भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहाँ स्थित है | न्यायधीशो की संख्या

Bharat ka sarvoch nyayalaya kahan sthit hai | भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहाँ स्थित है | सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना कब हुई थी | सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां और कार्य –  पुराने समय में राजा महाराजाओं के दरबार में न्यायलय लगता था. राजा दोनों पक्षों की बात सुनते थे. तथा अपने मंत्रियो से परामर्श करने के पश्चात् न्याय सुनाते है. लेकिन कालान्तर में कहि ऐसे राज भी थे जो निष्पक्ष न्याय नही करते थे. जिससे जनता दुखी रहती थी. आजादी के पश्चात् आजाद भारत को एक प्रभावशाली न्याय व्यवस्था की जरूरत थी. जिस के लिए आजाद भारत में सर्वोच्च न्यायलय की स्थापना की गई थी.

इस आर्टिकल में हम सर्वोच्च न्यायलय के बारे में जानेगे और उसके इतिहास के बारे में भी जानेगे. इसके साथ  हम आर्टिकल में भारत की सबसे प्रथम उच्चतम न्यायलय की शक्तियों और कार्यो के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे.

भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहाँ स्थित है | Bharat ka sarvoch nyayalaya kahan sthit hai

आजादी के बाद स्वन्त्रत भारत में न्याय व्यवस्था के लिए सर्वोच्च न्यायलय की स्थापना की गई  थी. सर्वोच्च न्यायलय आजादी के बाद सन 1958 तक संसद भवन के चैम्बर ऑफ़ प्रेजेंट भवन में चलती थी. जो बाद में दिल्ली के तिलक बाग में स्थान्तरित हो गई. वर्तमान में भी सर्वोच्च न्यायलय दिल्ली के तिलक बाग में ही स्थित है.

भारत की सर्वोच्च न्यायलय का पता क्या है

भारत की सर्वोच्च न्यायलय का पता निम्नलिखित है

तिलक मार्ग, मंदी हाउस, नई दिल्ली, दिल्ली पिन कॉड – 110001

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भारत के सर्वोच्च न्यायालय की जानकारी | सर्वोच्च न्यायालय क्या है

भारत के सर्वोच्च न्यायलय को अंग्रेजी में ‘सुप्रीम कोर्ट’ कहा जाता है. इसकी स्थापना हमारे संविधान के भाग 5 के अध्याय 4 के तहत की गई है. तथा यह हमारे देश का शीर्ष न्यायिक इकाई है. हमारे देश के संविधान के अनुसार सर्वोच्च न्यायलय की भूमिका संघीय न्यायलय और संविधान की रक्षा करना है. भारत का सर्वोच्च न्यायलय वह अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के अधीन उच्च न्यायालयों के फैसलों के विरुद्ध अपील को सुनता है.

इसके साथ दो राज्यो के बिच हुए विवाद और मावन अधिकार से जुड़े हुए याचिकाए सीधे तौर पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनी जाती है. इसकी स्थापना 28 जनवरी 1950 में हुई थी. और अभी तक यहाँ 24,000 से अधिक मामलों की सुनवाई हो चुकी है. यहा के न्यायधीशो को संविधान के अनुच्छेद 125 के तहत वेतन और भत्ते दिए जाते है. इसके साथ ही निशुल्क मकान, नौकर, और वाहन भी दी जाती है.

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सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना कब हुई थी?

सर्वोच्च न्यायालय का अस्तित्व भारत के आजादी के दो दिन बाद आया था. तथा इसका उद्घाटन समारोह भारत के संसद भवन के ‘चैम्बर ऑफ़ प्रेजेंट’ भवन में रखा गया था. सन 1958 तक चैम्बर भवन में ही सर्वोच्च न्यायालय का कार्य चलता था. इसके पश्चात् सन 1958 में यह तिलक मार्ग दिल्ली में स्थान्तरित हो गया.

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सर्वोच्च न्यायलय में न्यायधीशो की संख्या कितनी है?

