वन महोत्सव कब मनाया जाता हैं – वन महोत्सव क्यों मनाया जाता हैं

वन महोत्सव कब मनाया जाता हैं | van mahotsav kab manaya jata hai | van mahotsav in hindi – वन प्रकृति का एक महत्वपूर्ण अंग हैं. वन मनुष्य और जीवो के जीवन के लिए जरुरी वस्तुए प्रदान करते हैं. वन हमे जीवन के अति आवश्यक ऑक्सीजन की पूर्ति करते हैं. ऑक्सीजन के बिना धरती पर किसी के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं. वन राष्ट्रिय और प्राकृतिक सम्प्रदा हैं. इस आर्टिकल में हम जानेगे की वन की महत्त्व को जनमानस तक पहुचाने के उद्देश्य से वन महोत्सव कब मनाया जाता हैं. और वन महोत्सव का महत्त्व क्या हैं.

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वन महोत्सव कब मनाया जाता हैं | van mahotsav kab manaya jata hai

वन महोत्सव भारत सरकार द्वारा वनों की रक्षा और सरक्षण के साथ वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता हैं.

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वन महोत्सव की शुरुआत और इतिहास

आजादी के पश्चात् स्वन्त्रत भारत में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद और मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के सयुंक्त प्रयासों से सन 1947 में जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह को राजधानी दिल्ली में वन महोत्सव के रूप में मनाया गया था. लेकिन वह परम्परा आने वाले वर्षो में  कायम नहीं रहे. उनके बाद सन 1950 में कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी के द्वारा इस परम्परा को फिर से शुरू किया गया. उनके पश्चात् अब तक प्रत्येक वर्ष जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह को वन महोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं.

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वन महोत्सव क्यों मनाया जाता हैं | वन महोत्सव की आवश्यकता क्यों हैं

जैसा की हम जानते हैं की हमे अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती हैं. ऑक्सीजन के बिना धरती पर कोई जीव जिन्दा नहीं रह सकता हैं. जीवो को ऑक्सीजन वन देते हैं. अत हम जितने ज्यादा वनों को सरक्षण देगे उतना ही हमे वातावरण को जीने योग्य बनाने में मदद मिलती हैं. अत वन लगाना और पुराने वनों को सरक्षण देना जरुरी हैं.

हमारे देश की जनसंख्या तेज गति से बढ़ रही हैं. जनसँख्या के वृध्दि के कारन लोगो के रहने के लिए घरो की जरूरत होती हैं. लोग रोजगार की जरूरत को पूरा करने के लिए बड़ो शहरो में रहने लगते हैं. लेकिन शहरो में लोगो के रहने का स्थान नहीं होने के कारन हम आज कल देखते हैं की लोग पेड़ काट कर उस स्थान पर ईमारत बनाते हैं. इससे पेड़ो की संख्या प्रत्येक दिन कम हो रही हैं. जिससे हमारे वातावरण में अस्थिरता उत्पन्न हो रही हैं.

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पेड़ो पर अनेक पक्षी अपना घोसला बनाते हैं. अगर इन्सान पेड़ो को नष्ट कर देते हैं. तो यह पंक्षी अपना घोसला कहा बनाएँगे. जिससे इन पंक्षियों का नष्ट होने का ख़तरा बढ़ जाता हैं. अगर ऐसा होता हैं तो प्राकृतिक आहार चक्र में अस्थिरता आ जाएगी. जिससे प्रकृति पर ख़तरा बढ़ सकता हैं.

भारत सरकार की वन निति के अनुसार प्राकृतिक संतुलन के लिए भारत के 33 प्रतिशत भाग पर वन होना अनिवार्य हैं. लेकिन वर्ष 2001 में रिमोट सेटिंग से प्राप्त आकड़ो के अनुसार हमारे देश में 6,75,538 की.मी. भाग पर ही वन हैं. जो भारत के कुल क्षेत्रफल का मात्र 20 प्रतिशत ही हैं. अत हमे सयुंक्त रूप से पेड़ लगाने और उन्हें सरंक्षित करने की जरूरत हैं. इसी कारन वन महोत्सव मना कर लोगो को ज्यादा से ज्यादा वन लगाने के प्रोत्साहन किया जाता हैं.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (वन महोत्सव कब मनाया जाता हैं | van mahotsav kab manaya jata hai | van mahotsav in hindi) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको वन महोत्सव के बारे में विस्तार से बताना हैं. वन हमारे जीवन और प्रकृति का महत्वपूर्ण अंग हैं. अगर इसी प्रकार से वन कम होते रहेंगे तो एक दिन हमारा जीवन ख़तरे में पड़ सकता हैं. अत पेड़ लगाना और उन्हें सरक्षण देना अति आवश्यक हैं. इस आर्टिकल में हमने बताया हैं वन महोत्सव कब मनाया जाता हैं. और वन महोत्सव का महत्त्व क्या हैं.

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