संज्ञा के कितने भेद होते हैं? – संज्ञा के कितने प्रकार होते हैं? – संज्ञा किसे कहते हैं?

Sangya ke kitne prakar hote hain – Sangya ke kitne bhed  hote hain  – Sangya kise kahate hain  – संज्ञा का अर्थ – sangya ki paribhasha in hindi – किसी भी भाषा का आधार उस भाषा का व्याकरण होता हैं. व्याकरण ही भाषा को शुद्धता से लिखने और बोलने के लिए मदद करती हैं. हिंदी भाषा में भी हिंदी व्याकरण का अस्तित्व बहुत महत्वपूर्ण हैं. हिंदी व्याकरण में हिंदी भाषा को शुद्धता से पढ़ने और लिखने के नियम मौजूद हैं. इस आर्टिकल (संज्ञा के कितने भेद / प्रकार होते हैं? – संज्ञा किसे कहते हैं?) में हम हिंदी व्याकरण के ऐसे ही महत्वपूर्ण पाठ संज्ञा और संज्ञा के प्रकार या भेद के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं.

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संज्ञा की परिभाषा – संज्ञा किसे कहते हैं – Sangya ki paribhasha in hindi

किसी व्यक्ति, प्राणी, भाव, गुण, स्थान और क्रिया आदी के नाम को संज्ञा कहा जाता हैं. उदाहरण- दिल्ली (स्थान), प्रेम (भाव), भागना (क्रिया).

सरल शब्दों में कहे तो संज्ञा किसी का नाम हैं. जैसे आप का नाम कमल हैं. तो कमल संज्ञा हैं. इस प्रकार प्रत्येक वस्तु, भाव, स्थान, व्यक्ति का नाम ही संज्ञा कहलाती हैं.

नीचे संज्ञा को ओर अच्छी तरीके से समझने के लिए उदाहरण दिए गए हैं:

प्रथम वाक्य 1 : रमेश और मुकेश भाग रहे हैं.

दित्तीय वाक्य 2 : घोडा घास खा रही हैं.

प्रथम वाक्य में रमेश और मुकेश व्यक्तियों के नाम है. यह दोनों नाम संज्ञा हैं. तथा भाग शब्द क्रिया का नाम हैं. अंत भाग शब्द भी संज्ञा हैं.

दित्तीय वाक्य में घोडा पशु का नाम है. और घास वस्तु का नाम है. अंत घोडा और घास दोनों संज्ञा हैं.

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संज्ञा के कितने भेद होते हैं? – संज्ञा के कितने प्रकार होते हैं? (Sangya ke kitne prakar hote hain – Sangya ke kitne bhed  hote hain)

संज्ञा के पाँच भेद होते हैं. यह पांच भेद निम्न-अनुसार हैं:

  • व्यक्तिवाचक
  • जातिवाचक
  • द्रव्यवाचक
  • समूहवाचक
  • भाववाचक

व्यक्तिवाचक संज्ञा

व्यक्तिवाचक संज्ञा वह होती हैं जिससे किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान का बोध होता हो. अर्थात्त किसी व्यक्ति का नाम, स्थान का नाम, और वस्तु का नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाती हैं.

उदाहरण: राम नाच रहा हैं.

इस उदाहरण में राम किसी व्यक्ति का नाम हैं. और राम शब्द किसी व्यक्ति का बोध करा रहा हैं. अंत राम व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं.

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जातिवाचक संज्ञा

जातिवाचक संज्ञा वह संज्ञा है जो किसी की जाति का बोध कराती हैं. अर्थात जातिवाचक संज्ञा किसी एक व्यक्ति का बोध नहीं करा कर पूरी जाति का बोध कराती हैं. जैसे लड़का, नदी, पर्वत, इमारत इत्यादि.

उदाहरण: नदी बह रही हैं.

यहा पर किसी विशेष नदी का नाम नहीं दिया गया हैं. परन्तु पूरी जाति का नाम ‘नदी’ दिया गया हैं. अंत नदी संज्ञा जातिवाचक संज्ञा हैं.

द्रव्यवाचक संज्ञा

द्रव्यवाचक संज्ञा वह होती हैं जिससे किसी पदार्थ, धातु, द्रव्य का बोध होता हैं. जैसे गेहू, सोना, आटा, पानी, तेल घी.

उदाहरण: घी गर्म हो रहा हैं.

घी शब्द यहा एक द्रव्य वस्तु का बोध कराता हैं. अंत घी द्रव्यवाचक संज्ञा हैं.

समूहवाचक

जब किसी संज्ञा शब्द से किसी वस्तु, प्राणी या व्यक्ति के समूह का बोध होता हो. तो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे परिवार, कक्षा, सेना, भीड़ इत्यादि.

उदाहरण: पुलिस भीड़ को संभाल रही हैं.

यहा पुलिस और भीड़ दो समूहवाचक संज्ञा हैं. तथा व्यक्ति के समूहों का बोध करा रहे हैं. अंत पुलिस और भीड़ समूहवाचक संज्ञा हैं.

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भाववाचक

जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु की मनोदशा, अवस्था, भाव, स्थित, दशा, या धर्म का बोध होता हैं. उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे मिठास, गुस्सा, थकावट, मोटापा इत्यादि.

उदाहरण: राम काम करके थक गया हैं.

थकना यहा पर राम की अवस्था को दर्शाता हैं. अंत थकना शब्द भाववाचक संज्ञा हैं.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Sangya ke kitne prakar hote hain – Sangya ke kitne bhed  hote hain – Sangya kise kahate hain  – संज्ञा का अर्थ – sangya ki paribhasha in hindi )को लिखने का उद्देश्य आपको संज्ञा और संज्ञा के भेद या प्रकार के बारे में सरल भाषा में समझाना हैं. विभिन्न परीक्षाओ की दृष्टि से यह ज्ञान अति-आवश्यक हैं. संज्ञा वह हैं जो व्यक्ति, जाति, स्थान, प्राणी, प्रदार्थ, द्रव्य का बोध कराती हैं.

आपको ये आर्टिकल (संज्ञा किसे कहते हैं?) कैसा लगा. ये हमे तभी पता चलेगा जब आप हमें निचे कमेंट करके बताएगे. इस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक फैलाए. ज्यादा से ज्यादा लोगो तक संज्ञा और संज्ञा के प्रकार या भेद के सम्बन्धित ज्ञान को पहुचाए. धन्यवाद.

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