दीवानी मुकदमा कब तक चलता है | दीवानी मामले कौन से होते हैं – व्यक्ति को अपने जीवनकाल के दौरान कभी ना कभी किसी भी कारण से न्यायालय का सामना करना पड़ता है. न्यायालय हमारे समाज का अभिन्न अंग माना जाता हैं. व्यक्ति को सम्मान मिले और व्यक्ति भय मुक्त जीवन जी सके इसलिए न्यायालय हमारे समाज के लिए अहम माना जाता हैं. न्यायालय में दीवानी मुकदमे भी होते हैं. जिसे सिविल मुकदमे के नाम से भी जाना जाता हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की दीवानी मुकदमा कब तक चलता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
दीवानी मुकदमा कब तक चलता है
दीवानी मुकदमो का सीधा संबंध व्यक्ति से होता हैं. जिसमें व्यक्ति के अधिकार का हनन, संपति का अधिकार और पारिवारिक विवाद जैसे मामले शामिल होती हैं. अगर किसी व्यक्ति को इससे संबंधित कोई परेशानी हैं. तो वह दीवानी या सिविल मुकदमा कहलाता हैं.
अगर आपका दीवानी मुकदमा जिला जज की अदालत तक पहुँचता हैं. तो दीवानी मुकदमा 30 दिन तक चलता हैं. और अगर दीवानी मुकदमा उच्च न्यायालय में पहुंचता हैं. तो दीवानी मुकदमा 90 दिन तक चलता हैं.
दीवानी मुकदमा क्या है
दीवानी मुकदमा जिसे सिविल मुकदमा के नाम से भी जाना जाता हैं. दीवानी मुकदमे का सीधा संबंध व्यक्ति से संबंधित होता हैं. अगर किसी व्यक्ति को संपति, पारिवारिक विवाद, अधिकारों का हनन होना आदि प्रकार की समस्या हैं.
तो वह न्यायालय में जा सकता हैं. वहां पर उसकी समस्या का निवारण किया जाता हैं. इस प्रकार के सीधे व्यक्ति से संबंधित मामलों को दीवानी मुकदमा कहा जाता हैं.
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दीवानी मामले कौन से होते हैं
कुछ मुख्य दीवानी मामलों के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं.
- अगर किसी व्यक्ति को अपनी संपति से जुडी कोई समस्या हैं. तो इस प्रकार का मामला दीवानी मामला कहलाता हैं.
- अगर किसी व्यक्ति के अधिकारों का हनन होता हैं. तो ऐसे मामले भी दीवानी मामले कहलाते हैं.
- अगर किसी व्यक्ति का पारिवारिक विवाद चल रहा हैं. तो ऐसे मामलों को दीवानी मामलों में शामिल किया जाता हैं.
- दीवानी मामलों का सीधा संबंध व्यक्ति से होता हैं.
- अगर कोई कानून के अंतर्गत मामला उठाया जाता हैं. तो ऐसे मामलों को दीवानी मामला कहा जाता हैं.
- किसी पर अत्याचार करना, लापरवाही, गैर कानूनन नजरबंदी आदि जैसे मामले दीवानी मामले होते हैं. ऐसे मामलों को कानून के अंतर्गत निपटाया जाता हैं.
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दीवानी मामलों व फौजदारी मामलों में दो अंतर लिखिए
दीवानी मामलों व फौजदारी मामलों के बीच के कुछ अंतर हमने नीचे बताए हैं.
- दीवानी मामलों को दीवानी कानून यानी की नागरिक कानून के अंतर्गत उठाया जाता हैं. जबकि फौजदारी मामलों को अपराधिक कानून के अंतर्गत उठाया जाता हैं.
- दीवानी मामलों का संबंध सीधा व्यक्ति से होता हैं. जिसमें पारिवारिक विवाद, अधिकारों का हनन होना, संपति से जुड़े विवाद आदि को मामलों को शामिल किया जाता हैं.
- जबकि फौजदारी मामलों में अपराधिक मामलों को शामिल किया जाता हैं. जिसमें हत्या, चोट, जख्म जैसे मामले शामिल किए जाते हैं. जैसे अगर कोई एक पार्टी दूसरी पार्टी को नुकसान पहुंचाती हैं. यह सार्वजनिक अपराध माना जाता हैं. ऐसे मामलों को फौजदारी मामलों में शामिल किया जाता हैं.
- जो पुरे समाज और समुदाय के लिए नुकसानदायी होता हैं. ऐसे मामले फौजदारी मामले होते हैं. जबकि जो मामला सिर्फ किसी एक व्यक्ति से जुड़ा हुआ हैं. या जो मामला पारिवारिक मामला है. तो ऐसे मामले दीवानी मामले कहलाते हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की दीवानी मुकदमा कब तक चलता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह दीवानी मुकदमा कब तक चलता है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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