है. तो ऊपर उसके पैरेंट समूह से होते हुए नीचे तक चाइल्ड तक पहुँचा जाता है.

इस प्रकार के डेटाबेस का एक नुकसान यह भी है कि इसमें जानकारी को नीचे से ऊपर खोजना संभव नही है. तथा एक सीमा से अधिक डाटा के लिए ये कारगर तरीका नही है.

 नेटवर्क डेटाबेस क्या होता है? (Network database)

इस प्रकार के डेटाबेस की संरचना भी Hierarchical डेटाबेस के जैसे ही होती है. लेकिन इसमे श्रृंखला में उपस्थित चाइल्ड ऊपर के स्तर में उपस्थित किसी भी पैरेंट से एक से ज्यादा बार जुड़ सकता है. इस प्रकार से इस की संरचना Hierarchical डेटाबेस से जटिल होती है.

निचले दिए गए तस्वीर में आप इसको आसानी से समझ सकते हो.

Network-database
 नेटवर्क डेटाबेस

इस प्रकार के डेटाबेस की जटिलता के कारण इसको बार बार बदलना असंभव है. क्योंकि श्रृंखला में उपस्थित किसी एक वस्तु का स्थान बदलने पर आपको पूरी श्रृंखला को वापस से सही से बनाना होता है.

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस (Object Oriented Databases)

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस कंप्यूटर की भाषा जैसे java और C++ के सिद्धांतों पर विकसित किया जाता है. इसमें डाटा को ऑब्जेक्ट और क्लास के आधार पर विभाजित किया जाता है. ऑब्जेक्ट यहा पर वास्तविक जीवन की इकाई है. वही क्लास यहा पर इसी इकाई का समूह है.

इसे नीचे दिए गए तस्वीर में आसानी से समझा जा सकता है.

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ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस

ऊपर दिए गए तस्वीर में डाटा समूह आपस में जुड़े हुए है. जिसे ऑब्जेक्ट के आधार पर विभाजित किया गया है. वही कोई एड्रेस खोजता है. तो डेटाबेस सीधे एड्रेस ऑब्जेक्ट में से जानकारी लेके आता है. इसी कारण ये डेटाबेस बहुत तेजी से काम करता है.

रिलेशनल डेटाबेस (Relational databases)

रिलेशनल डेटाबेस को सबसे परिपक्त डेटाबेस माना जाता है. इसमें जानकारिय एक टेबल के रूप में होती है. जिसमे पंक्ति और स्तम्भ होते है. इस प्रकार के डेटाबेस में प्रत्येक जानकारी दूसरी जानकारीयो से जुडी होती है.

इस प्रकार के डेटाबेस में टेबल की प्रत्येक पंक्ति के लिए एक अदित्य पहचान नंबर होता है. जिसे प्राइमरी की (Primary key) कहते है. तथा प्रत्येक टेबल में उपस्थित स्तम्भ को दूसरे टेबल के स्तम्भ से फॉरेन की (foreign key) से जोड़ा जाता है.

नो SQL डेटाबेस (No SQL database)

नो SQL डेटाबेस को नॉन रिलेशनल डेटाबेस भी कहा जाता है. इस प्रकार के डेटाबेस असंरचित डाटा को भी संभाल के सुरक्षित रखता है. ऐसे डेटाबेस की कोई सीमा नही होती है. इसमें अनगिनत डाटा को संभाल कर रखने की क्षमता होती है.

डेटाबेस के फायदे

डेटाबेस के उपयोग से निम्न फायदे होते है. जिसे नीचे बिन्दुओ में समझाया गया है.

  • इससे जानकारी और डाटा को सुरक्षित रखा जाता है.
  • डेटाबेस के उपयोग से डाटा जरूरत पड़ने पर सहज उपलब्ध कराना संभव हो पाता है.
  • नई प्रकार की जरूरत के लिए सुरक्षित डाटा को वापस उपयोग डेटाबेस के द्वारा लिया जा सकता है.
  • डेटाबेस में डाटा को एक संरचना में रखा जाता है. जिससे इसको पहचानने में आसानी होती है.
  • डेटाबेस से डाटा को समय के साथ आसानी से अपडेट करना संभव हो पाता है.
  • इससे डाटा सुरक्षित करनी की लागत को कम किया जा सकता है.
  • डेटाबेस के उपयोग से डाटा को एक ही समय में एक से ज्यादा यूज़र देख सकते है.
  • एक व्यवस्थित संरक्षित डाटा का उपयोग करके किसी भी प्रकार के व्यावसायिक निर्णय लेने में सहूलियत होती है.
  • सिर्फ प्रमाणिक लोग ही डाटा तक पहुँच सकते है. जिससे डाटा को गलत उपयोग होने से बचाया जा सकता है.

डेटाबेस के नुकसान

डेटाबेस के कुछ नुकसान भी है. जिसे नीचे बिन्दुओ में समझा या गया है.

  • डेटाबेस को डिज़ाइन और विकसित करना एक जटिल काम है. जिसके लिए प्रशिक्षण की जरूरत होती है.
  • डेटाबेस को विकसित करने के लिए हार्ड वेयर और सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है. जिसके लिए लगत लगती है.
  • डेटाबेस को किसी प्रकार की क्षति होती है. तो इसका सीधा प्रभाव इससे जुड़े एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर पर पड़ता है.
  • जब कंप्यूटर के किसी फाइल को डेटाबेस में रखना होता है. तो उसके डाटा फाइल को डेटाबेस फाइल में रूपांतरित करना होता है. इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा समय लगता है.

मेरे कुछ शब्द

इस लेख को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको डेटाबेस के बारे में जानकारी देना है. जिससे आप भी डाटा का सही उपयोग के बारे में जान सको. आज के दौर में डाटा ही सबकुछ है. कोई भी कंपनी या संस्थान का महत्व उसके डाटा ही तय करते है. इसी कारण व्हाटस ऐप निशुल्क होने के बावजूद भी फेसबुक ने करोड़ो रुपयों में ख़रीदा है.

हमारी पूरी कोशिश रहती है कि हम आप तक संपूर्ण जानकारी बिल्कुल आसान भाषा में ले के आए. जिससे आपकी पढने में रूचि बनी रहे. मैं उम्मीद करता हुं आपको ये आर्टिकल पढने में मज़ा आया होगा.

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