बल का मात्रक क्या हैं – bal ka SI matrak – बल किसे कहते हैं

bal ka SI matrak kya hai – बल किसे कहते हैं – bal kise kahate hain -बल की परिभाषा – what is force in hindi – भौतिक विज्ञान का एक महत्वपूर्ण पाठ बल हैं. बल को हम पुरे दिन छोटे से छोटे कार्य को पूर्ण करने के लिए प्रयोग करते हैं. जब हम दरवाजा खोलते हैं या मोबाइल के बटन को दबाते हैं. तब हम बल का प्रयोग करते हैं.

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आपको पता हैं बल का SI मात्रक क्या हैं. तो इस आर्टिकल में हम आपको बल की परिभाषा से लेकर बल की SI मात्रक और बल के प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं.

बल की परिभाषा – बल किसे कहते हैं (what is force in hindi)

बल की सहायता से किसी वस्तु की स्थिति और दिशा में परिवर्तन होता हैं. बल एक प्रकार का धक्का या खिचाव हैं जो किसी स्थिर वस्तू को गतिशील बना देता हैं.

जब कोई वस्तु किसी सीधे पथ पर आगे बढ़ती हैं तो उसे रोकने के लिए गति की विपरीत दिशा में गतिशील वस्तु से अधिक बल लगाना पड़ता हैं. जिससे वह वस्तू फिर से स्थिर अवस्था में आ जाती हैं. जैसे कोई गाड़ी रोड पर 40 किमी/घंटा के हिसाब से भाग रही है. तो उस गाड़ी को रोकने के लिए गाड़ी के पहिये पर को 40 किमी/घंटा के हिसाब से चलाने वाले बल से अधिक बल का ब्रेक लगाना होता हैं. जिससे गाड़ी अपनी स्थिर अवस्था में आ जाती हैं.

बल एक सदिश राशि हैं. अर्थात बल किसी विशेष दिशा में एक मात्र में कार्य करता हैं. इसलिए बल की दिशा और द्रव्यमान दोनों होता हैं.

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बल का SI मात्रक (Bal ka SI matrak)

बल का SI मात्रक न्यूटन हैं. जिसे N मात्रा से इंकित करते हैं.

बल का विमीय सूत्र क्या हैं? (bal ka vimiy sutra)

बल का विमीय सूत्र = [M1L1T-2]

बल कितने प्रकार के होते हैं?

बल चार प्रकार का होते हैं:

  • घर्षण बल
  • अभिकेन्द्रीय बल
  • चुम्बकीय बल
  • गुरुत्वाकर्षण बल

घर्षण बल

घर्षण बल वह बल होता हैं जो किसी गतिशील वस्तु के विपरीत दिशा में कार्य करता हैं. घर्षण बल दो सतहों के बिच में उत्पन्न होता हैं.

घर्षण बल दो प्रकार के होते हैं:

  • स्थैतिक घर्षण
  • गतिज घर्षण

स्थैतिक घर्षण

दो पृष्ठ के बिच में समान्तर दिशा में कार्य करने वाले घर्षण बल को स्थैतिक बल कहा जाता हैं. अर्थात बाह्य बल लगाने के बावजूद भी वस्तु गति नहीं करती हैं. तो जो बल दोनों प्रष्ठ के बिच में बाह्य बल के विपरीत दिशा में लगता हैं. उसे स्थैतिक बल कहा जाता हैं.

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गतिज घर्षण

जब बाह्य बल की मात्रा को बढ़ाया जाता हैं. तब वस्तू गति करना शुरू करती हैं. इस समय दो पृष्ठ के बिच में लगने वाले घर्षण बल को गतिज बल कहा जाता हैं.

अभिकेन्द्रीय बल

जब कोई वस्तु एक वृतीय पथ पर गति करती हैं. तो एक बल वृतीय पथ के केंद्र से वस्तू की ओर लगता हैं. यह बल वस्तू को अपनी ओर खिचता हैं. इस बल को अभिकेन्द्रीय बल कहा जाता हैं.

अभिकेन्द्रीय बल का उदाहरण: सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के घुमने से अभिकेन्द्रीय बल उत्पन्न होता हैं.

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चुम्बकीय बल

जब किसी दो चुम्बक से टुकड़े को आपस में संपर्क में लाते हैं. तो एक दुसरे को आकर्षित करते हैं. इसे चुम्बकीय बल कहा जाता हैं.

चुम्बकीय बल का उदाहरण: पंखे का घूमना चुम्बकीय बल पर ही आधारित हैं.

गुरुत्वाकर्षण बल

जब आप गेंद को आकाश में फेकते हैं. तो गेंद फिर से जमीन की ओर आती हैं. यह घटना गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा ही संभव हैं.

प्रबलता के आधार पर बल कितने प्रकार के होते हैं?

प्रबलता के आधार पर दो प्रकार के होते हैं:

  • संतुलित बल
  • असंतुलित बल

संतुलित बल

किसी वस्तू पर अगर एक से ज्यादा बल कार्यरत हो और सभी बल का परिणाम शून्य होता हैं. तो उस बल को संतुलित बल कहा जाता हैं. इस अवस्था में वस्तु में कोई गतिशीलता नहीं आती हैं.

असंतुलित बल

जब किसी वस्तु में गतिशीलता आती हैं. तो वस्तु पर लगने वाले सभी बल का परिणाम शून्य से पृथक हो जाता हैं. ऐसी स्थिति में वस्तु अधिक बल की दिशा में गति करती हैं. वस्तु पर लगने वाले इस बल को असंतुलित बल कहा जाता हैं.

जब किसी रस्सी को दोनों ओर से खीचा जाता हैं. तब रस्सी उस ओर बढ़ती हैं. जहा से अधिक मात्रा में बल प्रयोग किया जाता हैं. इस स्थिति में रस्सी पर लगने वाले सभी बल का परिणाम शून्य नहीं होता हैं.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल (बल का SI मात्रक क्या हैं – bal ka SI matrak kya hai) में हमने आसान भाषा में बल को समझाने का प्रयत्न किया हैं. बल भौतिक विज्ञान का एक महत्वपूर्ण पाठ हैं. इस आर्टिकल में हमने बल के प्रकार को विस्तार से समझाया हैं. बल का SI मात्रक न्यूटन होता हैं. जिसे N से इंकित करते हैं.

आपको यह आर्टिकल (बल किसे कहते हैं – bal kise kahate hain -बल की परिभाषा – what is force in hindi) कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

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