ब्राह्मण किस देश से आए – ब्राह्मण की उत्पत्ति कैसे हुई – वेदों के अनुसार प्राचीन समाज चार वर्णों में बंटा हुआ हैं. ब्राह्मण, क्षत्रिय, शुद्र और वैश्य. जिसमें से आज के समय में ब्राह्मण समुदाय को भी अति महत्वपूर्ण समुदाय माना जाता हैं. ब्राह्मण के बारे में हमारे पुराने प्राचीन ग्रंथो में बताया गया है की इनका काम हवन करना, अध्यापन करना, दान लेना और दान देना हैं.
आज के समय में ब्राह्मण शिक्षण, डॉक्टर, राजनीति आदि कार्यो से भी जुड़े हुए हैं. आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से ब्राह्मण के बारे में कुछ अधिक जानकारी प्रदान करने वाले हैं. जैसे की ब्राह्मण किस देश से आए हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की ब्राह्मण किस देश से आए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
ब्राह्मण किस देश से आए
ब्राह्मण किस देश से आए हैं. इस बारे में कोई भी पुख्ता सबूत मौजूद नही हैं. इसलिए इस बारे में बता पाना थोडा कठिन काम हैं. लेकिन कुछ इतिहासकारों का माने तो कुछ भारतीय ब्राह्मण भारत के मूलनिवासी नही हैं. ऐसा माना जाता है की कुछ ब्राह्मण प्राचीन समय में कैस्पियन सागर के प्रदेश तथा दक्षिणी रूस के मैदान में बसा करते थे.
इसके बाद वह इरान के रास्ते से भारत में आए थे. लेकिन इस बारे में भी कुछ अधिक नही कह सकते है की इस बात में कितनी सच्चाई हैं. यह सिर्फ कुछ इतिहासकारों का कहना हैं. इस बात का भी कोई पुख्ता सबूत नही होने की वजह से हम इस बात को नही मान सकते हैं.
अगर कोई पुख्ता सबूत के साथ हमे इस बारे में कोई जानकारी मिलती हैं. तो हम जरुर आप तक इस महत्वपूर्ण जानकारी को पहुंचाने में मदद करेगे.
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ब्राह्मण की उत्पत्ति कैसे हुई
ऐसा माना जाता है की इश्वर ने इस सृष्टि की रक्षा के लिए अपने मुख, भुजा, ऊरू और चरणों से चार वर्ण की उत्पति की हैं. जिसमें से मुख से ब्राह्मण, भुजा से क्षत्रिय, ऊरू से वैश्य तथा चरणों से शुद्र की उत्पति हुई हैं. हमारे प्राचीन ग्रंथो के अनुसार माना जाता है की ब्रह्माजी ने अपने मुख से ब्राह्मण की उत्पति की थी.
ब्राह्मणों के लिए पढना, पढ़ाना, हवन करवाना, दान लेना और दान देना आदि काम बताए गए हैं. ऐसा माना जाता है की पुरुष देह में नाभि से ऊपर का भाग पवित्र होता हैं. मुख भी नाभि से ऊपर होता हैं. इसलिए मुख को पवित्र और प्रधान माना जाता हैं. और ब्रह्माजी के मुख से ब्राह्मण की उत्पति हुई हैं. इसलिए ब्राह्मण को भी प्रधान और अति उत्तम माना जाता हैं.
ऐसा माना जाता है की देवता और पितरों को लाभ पहुंचाने के लिए ब्रह्माजी ने बहुत साल तपस्या करके ब्राह्मणों को अपने मुख से उत्पन्न किया था. इसके अलावा इस सृष्टि की रक्षा के लिए भी ब्राह्मणों को सबसे पहले उत्पन्न किया था. ब्रह्माजी ने अपने शीर्ष भाग से ब्राह्मण को उत्पन्न किया हैं. इसके अलावा ब्राह्मण के पास वेदों का ज्ञान भी हैं. इसलिए ब्राह्मण को उत्तम माना जाता हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की ब्राह्मण किस देश से आए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह ब्राह्मण किस देश से आए – ब्राह्मण की उत्पत्ति कैसे हुई आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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