प्राचीन काल में दिशाओं का पता कैसे लगाया जाता था – सम्पूर्ण जानकारी

प्राचीन काल में दिशाओं का पता कैसे लगाया जाता थासम्पूर्ण जानकारी – हम सभी को यह तो पता है की चार दिशाए हैं. उतर, पश्चिम, पूर्व और दक्षिण. जिस दिशा से सूर्य का उदय होता हैं. वह पूर्व दिशा हैं. और जिस दिशा से सूर्य अस्त होता हैं. वह पश्चिम दिशा होती हैं. यह तो हो गई दिशा के बारे में सामान्य बाते.

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आज के समय में हमारे पास गूगल मेप्स, जीपीएस तथा compass जैसे टूल्स है. जिसके माध्यम से हम सही दिशा के बारे में जान सकते हैं. लेकिन प्राचीन काल में ऐसे कोई टूल्स नहीं थे. तब उस समय के लोग दिशा का पता कैसे लगाते थे.

इसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा. अगर आप भी यह महत्वपूर्ण जानकारी चाहते हैं. तो हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की प्राचीन काल में दिशाओं का पता कैसे लगाया जाता था. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

प्राचीन काल में दिशाओं का पता कैसे लगाया जाता था

प्राचीन काल में दिशा का पता दो तरीके से लगाया जाता था. जिसके बारे में हमने नीचे विस्तारपूर्वक बताया हैं.

प्राचीन काल में दिशाओं का पता ध्रुव तारे की मदद से लगाया जाता था

ऐसा माना जाता है. की प्राचीन काल में ध्रुव तारे की मदद से दिशा का पता लगाया जाता था. ध्रुव तारा ठीक उत्तर दिशा में दिखाई पड़ता हैं. यह तारा स्थिर है. इसकी वजह से इसका नाम ध्रुव तारा हैं.

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यह तारा उत्तर दिशा में दिखाई पड़ने की वजह से तथा स्थिर होने की वजह से लोगो को दिशा के बारे में पता चल जाता था. यह तारा अन्य तारों की तुलना में अधिक चमकीला होता हैं. इस तरीके से प्राचीन काल के लोगो को ध्रुव तारे की पहचान हो जाती थी.

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प्राचीन काल में दिशाओं का पता सूर्य की मदद से लगाया जाता था

सूर्य हजारो वर्षो से पूर्व दिशा से उदय होता हैं. तथा पश्चिम दिशा में अस्त होता हैं. प्राचीन काल में लोग सूर्य के आधार पर दिशा निर्धारित कर लेते थे. अगर आप जहा से सूर्योदय होता हैं. उस पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके खड़े रहते हैं.

तो आपके बाएं तरफ उत्तर दिशा आएगी. और आपके दाएं तरफ दक्षिण आएगी. सूर्य जिस दिशा में अस्त होता हैं. वह पश्चिम दिशा हैं. इस तरीके से प्राचीन काल में लोग दिशाओं को पता लगाते थे.

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अगर आप भी किसी सुनसान या रेगिस्तान वाली जगह पर फस गए है. और आपके पास दिशा पता लगाने का यंत्र नहीं हैं. तो सूर्य की मदद से आसानी से दिशा का पता लगा सकते हैं.

दंड चुंबक से दिशा का पता कैसे लगाते है

दंड चुंबक से दिशा का पता लगाने के लिए नीचे दिए गए तरीके अपनाए

  • सबसे पहले आप एक दंड चुंबक लीजिए.
  • अब दंड चुंबक को किसी रस्सी की मदद से बीच में से बांध लीजिए.
  • अब धागे को हाथ की मदद से पकड़कर रखे. जब तक चुंबक हिलना बंद नहीं हो जाता ऐसे ही पकड़कर रखे.
  • जैसे ही दंड चुंबक हिलना बंद होगा. वह उत्तर दिशा से दक्षिण दिशा की तरफ ठहर जाएगा.
  • इस तरीके से आप दंड चुंबक की मदद से दिशा का पता लगा सकते हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया की प्राचीन काल में दिशाओं का पता कैसे लगाया जाता था. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है. तो आगे जरुर शेयर करे.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह प्राचीन काल में दिशाओं का पता कैसे लगाया जाता था आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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