सिपाही विद्रोह कब हुआ था | सिपाही विद्रोह के कारण

सिपाही विद्रोह कब हुआ था | sipahi vidroh kab hua tha | सिपाही विद्रोह का कारण क्या हैं – भारतीयों ने स्वंत्रता प्राप्त करने के लिए बहुत लम्बी लड़ाई लड़ी हैं. जिसमे अनेक क्रातिकारीयो और स्वंत्रता सैनिको में अपने प्राणों की आहुति भी दी हैं. स्वंत्रता की इस लड़ाई में ‘1857 की क्रांति’ का मुख्यरूप से उल्लेख मिलता हैं. जिसे सिपाही विद्रोह, भारतीय विद्रोह और महान विद्रोह के नाम से भी जाना जाता हैं. इस आर्टिकल में हम आपको सिपाही विद्रोह के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं.

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सिपाही विद्रोह क्या है?

सिपाही विद्रोह को ‘सन 1857 की क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता हैं. यह भारत के स्वंत्रता संग्राम का प्रथम ऐसा विद्रोह था. जिसने आजादी की इच्छा को लोगो के दिलो में प्रज्वलित किया था. इसी विद्रोह से भारत की आजादी के संग्राम की शुरुआत हुई थी. यह मुख्यरूप से ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ़ उपनिवेशित भारत के पैदल सैनिको का विद्रोह था. जिसमे बाद में नागरिको ने भी योगदान दिया था.

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सिपाही विद्रोह कब हुआ था | sipahi vidroh kab hua tha

सिपाही विद्रोह की शुरुआत 10 मई, 1857 में मेरठ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिको के द्वारा सैनिक विद्रोह के रूप में हुई थी.

सिपाही विद्रोह का कारण क्या हैं | 1857 का विद्रोह के कारण

सिपाही विद्रोह की शुरुआत भारतीय ब्रिटिश सिपाहियों ने की थी. लेकिन इस विद्रोह में तेजी से आम नागरिक और किसान भी जुड़ गए थे. क्योंकि जनता अंग्रेजो से बहुत दुखी थी. और अंग्रेजी शासन के प्रताड़न का जवाब देना चाहती थी. इस विद्रोह के अनेक आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक और सैनिक कारन थे. जो इसप्रकार से हैं:

  • अंग्रेजो की विस्तारवादी निति 1857 की क्रांति का मुख्य कारन था. लॉर्ड डलहौज़ी के द्वारा सतारा, नागपुर, झाँसी, उदयपुर, सबलपुर जैसे रियासते षड्यंत्र के द्वारा हड़प दी गई थी. जिससे सत्ता रूढ़ परिवार अंग्रेजो के खिलाफ़ हो गए.
  • कंपनी के नियंत्रित क्षेत्रो में अंग्रेज भारतीयों के साथ अमान्य व्यवहार करते थे. जिससे जनता में गुस्सा था.
  • भारतीय धर्म का अनुपालन करने वाले लोगो अपमानित किया जाता था. तथा ईसाई धर्म को मानने वालो की पदोन्नति होती थी. जिससे जनता को लग रहा था. अंग्रेजी लोगो को ईसाई धर्म में परवर्तित करना चाहती हैं.
  • किसानो और जमीदारो कर भारी कर लगाया जाता था. तथा कर वसूली के लिए सख्त नियम कायदे थे. जिससे लोग बहुत परेशान थे.
  • इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के बाद भारत के बाजारों में ब्रिटेन का सामान बेचा जाता था. जिससे भारतीय बाज़ार नष्ट होते जा रहे थे.

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सिपाही विद्रोह की उत्पति कैसे हुई थी?

सिपाही विद्रोह का मुख्य कारन हथियार बनाने वाली कंपनियों का हथियार के निर्माण में बदलाव करना था. सन 1856 में ही यह अफवाह फैल गई थी की एनाफिल्ड नामक राइफलो के कारतूसो को बनाने में गाय और सुअर के मास का प्रयोग हुआ हैं. चूँकि इन कारतूसो को सैनिको को राइफलो में डालने से पहले अपने मुह से खोलना पड़ता था. तथा ब्रिटिश भारतीय सेना में ज्यादातर सैनिक भारतीय हिन्दू और मुस्लिम थे. इसलिए सैनिको ने गाय और सूअर के मास से बने कारतूस उपयोग करने से मना कर दिया.

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लार्ड कैनिंग ने इस गलती को सुधारने के लिए विवादित कारतूसो को वापस भी मंगा दिया था. लेकिन तब तक सैनिको में इस बात के प्रति अशांति फैल चुकी थी. इन कारतूसो के विरोध में मार्च 1857 में महान क्रन्तिकारी मंगल पांडे ने आवाज उठाई तथा अपने ऊपरी अधिकारों पर हमला भी कर दिया था. जिसके फलस्वरूप मंगल पांडे को 8 अप्रैल, 1857 को फाँसी दी गई थी.

इसी प्रकार से 9 मई, 1857 में 85 भारतीय सैनिको को राइफल के उपयोग करने से मना करने पर 10-10 साल की कैद सुनाई गई थी.

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सिपाही विद्रोह का क्षेत्र

यह सिपाही विद्रोह 10 मई, 1857 में मेरठ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिको द्वारा सैनिक विद्रोह के रूप में शुरू हुआ था. बहुत जल्द ही यह विद्रोह अन्य विद्रोह और नागरिक विद्रोह के रूप में परिवर्तित हो गया. सिपाही विद्रोह का क्षेत्र मुख्यरूप से ऊपरी गंगा का क्षेत्र और मध्य भारत था. जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, और उत्तरी मध्य प्रदेश का क्षेत्र हैं. इन विद्रोहियों ने तेजी से दिल्ली के साथ उत्तरी पश्चिमी प्रान्तों और अवध के बड़े क्षेत्रो पर कब्ज़ा कर दिया था. यहा पर उन्होंने मुग़ल बादशाह ‘बहादुर शाह जफर’ को हिन्दुस्थान का सम्राट घोषित कर दिया.

कंपनी नियंत्रित क्षेत्र कोलकाता, मद्रास प्रेसिडेंसी, बॉम्बे प्रेसिडेंसी और बड़ी रियासतों जैसे हैदराबाद, मैसूर, पंजाब विद्रोह में निष्क्रिय रहे. इसके साथ ही राजपूत राजाओ और सिख राजकुमारों ने कंपनी का सहयोग किया था.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (सिपाही विद्रोह कब हुआ था | sipahi vidroh kab hua tha | सिपाही विद्रोह का कारण क्या हैं) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको सिपाही विद्रोह के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. सिपाही विद्रोह की शुरुआत 10 मई, 1857 में मेरठ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिको के द्वारा सैनिक विद्रोह के रूप में हुई थी. यह भारत के स्वंत्रता संग्राम का प्रथम ऐसा विद्रोह था. जिसने आजादी की इच्छा को लोगो के दिलो में प्रज्वलित किया था.

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