किन्नर बच्चे की पहचान – किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई

किन्नर बच्चे की पहचान – किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई – हमने काफी जगह पर किन्नरों को देखा होगा. यह लोग अकसर शादी ब्याह में देखने को मिल जाते हैं. इन्हें समाज में एक अलग नजर से ही देखा जाता हैं. जिसे थर्ड जेंडर के रूप में भी माना जाता हैं. पुराने समय में भी किन्नर हुआ करते थे. लेकिन उस समय किन्नरों को राजाओं की रानी की देखरेख के लिए रखा जाता था. ताकि वह रानियों की रक्षा कर सके.

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आज के समय में भी समाज में काफी किन्नर दिखाई देते हैं. ऐसा माना जाता है की किन्नर की बद्दुआ से हमारे जीवन में समस्या उत्पन्न होने लगती हैं. इसलिए इन्हें कभी भी नाराज नहीं करना चाहिए.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से किन्नर बच्चे की पहचान का तरीका बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

किन्नर बच्चे की पहचान

कुछ डॉक्टर का मानना है की सिर्फ लड़के ही किन्नर नहीं होते हैं. लेकिन लडकियां भी किन्नर होती हैं. इसके कुछ विशेषज्ञ कहते हैं की लड़के के जन्म के समय लडके का जननांग देखकर पता लगाया जा सकता हैं की वह किन्नर है या नहीं हैं. क्योंकि ऐसे लडको के जननांग सामान्य लडको की तुलना थोड़े अलग दिखाई देते हैं. जो डॉक्टर जान पाते हैं.

लेकिन लडकियां किन्नर है या नहीं यह जन्म के तुरंत बाद पता नहीं लगाया जा सकता हैं. जब लड़कियां बारह साल के करीब हो जाती हैं. और पीरियड्स नहीं आते हैं. तथा स्तनों का विकास नहीं दिखाई देता हैं. तब पता लगता है की वह किन्नर हैं. महिला किन्नर का इस समाज में रहकर भी पता नहीं चलता हैं. यह लोग शादी भी करती हैं.

भले ही इनके बच्चे पैदा न हो पाए. लेकिन एक लड़का बड़ा होकर उसके लक्षण देखकर किन्नर होने का पता चल जाता हैं.

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किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई

किन्नर की उत्पति के बारे में कुछ अलग-अलग मंतव्य सामने आए है. जैसे की कुछ पुरानी मान्यता के अनुसार किन्नरों की उत्पति ब्रह्माजी की छाया से हुई है. ऐसा माना जाता हैं.

तो कुछ लोगो का मानना है की किन्नरों की उत्पति कश्यप और अरिष्टा नामक ऋषि मुनियों ने की थी. वही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है की किन्नरों की उत्पति शुक्र, केतु, शनि तथा बुध ग्रह के बुरे प्रभाव के कारण होती हैं. ऐसे ग्रहों के बुरे प्रभाव के कारण व्यक्ति नपुंसक या किन्नर पैदा हो सकते हैं.

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सबसे ज्यादा किन्नर किस देश में है

सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत देश ही माना जाता हैं. इसलिए भारत में ही सबसे अधिक किन्नर पाए जाते हैं. भारत में सबसे ज्यादा किन्नर राजस्थान, यूपी, बिहार तथा पश्चिम बंगाल में पाए जाते हैं.

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किन्नरों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

किन्नरों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य हमने नीचे बताए हैं.

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है की वीर्य की अधिकता के कारण लड़के तथा रक्त की अधिकता के कारण लडकियां पैदा होती हैं. लेकिन वीर्य और रक्त समान रूप में हो तो किन्नर बच्चे पैदा होते हैं. जिसे थर्ड जेंडर के नाम से जाना जाता है.
  • एक रोचक बात यह भी है की किसी भी किन्नर के मृत्यु हो जाने पर उसका दाह संस्कार गुप्त तरीके से किया जाता हैं.
  • जब किन्नर समाज में कोई नया किन्नर जुड़ता हैं. तो किन्नर समाज में नाच गाना तथा भोजन आदि रखा जाता हैं.
  • किन्नरों में भी कई प्रकार के रीती रिवाज होते हैं. जिनका पालन हर एक किन्नर को करना होता हैं.
  • अरावन किन्नरों के अराध्य देव माने जाते हैं. ऐसा माना जाता है की साल में एक बार किन्नर इनके अराध्य देव अरावन से शादी करते हैं. हालांकि यह शादी सिर्फ एक दिन की होती हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से किन्नर बच्चे की पहचान के तरीके बताए हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की है. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुँच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह किन्नर बच्चे की पहचान – किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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