अभिमन्यु किसका पुत्र था? (abhimanyu kiska putra tha) – भारतवर्ष में कौरवो और पांड्वो के बिच में एक भीषण युध्द हुआ था. जिसे महाभारत कहा जाता हैं. इस युध्द के प्रमुख किरदार श्री कृष्ण थे. जो भगवान विष्णु के अवतार थे. यह युध्द धर्म और अधर्म, सत्य और अन्याय के बिच में लड़ा गया था. जिसमे सत्य और धर्म की जीत होती हैं. इस आर्टिकल में हम महाभारत युध्द के प्रमुख किरदारों में से एक अभिमन्यु के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे. इस आर्टिकल में हम जानेगे की अभिमन्यु किसका पुत्र था . उसकी मृत्यु की कहानी भी जानेगे.
अभिमन्यु किसका पुत्र था? (abhimanyu kiska putra tha)
अभिमन्यु महाभारत युध्द का सबसे कम उम्र का एक महान योध्दा था. अभिमन्यु धनुषधारी अर्जुन और सुभ्रदा का पुत्र था. अभिमन्यु को महाभारत काल में युध्द भूमि में उसके पराक्रम और वीरता के लिए याद किया जाता हैं. अभिमन्यु शब्द दो शब्द अभि जिसका अर्थ निर्भीक और मन्यु जिसका अर्थ हैं क्रोधी से मिलकर बना हैं. अभिमन्यु का अर्थ निर्भीक और क्रोधी हैं. अंत अभिमन्यु निर्भीक और क्रोधी स्वाभाव के योध्दा थे.
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महाभारत में अभिमन्यु का किरदार और उनकी कहानी
अभिमन्यु महाभारत के सबसे अहम किरदारों में से एक था. वह महाभारत में सबसे कम उम्र का योध्दा था. अभिमन्यु ने अपनी माँ सुभ्रदा के कोख में ही युध्द विधा की शिक्षा ले ली थी. अभिमन्यु जब अपने माँ के कोख में था. तभी उसने चक्रव्यूह को भेदना सिख लिया था. लेकिन जब अभिमन्यु चक्रव्यूह को तोड़ने की शिक्षा ले रहा था. तब उनकी माँ को नींद आ गई थी. जिसके कारन चक्रव्यूह तोड़ने की शिक्षा अधूरी रह गई.
श्री कृष्ण अभिमन्यु के मामा लगते थे. अंत अभिमन्यु का बचपन ज्यादातर अपने ननिहाल श्री कृष्ण की नगरी द्वारका में ही बिता था. श्री कृष्ण अकसर अभिमन्यु को कहते थे. की तुम्हे भविष्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी हैं. ऐसा कहा जाता हैं की अभिमन्यु की मृत्यु श्री कृष्ण की निति के अंतगर्त हुई थी. चूँकि अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदना तो जानता था. लेकिन तोड़ना नहीं जानता था.
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अभिमन्यु की यह बात श्री कृष्ण को पता थी. फिर भी श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह भेदने का आदेश दिया. जिसमे अभिमन्यु प्रवीन था. लेकिन जब चक्रव्यूह तोड़ने की बारी आई. तो अभिमन्यु चक्रव्यूह में ही फँस गया. और सात योधदाओ द्वारा मारा गया. जो की युध्द के नियमो के विरुद्ध था. श्री कृष्ण चाहते थे की एक बार दुश्मन युध्द के नियमो के विरुद्ध जाए. जिससे उनको भी नियम तोड़ने का मौका मिल जाए.
श्री कृष्ण के आदेश अनुसार वीर योध्दा अभिमन्यु चक्र को भेदने के लिए चक्रव्यूह में गुस गया. सफलता पूर्वक उसने छ चरण पुरे भी कर दिए. इसी बिच अभिमन्यु ने दुर्योधन के पुत्र लक्षमण का वध भी किया. जिससे दुर्योधन और कौरव अभिमन्यु को मारने के लिए युध्द के किसी भी नियम को तोड़ने के लिए उतारू थे.
जब अभिमन्यु छ चरणों को भेद करके सातवे चरण में पहुचे थे. तब दुर्योधन सहित सात योद्धाओ ने उसे घेर दिया. और उनके रथ के घोड़ो को मार दिया. फिर भी अभिमन्यु वीरता पूर्वक लड़ता रहा. और अपनी रक्षा के लिए रथ के एक पहिये को उठाते हुए. दुसरे हाथ में तलवार को पकड़ते हुए. युध्द करता रहा.
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लेकिन अभिमन्यु अकेला था. और उसकी सहयोगी योध्दाओ में से कोई भी वहा उपस्थित नहीं था. अंत वह थक गया था. जिसका फ़ायदा दुर्योधन और बाकि योध्दाओ को मिला. और उन्होंने अभिमन्यु की निर्मम हत्या को अंजाम दिया. अभिमन्यु की मृत्यु से अर्जुन को बहुत क्रोध आया. अर्जुन ने अभिमन्यु की निर्मम हत्या का बदला लेने के कौरवो के नाश की प्रतिज्ञा ली.
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निष्कर्ष
इस आर्टिकल (abhimanyu kiska putra tha) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको महाभारत युध्द के प्रमुख किरदार अभिमन्यु के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. इस आर्टिकल में हमने बताया हैं की अभिमन्यु अर्जुन और सुद्रभा का पुत्र था. इस आर्टिकल में हमने अभिमन्यु के हत्या की पूरी कहानी बताई हैं. अभिमन्यु को उसकी वीरता और पराक्रम के लिए हमेशा याद किया जाएगा.
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