कैबिनेट मिशन भारत कब आया था |अंतरिम सरकार का गठन

Cabinet mission bharat kab aaya tha | कैबिनेट मिशन भारत कब आया था |अंतरिम सरकार का गठन – द्वितीय युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार की हालत बहुत ख़राब हो गई थी. इंग्लैंड पूरी तरह से अंदर से टूट गया था. इस समय ब्रिटिश अपने गुलाम देशो को स्वन्त्रत करना चाहता था. क्योंकि भारत ब्रिटिश के अधीन सबसे बड़ा साम्राज्य था. अत ब्रिटिश सरकार ने भारत को आजाद करने और नई सरकार का गठन करने के एक दल भारत भेजा. इस आर्टिकल में हम इसी दल तथा इसकी योजनाओ का अध्ययन करगे. इसके साथ ही अंतिम सरकार के गठन के बारे में भी जानेगे.

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कैबिनेट मिशन भारत कब आया था | Cabinet mission bharat kab aaya tha

कैबिनेट मिशन भारत में 24 मार्च 1946 को आया था.

कैबिनेट मिशन क्या था?

द्वितीय युद्ध की समाप्ति के बाद ब्रिटिश सरकार की हालत इतनी दयनीय हो गई थी. कि वह भारतीय साम्राज्य पर नियंत्रण नहीं रख सकते थे. क्योंकि बार-बार पुलिस, सरकारी कर्मचारी, सेना और श्रमिकों का विद्रोह हो रहा था. अब भारतीय साम्राज्य को सुरक्षित रखना इंग्लैंड के लिए असंभव हो गया था.

भारत की राजनीतिक परिस्थिति का आकलन करने, समस्या तथा समस्याओं के निदान को खोजने के लिए ब्रिटिश सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल 24 मार्च 1946 को भारत में भेजा. इस प्रतिनिधि मंडल ने लार्ड वावेल्ल (Lord Wavell) तथा अन्य भारतीय नेताओं से विचार-विमर्श करके एक योजना बनाई. तथा इस योजना का नाम ‘कैबिनेट मिशन’ रखा गया.

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इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में पूर्ण रुप से स्वराज्य स्थापित करना था. इसके साथ ही भारत को गणराज्य बनाने के लिए सर्वमान्य संविधान और स्थाई सरकार की स्थापना करना था.

कैबिनेट मिशन के प्रस्तावों की विवेचना कीजिए | कैबिनेट मिशन योजना के मुख्य बिंदु

कैबिनेट मिशन योजना के मुख्य बिंदु निम्नानुसार है:

  • इस योजना के अनुसार देशी राज्य और ब्रिटिश प्रान्तों को मिलाकर एक भारतीय संघ का निर्माण किया जाए. तथा इस संघ के अधीन सीमओं की सुरक्षा, संचार और विदेशी निति जैसे विषय रहेगे.
  • भारतीय संघ में एक कार्यपालिका और विधानमंडल होगा. तथा इन दोनों में ब्रिटिश प्रांतों और देशी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके अलावा अन्य सभी विषय सरकार के अधीन रहेंगे.
  • प्रांतों को यह अधिकार रहेगा कि वह अपने शासन को चलाने के लिए अलग से समूह बनाएं. इस योजना के अनुसार भारत के विभिन्न प्रांतों को तीन समूहों में बांटा गया है:
    • मद्रास, मुंबई, संयुक्त प्रान्त, मध्य प्रान्त और उड़ीसा.
    • उत्तर पश्चिमी सीमा प्रान्त, पंजाब और सिंध.
    • पश्चिम बंगाल और असम.
  • इस आयोग के अनुसार प्रत्येक समूह को अपने विषय के संबंधित निर्णय लेने का अधिकार दिया गया .और शेष विषय प्रांतीय मंत्रीमंडल को सौप दिए जाएगे.
  • संविधान निर्माण के बाद अंग्रेजी सरकार देशी राज्यों को सार्वभौमिक संप्रभुता का हस्तांतरित कर लेगी. तथा देशी राज्यों के निर्णय के अनुसार उन्हें भारतीय संघ में सम्मिलित होने की स्वंत्रता रहेगी.
  • योजना के लागू होने के 10 वर्ष पश्चात तथा प्रत्येक 10 वर्ष में प्रांतीय विधानमंडल के पास बहुमत द्वारा संविधान की धारों पर पूर्ण विचार करने का अधिकार रहेगा.

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अंतरिम सरकार का गठन

आखिरकार 14 जून 1946 को कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने कैबिनेट मिशन योजना को स्वीकार किया. लेकिन हिंदू महासभा और साम्यवादी दल ने इस योजना की कठोर आलोचना की. अंतिम सरकार की स्थापना के लिए कांग्रेस और मुस्लिम लिंग दोनों में मतभेद हो गया. मुस्लिम लीग ने दावा किया कि वह कांग्रेस के बिना अंतिम सरकार का निर्माण कर सकते हैं. लेकिन वायसराय ने लिंग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.

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सन 1946 के चुनाव में निर्वाचन के लिए निर्धारित कुल 102 सीटों में कांग्रेस को 59 सीट हासिल हुई. और वही मुस्लिम लीग को सिर्फ 30 सीट हासिल हुई. इससे मुस्लिम लीग को घोर निराशा हुई. 8 अगस्त 1946 को कांग्रेस ने कार्यसमिति का प्रस्ताव पारित कर अंतिम सरकार बनाने की योजना स्वीकार की.

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इस अंतरिम सरकार ने 2 सितंबर 1946 को अपना कार्यभार संभाला. तथा इसके प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने. इसके पश्चात वायसराय की सलाह पर सन 1946 में मुस्लिम लीग भी सरकार में शामिल हुए. लेकिन उन्होंने सरकार का सहयोग देने से बिल्कुल मना कर दिया. इसके बदले वे सरकार के प्रत्येक कार्य में अड़ंगा डालते थे.

आखिरकार कैबिनेट मिशन ने इन सब समस्याओं का हल भारत विभाजन के मार्ग को सुलझाया. इस प्रकार भारत के दो टुकड़े हो गए.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Cabinet mission bharat kab aaya tha | कैबिनेट मिशन भारत कब आया था |अंतरिम सरकार का गठन ) लिखने को हमारा उद्देश्य आपको कैबिनेट मिशन योजना के बारे में जानकारी देना हैं. कैबिनेट मिशन भारत में 24 मार्च 1946 को आया था. इस का मुख्य उद्देश्य भारत में पूर्ण रुप से स्वराज्य स्थापित करना था. इसके साथ ही भारत को गणराज्य बनाने के लिए सर्वमान्य संविधान और स्थाई सरकार की स्थापना करना था. इस आर्टिकल में हमने अंतिम सरकार के बनने की कहानी भी बताई हैं.

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