साइमन कमीशन भारत कब आया था | साइमन कमीशन के अध्यक्ष कौन थे

simon commission bharat kab aaya tha | साइमन कमीशन भारत कब आया था |साइमन कमीशन के अध्यक्ष कौन थे – भारतीयों के लिए हमारी आजादी सबसे अमूल्य हैं. क्योंकि इस आजादी को हासिल करने के लिए हमारे लोगो ने अनेक कुर्बानिय दी हैं. इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही ऐतिहासिक घटना के बारे में बताने वाले हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएगे की महान स्वंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय का निर्धन कैसे हुआ. इस आर्टिकल में हम आपको साइरन कमीशन और इससे जुडी प्रत्येक महत्वपूर्ण जानकारी बताएगे.

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साइमन कमीशन क्या हैं तथा इसका गठन कब हुआ था?

साइमन कमीशन का गठन 8 नवंबर 1927 में हुआ था. तथा यह आयोग सात ब्रिटिश सांसदों का समूह था. जिसका उद्देश्य हमारे देश के संविधान में हुए सुधारों का अध्ययन करना था. इस आयोग का गठन मुख्य रूप से मानटेंगयु चेम्स्फ़ो्द सुधार की जांच करना था. साइमन आयोग का नाम इसके अध्यक्ष सर जोन साइमन के नाम पर रखा गया था.

इस आयोग के मुख्य सुझाव निम्नानुसार थे:

  • भारत में एक लचीले संविधान का निर्माण हो.
  • देश में एक संघ की स्थापना करना जिसमें ब्रिटिश भारतीय राज्य और देशी रियासतें शामिल हो सके.
  • केंद्र में उत्तरदायी शासन की व्यवस्था करना.
  • प्रांतीय गवर्नर और वायरराय को विशेष शक्तियां प्रदान करना.

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साइमन कमीशन भारत कब आया था | simon commission bharat kab aaya tha

साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत आया था.

साइमन कमीशन के अध्यक्ष कौन थे?

साइमन कमीशन के अध्यक्ष सर जोन साइमन थे. जिसके नाम पर ही इस आयोग का नाम साइमन रखा गया था.

साइमन कमीशन के कुल कितने सदस्य थे?

साइमन कमीशन में कुल सात सदस्य थे. और सभी सदस्य ब्रिटिश संसद के सदस्य थे.

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साइमन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट कब प्रस्तुत की थी?

साइमन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट सन 1930 प्रस्तुत की थी.

साइमन कमीशन का भारत में विरोध क्यों किया गया?

साइमन कमीशन में सभी सदस्य ब्रिटिश संसद से थे. तथा उनका भारत से कोई संबंध नहीं था. अतः भारत के संविधान के निर्माण के लिए उनकी राय लेना भी उचित नहीं था. यह भारतीयों का सबसे बड़ा अपमान था. चौरी-चौरा ऐतिहासिक घटना के बाद असहयोग आंदोलन वापस ले लिया गया. उसके पश्चात् भारत की आजादी की लड़ाई में जो शांति का माहौल बन रहा था. वह माहौल साइमन कमीशन के गठन के बाद टूट गया था.

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सन 1927 में राष्ट्रीय कांग्रेस का मद्रास में अधिवेशन हुआ. जिसमें सर्वसम्मति से साइमन कमीशन का पूर्ण बहिष्कार का करने का फैसला लिया गया. इसके साथ ही मुस्लिम लिंग ने भी साइमन कमीशन का विरोध करने का निर्णय लिया.

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साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत पहुंचा. यह कमीशन भारत में जहां कहीं भी पहुंचा. वहा के स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और साइमन कमीशन के लोगों को काले झंडे दिखाए. भारत में साइमन कमीशन का कोलकाता, लखनऊ, लाहौर, विजयवाड़ा और पुणे शहर में जबरदस्त विरोध किया गया. पूरे देश में ‘साइमन वापस जाओ’ के नारे सुनाई देने लगे.

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लखनऊ में हुए भारी लाठीचार्ज में पुलिस की लाठियों से नेहरू जी घायल हो गए और वहीं गोविंद वल्लभ पंत अपंग हो गए. 30 अक्टूबर, 1928 में लाला लाजपत राय और उनके नेतृत्व में विरोध कर रहे युवाओं पर ब्रिटिश पुलिस ने भारी लाठीचार्ज किया. जिसके कारण लाला लाजपत राय बुरी तरह से घायल हो गए तथा इस लाठीचार्ज के बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु 17 नवंबर 1927 में हुई थी. जिससे पूरा देश शोक में था.

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लाला लाजपत राय ने बोला था कि “ मेरे ऊपर पड़ रही प्रत्येक लाठी का हिसाब ब्रिटिश सरकार को देना पड़ेगा.” इस घटना के बाद पूरा देश गुस्से में था. और अंग्रेजी सरकार को भारत से जड़ से उखाड़ फेंकना चाहता था.

साइमन कमीशन की रिपोर्ट में क्या था?

साइमन कमीशन ने सन 1930 में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की तथा इस रिपोर्ट के अंदर प्रमुख बिंदु निम्नलिखित थे:

  • रिपोर्ट के अनुसार प्रांतीय क्षेत्रों में व्यवस्थाओं और कानून को बनाए रखने के लिए उत्तरदायी सरकार का गठन किया जाए.
  • केंद्र में उत्तरदायित्व सरकार बनाने का यह सही समय नहीं चल रहा है.
  • केंद्रीय विधानमंडल का पूर्ण गठन करने की आवश्यकता है. तथा इसमें संघीय भावना हो तथा केंद्रीय विधानमंडल के सदस्य प्रांतीय विधान मंडलों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाए.
  • सांप्रदायिक निर्वाचन व्यवस्था को अभी जारी रखा जाए.

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साइमन कमीशन की सिफारिश के आधार पर ब्रिटिश सरकार ने भारतीय रियासतों के प्रतिनिधियो के साथ तीन गोलमेज सम्मेलन किया. इन गोलमेज सम्मेलनों में रियासतों के प्रतिनिधियो के साथ कांग्रेस की तरफ से महात्मा गांधी जी ने भी भाग लिया. इन तीनों सम्मेलनों के आधार पर एक संवैधानिक सुधारों का ‘श्वेत पत्र’ बनाए गया. जिसे बाद में कुछ सुधारो के बाद ‘भारत शासन अधिनियम 1935’ में शामिल किया गया.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (simon commission bharat kab aaya tha | साइमन कमीशन भारत कब आया था |साइमन कमीशन के अध्यक्ष कौन थे) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको साइमन कमीशन के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. इस आर्टिकल में हमने लाला लाजपत राय के निर्धन की कहानी भी बताई हैं. साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत आया था. इस आयोग का विरोध इसमें एक भी भारतीय नागरिक नहीं होने के कारन हुआ था.

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