Arthshastra ke lekhak kaun the – अर्थशास्त्र के लेखक

अर्थशास्त्र के लेखक कौन हैं | अर्थशास्त्र के लेखक कौन थे | अर्थशास्त्र के जनक कौन हैं | अर्थशास्त्र किसने लिखा था – (arthshastra ke lekhak kaun hai – arthshastra ke lekhak kaun the – arthshastra ke janak kaun hai) – भारत की संस्कृति को विश्व की सबसे प्राचीन और समृध्द संस्कृति मानी जाती हैं. क्योंकि भारत वर्ष में ऐसे कही व्यक्तित्व हुए हैं. जिन्होंने भारत की संस्कृति को जीवित रखने के लिए अपना जीवन समर्पित किया हैं. इन में से एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व कौटिल्य हैं. जिन्हें इतिहास में चाणक्य के नाम से भी जाना जाता हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएगे की अर्थशास्त्र के लेखक और रचयिता कौन थे. और उनके जीवन पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करेगे.

arthshastra-ke-lekhak-kaun-the-hain-janak-kaun-hain

अर्थशास्त्र ग्रन्थ क्या हैं?

अर्थशास्त्र एक प्राचीन संस्कृत भाषा में लिखा हुआ ग्रन्थ हैं. जिसमे राज्यव्यवस्था, कृषि शास्त्र, न्याय और राजनीती के विषय से जुड़े तथ्यों पर विचार लिखे गए हैं. अर्थशास्त्र राज्य व्यवस्था विषय पर उपस्थित सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं. जिसकी शैली उपदेशात्मक और सलाहत्मक हैं. इस ग्रन्थ की उपयोगिता और महत्त्व को देखते हुए. अनेक विद्वानों ने इस ग्रन्थ के प्रत्येक विचार का भाषांतर, व्याख्या, और विवेचन किया हैं. जिससे इस ग्रन्थ के उपदेशो को पूर्ण रूप से उपयोग हो सके.

अर्थशास्त्र के लेखक कौन हैं | अर्थशास्त्र के लेखक कौन थे | अर्थशास्त्र के जनक कौन हैं | अर्थशास्त्र किसने लिखा था – (arthshastra ke lekhak kaun hai – arthshastra ke lekhak kaun the – arthshastra ke janak kaun hai)

अर्थशास्त्र ग्रन्थ संस्कृत भाषा में हैं. अंत यह ग्रन्थ भारतवर्ष के समृध्द इतिहास की भी व्याख्या करता हैं. इस ग्रन्थ की रचना चौथी शताब्दी ईसापूर्व की मानी जाती हैं. अर्थशास्त्र ग्रन्थ के रचयिता चाणक्य थे. चाणक्य को कोटिल्य और विष्णुगुप्त नाम से भी जाना जाता हैं. चाणक्य चक्रवती सम्राट अशोक के महामंत्री और राजनैतिक गुरु थे.

Ashok kis vansh ka shasak tha – चक्रवर्ती अशोक सम्राट

चाणक्य का जीवन परिचय

चाणक्य तकशिला महाविधालय के आचार्य थे. उन्होंने तकशिला विश्वविधालय में भील और किरात राजकुमारों को मुख्यरूप से प्रशिक्षण दिया था. उन्होंने नंद वंश का नाश करके अशोक को गद्दी पर बैठाया था. इसके पीछे एक कहानी हैं. जिसके अनुसार एक दिन चाणक्य नन्द वंश के राजा धनानंद के समक्ष एक प्रस्ताव ले के गए. राजा धनानंद ने उनके सामने ही प्रस्ताव को मानने से मना कर दिया. और चाणक्य के साथ पूरी सभा में दुव्यवहार और बेइज्जती कर दी.

arthshastra-ke-lekhak-kaun-the-hain-janak-kaun-hain-1-compressed

चाणक्य ने उसी क्षण अपनी बेइज्जती का बदला लेनी की कसम खाई. और कहा की “जब तक मै अपनी बेइज्जती और दुव्यवहार का बदला नन्द वंश का नाश करके नहीं लूँगा. तब तक अपनी शिखा नहीं बाधुंगा.” उसके बाद उन्होंने नन्द वंश के नाश के लिए अशोक को प्रशिक्षित किया. और सेना का निर्माण किया.

Sri lanka kab swatantra hua tha – श्रीलंका का इतिहास

उसके पश्चात् चाणक्य ने अशोक के साथ मिलकर अपनी सेना के साथ पाटलिपुत्र पर चढाई कर दी. उन्होंने नन्दों के साथ युध्द करके नंदों को मार दिया. और अशोक को गद्दी पर बैठा दिया. और खुद अशोक के महामंत्री के रूप में स्थान ग्रहण किया.

चाणक्य व्यक्तित्व परिचय

चाणक्य को राजा बनने का कोई लोभ नहीं था. अंत उन्होंने कभी महल में रहने का निर्णय नहीं लिया था. वह राज्य के बाहर एक झोपड़ी में रहते हैं. चाणक्य एक स्वाभिमानी और देशप्रेमी इन्सान थे. कौटिल्य एक दूरदर्शी थे. अंत उन्होंने सिकंदर के भारत पर आक्रमण के खतरे से भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए अशोक को सम्राट बनाया. और खुद राज्य की निति तय करते थे. चाणक्य मौर्य साम्राज्य के संस्थापक और सरंक्षक थे.

उन्होंने भारतीय संस्कृति की ख्याति को हमेशा बरकरार रखा था. उन्होंने अपने ग्रन्थ अर्थशास्त्र में भारतीय समाज को चार वर्गों में बाटा हैं. यह चार वर्ग ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र हैं. कौटिल्य ने अपने सप्तांग के सिध्दांत में राज्य के सात तत्वों की व्याख्या की हैं. यह सात तत्व स्वामी, अमात्य, जनपद, दुर्ग, कोष, दंड और सुह्रद हैं.

अकबर का वित्त मंत्री कौन था | Akbar ka vitt mantri kaun tha

निष्कर्ष

इस आर्टिकल को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको कौटिल्य के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. कौटिल्य ने अर्थशास्त्र ग्रन्थ को लिखा था. जो राज्यनीति, कृषि शिक्षा, न्याय और संस्कृति के विषय में विश्व का सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं. चाणक्य एक सच्चे देश भक्त और राजनीती के गुरु थे.

भूगोल किसे कहते हैं? (bhugol kise kahate hain)

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

x