आजादी के बाद सर्वोच्च न्यायलय में एक मुख्य न्यायधीश और सात अन्य न्यायधीश का अधिनियम किया गया था. तथा इसके न्यायधीशो की संख्या का निर्णय भारत की संविधान पर छोड़ दिया गया था. आजादी के पश्चात् जिस प्रकार से यहा पर अपीलों की संख्या बढ़ने लगी. उसी प्रकार से ही संसद के द्वारा न्यायधीशो की संख्या में बढाई गई. सन 2019 में न्यायधीशो संख्या 34 कर दी गई है.

शुरुआत में जब अपीलों की संख्या ज्यादा नहीं होती थी. तब सातो न्यायधीश एक साथ सुनवाई में बैठते थे. न्यायधीशो के समूह को पीठ कहा जाता है. लेकिन अपील ज्यादा आने पर न्यायधीशो का कार्य भी बढ़ गया है वर्तमान में दो या तिन न्यायधीश एक पीठ के रूप में सुनवाई में रहते है. किसी विशेष मामले या मौलिक प्रश्नों की व्याख्या के लिए वर्तमान में पांच या उससे अधिक न्यायधीश सुनवाई में बैठते है.

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सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीशो की नियुक्ति कौन करता है

संविधान में दिए प्रावधान के अनुसार सभी 33 न्यायधीश और एक मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते है. इसके लिए वह सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश और अन्य न्यायधीश की मदद लेते है और सही व्यक्ति को  चुनने के लिए परामर्श कर सकते है.

सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां और कार्य

सर्वोच्च न्यायलय के पास शक्तिया होती है. जिसका इस्तेमाल करके सर्वोच्च न्यायलय अपीलों की सुनवाई निर्णय पूर्ण तरीके से करता है. और अपने निर्णयों को अपील में लाता है. यह शक्तिया और कार्य निम्नलिखित है:

  • सर्वोच्च न्यायलय संघीय सरकार और एक या एक से अधिक राज्य सरकार के बिच में विवादो की सुनवाई करता है.
  • दो राज्यों की सरकारों के बिच में विवाद की सुनवाई सर्वोच्च न्यायलय करता है.
  • सर्वोच्च न्यायलय एक उच्चतम न्यायलय है तथा उसे उच्च न्यायलय की मामलों को सुनने का अधिकार है.
  • भारतीय नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायलय को अधिकार प्राप्त है.
  • सर्वोच्च न्यायलय राष्ट्रपति को क़ानूनी सलाह देने के लिए स्वन्त्रत है.
  • अनुच्छेद 129 के अनुसार सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय अभिलेख के रूप में उपलब्ध होते है. तथा न्यायलय अभिलेखों के आधार पर निर्णय सुना सकती है.
  • अगर कोई कानून संविधान का उल्लघन करता है. तो सर्वोच्च न्यायलय ऐसे कानून अमान्य घोषित कर सकता है.
  • सर्वोच्च न्यायलय की अन्य शक्तिया
  • सर्वोच्च न्यायलय सभी निचली अदालतों के कार्यो का निरक्षण और जाँच कर सकती है
  • अनुच्छेद 137 के अनुसार उच्चतम न्यायलय को अपने निर्णय सुधराने का अधिकार प्राप्त है
  • सर्वोच्च न्यायलय उच्च न्यायलय में लम्बे समय से पड़े याचिकाओ की सुनवाई कर सकता है. तथा मामलो को एक उच्च न्यायलय से दुसरे न्यायलय में स्थान्तरित भी सकता है.
  • अगर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के मध्य कोई विवाद उत्पन्न होता है. तो उसको निपटाने की शक्ति केवल सर्वोच्च न्यायलय के पास होती है.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Bharat ka sarvoch nyayalaya kahan sthit hai | भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहाँ स्थित है | सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना कब हुई थी | सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां और कार्य) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको भारत की सबसे बड़ी अदालत के बारे में जानकारी प्रदान करना है. सर्वोच्च न्यायलय की स्थापना आजादी के दो दिन बाद 28 जनवरी को हुई थी. संविधान के अनुसार सर्वोच्च न्यायलय की भूमिका संघीय न्यायलय और संविधान की रक्षा करना है. भारत का सर्वोच्च न्यायलय वह अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के अधीन उच्च न्यायालयों के फैसलों के विरुद्ध अपील को सुनता है.

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