चोल साम्राज्य का अंत किसने किया था | चोल साम्राज्य का संस्थापक

चोल साम्राज्य का अंत किसने किया था | चोल साम्राज्य का पतन किसने किया | chol samrajya ka ant kisne kiya – भारतवर्ष का इतिहास बहुत प्राचीन है. प्राचीन काल में अनेक राजाओ ने भारत पर शासन किया है. तथा उन्होंने अनेक कार्य और इमारतो का निर्माण कराया था. उनके सफलतम शासन के कारन ही भारत विश्व गुरु बन पाया. इस आर्टिकल में हम ऐसे ही महान हिन्दू चोल साम्राज्य के बारे में जानेगे. इस आर्टिकल में हम जानेगे कि चोल साम्राज्य की स्थापना कैसे और किसने की थी. इसके साथ ही इसका अंत कब और किसने किया था.

chol-samrajya-ka-ant-kisne-kiya-sansthapak-patan-itihas-1

चोल साम्राज्य की जानकारी

चोल वंश का शासन भारत के दक्षिण भाग में था. 9 वी शताब्दी से लेकर 13 वी शताब्दी तक चोल वंश के शासको ने दक्षिण भारत और इसके आस पास के क्षेत्रो में प्रभावशाली रूप से शासन किया था. चोल साम्राज्य इतिहास के सबसे शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य में से एक है.

अकबर के बेटे का नाम क्या था | जहाँगीर , शाहजाह, औरंगजेब के बेटे का नाम

चोलो का उल्लेख प्राचीन काल से मिलता हैं. सम्राट अशोक के अभिलेखों में भी चोलो का उल्लेख प्राप्त होता हैं. लेकिन इन्होने संगमयुग में सबसे पहले इतिहास को प्रभावित किया था. इसके पश्चात् चोल वंश का उल्लेख प्राप्त नहीं होता हैं. फिर भी चोल वंश पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ था. चोल वंश के शासक कूड़ाया जिला में पल्लवों, चालुक्यो और राष्ट्रकुटो के अधीन शासन करते थे.

हमारे द्वारा आपके ज्ञान को बढ़ाने के लिए निम्न पुस्तके प्रस्तुत है, पुस्तको की तस्वीर पर क्लिक कर के पुस्तके डिस्काउंट के साथ खरीदे:

            

चोल साम्राज्य का संस्थापक कौन था?

चोल साम्राज्य का संस्थापक का नाम विजयलाल था.

चोल साम्राज्य का इतिहास

चोल साम्राज्य का संस्थापक का नाम विजयलाल था. विजयलाल पल्लवों का पहला सामंत था. उसने ई 850 में तंजौर में सर्वप्रथम कब्जा किया तथा वहा पर देवी दुर्गा के मंदिर का निर्माण कराया था. तंजौर पर अधिकार प्राप्त करने के पश्चात् उसे अपनी राजधानी बनाया तथा खुद को ‘नरकेसरी’ की उपाधि प्रदान की थी.

संथाल विद्रोह का नेता कौन था – संथाल विद्रोह की जानकारी

विजयालय के निधन के बाद उसका पुत्र आदित्य 875 ई. में शासक बना. आदित्य ने अंतिम पल्लव शासक अपराजित वर्मन को हरा कर स्वन्त्रत चोल साम्राज्य की स्थापना की थी. अपने स्वन्त्रत राज्य की स्थापना करने के पश्चात् आदित्य ने खुद  को ‘कोदंडराम’ की उपाधि प्रदान की थी. इसके पश्चात् परान्तक प्रथम ने चोल साम्राज्य की भागदौड संभाली. परान्तक प्रथम ने चोल साम्राज्य का विस्तार कन्याकुमारी तक फैलाया. इसके पश्चात् राजराज प्रथम चोल साम्राज्य के शासक बने.

राजराज प्रथम चोल साम्राज्य के सबसे का प्रतापी शासक थे. उसने चेर शासक की नौ सेना को परास्त किया था. और खुद ‘कांडलूर शालैकलमरुत’ की उपाधि धारण की थी. इसप्रकार से समय समय पर अनेक राजाओ ने चोल साम्राज्य के शासन संभाला था. और राजेन्द्र तृतीय चोल साम्राज्य के अंतिम राज था. जिन्होंने सन 1279 ई तक शासन किया था.

झंडा समिति के अध्यक्ष कौन थे | डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय

चोल साम्राज्य का अंत किसने किया था | चोल साम्राज्य का पतन किसने किया

चोलो को पांड्यो ने सबसे पहले 1217 ई में हराया था. लेकिन वह किसी तरह वापस सत्ता में आने में सफल हो गए थे. लेकिन राजाधिराज तृतीय के राजा बनने के बाद चोल साम्राज्य कमजोर पड़ गया था. क्योंकि राजाधिराज एक कमाजोर और अयोग्य राजा था. पाण्ड्य राजा नरेश ने चोल साम्राज्य पर आक्रमण कर के राजाधिकार को बंदी बना दिया था. लेकिन उसे बाद में छोड़ दिया गया. राजाधिकार की मृत्यु के पश्चात् राजेन्द्र तृतीय चोल साम्राज्य का अगला और अंतिम राजा बना.

शुरुआत में राजेन्द्र तृतीय को पाण्ड्यो ने खिलाफ़ सफलता प्राप्त हुई थी. लेकिन एक बार फिर से पांड्यो ने चोल साम्राज्य पर आक्रमण किया. जिसमे चोलो ने पांड्यो की अधीनता स्वीकार कर दी थी. इस प्रकार पाण्ड्यो के द्वारा 5 शताब्दी से शासन कर रहे और चोल साम्राज्य का अंत हुआ.

राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं | हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने की कहानी

चोल शासको की शासन व्यवस्था कैसी थी?

चोल काल के अभिलोखो से ज्ञात होता हैं की उनकी शासन व्यवस्था बहुत अच्छी थी. राजा प्रत्येक कार्य में अपने मंत्रियो की सलाह लेता था. शासन व्यवस्था में सबसे बड़ा अधिकारी राजा होता था. पूरा राज्य जिला, गाँव समूह, और गाँव में बटा हुआ था. शासन जनता से लिए सुझावों के आधार पर चलता था. इसके लिए सभाओ का आयोजन किया जाता था. राजा अपने साथ युवा राजकुमार को रखता था. और कम उम्र में ही शासन की सारी शिक्षा देता था.

chol-samrajya-ka-ant-kisne-kiya-sansthapak-patan-itihas-2

चोल शासको ने अनेक मंदिरों का निर्माण कराया था. जिसमे तंजौर का मंदिर उल्लेखनीय है. इसके साथ व्यवस्थित और सुसंयोजित राजमार्ग थे. कृषि के लिए सिंचाई की उत्तम व्यवस्था पुरे राज्य में थी. चोल काल में विभिन्न धातु और पाषण की मूर्तियों का निर्माण हुआ था. इस काल की मुर्तिया आज भी संजीव प्रतीत होती है.

अकबरनामा के लेखक कौन हैं | आइन-ए-अकबरी किसने लिखा हैं

निष्कर्ष

इस आर्टिकल (चोल साम्राज्य का अंत किसने किया था | चोल साम्राज्य का पतन किसने किया | chol samrajya ka ant kisne kiya) हमारा उद्देश्य आपको चोल साम्राज्य के बारे में विस्तार से जानकारी देना है. चोल वंश का शासन भारत के दक्षिण भाग में था. 9 वी शताब्दी से लेकर 13 वी शताब्दी तक चोल वंश के शासको ने दक्षिण भारत और इसके आस पास के क्षेत्रो में प्रभावशाली रूप से शासन किया था. चोल साम्राज्य इतिहास के सबसे शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य में से एक है.

गाँधी जी की मृत्यु कब हुई थी | गाँधी जी की मौत कब हुई थी

महाभारत किसने लिखा था – महाभारत के लेखक और रचियता

भगवान महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था – जन्म, विवाह, तप, मोक्ष

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

x