Chunav aayog kis prakar ki sanstha hai | चुनाव आयोग किसे कहते हैं

Chunav aayog kis prakar ki sanstha hai | चुनाव आयोग किसे कहते हैं –  हमारे देश में जब भी चुनाव होता है तो चारो तरफ एक अलग हो माहौल होता है. क्योंकि देश का चुनाव ही देश के भविष्य को तय करता है जनता को बहुत ही सतर्कता से चुनाव में भाग लेकर सही लोगो का चुनाव देश को चलाने के लिए करना चाहिए.

दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से चुनाव आयोग क्या है. तथा यह किस प्रकार की संस्थान है. इसके साथ ही चुनाव आयोग के कार्य और महत्व के बारे में आपको बताएगे.

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चुनाव आयोग क्या हैं | Chunav aayog kis prakar ki sanstha hai | चुनाव आयोग किस प्रकार की संस्था हैं

दोस्तों चुनाव आयोग को निर्वाचन आयोग के नाम से भी जाना जाता हैं. चुनाव आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है. इस संस्थान का कार्य भारत में होने वाले संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करना हैं. चुनाव आयोग देश में होने वाले विभिन्न प्रकार के चुनाव जैसे की विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव, राज्यसभा चुनाव, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव इन सभी का संचालन करने का कार्य करता हैं.

चुनाव आयोग की स्थापना कब हुई

भारतीय संविधान का भाग 15 चुनाव से संबंधित है जिसमे चुनावों का संचालन करने के लिए एक आयोग की स्थापना करने की बात की गई हैं. इस संविधान के आधार पर 25 जनवरी सन 1950 को चुनाव आयोग की स्थापना की गई थी. संविधान के अनुच्छेद 324 से लेकर 329 तक चुनाव आयोग और चुनाव के सदस्यों के कार्य, कार्यकाल, पात्रता, शक्तियां आदि से संबंधित हैं.

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चुनाव आयोग की संरचना

  • चुनाव आयोग में सिर्फ एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था. लेकिन 16 अक्टूबर सन 1989 में राष्ट्रपति की सुचना से तिन सदस्य का प्रावधान कर दिया गया.
  • इसके बाद कुछ समय के पश्चात फिर से एक सदस्य को चुनाव आयोग आयुक्त किया गया. तब से चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं.
  • चुनाव आयोग का सचिवालय दिल्ली में स्थित हैं.
  • मुख्य चुनाव आयोग अधिकारी IAS होता है जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती हैं. और दुसरे दो चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भी राष्ट्रपति ही करते हैं.
  • इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक का होता हैं. दोनों में से जो पहले हो या तो 6 वर्ष कार्य कर सकते है या फिर 65 वर्ष की आयु होने के बाद भी 6 वर्ष कार्यकाल के खत्म नहीं होने पर भी पद छोड़ना पड़ता हैं.
  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जितना सम्मान दिया जाता है उतना ही दर्जा इन्हें भी मिलता है और समान वेतन मिलता हैं.
  • जिस तरह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पद से हटाने के लिए प्रक्रिया होती है वही प्रक्रिया मुख्य चुनाव आयुक्त को भी लागु पड़ती हैं. यह कार्य संसद का होता हैं.

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चुनाव आयोग के कार्य

हमारे देश में चुनाव आयोग के निम्नलिखित कार्य होते है:

  • चुनाव क्षेत्र की परमिशन लेना.
  • राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा चुनाव तथा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया का नियंत्रण, निर्देशन और अधिक्षण करने का कार्य होता हैं.
  • आम चुनाव और उप चुनाव कराने के लिए समय समय पर कार्यक्रम तैयार करना.
  • मतदाता सूचि को तैयार करता है तथा मतदाता पहचान पत्र जारी करता हैं.
  • राजनीति दल को मान्यता प्रदान कराने का कार्य इनका होता हैं. तथा उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित कराते हैं.
  • राजनीतिक दलों के लिए प्रति उमेदवार चुनाव अभियान खर्च की सीमा निश्चित करने का कार्य तथा उन पर निगरानी रखने का कार्य चुनाव आयोग का होता हैं.
  • मतदाता के लिए मतदान केंद्र का स्थान तय करना, मतगणना केंद्र पर सभी आवश्यक चीजों की व्यवस्था करना तथा मतदान से संबंधित सभी कार्य चुनाव आयोग के द्वारा किए जाते हैं.
  • चुनाव आयोग सभी उम्मीदवारों तथा राजनीतिक दलों के लिए चुनाव में आदर्श आचार संहिता जारी करने का कार्य करता हैं. ताकि कोई भी दल या उम्मीदवार अनुसूचित कार्य ना करे और अपनी शक्ति का दुरूपयोग ना कर सके.

चुनाव आयोग का महत्व

चुनाव आयोग के महत्त्व को समझने के लिए हमे निचे दिए गए बिन्दुओ को समझना जरुरी है:

  • चुनाव आयोग की जब से स्थापना हुए है तब से अभी तक सफलतापूर्वक संचालन करते आ रहा हैं.
  • राजनीतिक दलों को अनुशासित करने का महत्वपूर्ण कार्य करता हैं.
  • चुनावी प्रक्रिया में सभी हितधारक और राजनीतिक दलों के साथ संलग्न रहता हैं.
  • चुनाव में स्वतंत्रता, निष्पक्षता तथा समानता स्थापित करता हैं.
  • पारदर्शिता, जवाबदेही, विश्वसनीयता तथा निष्पक्षता सभी को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोजित करता हैं.

चुनाव आयोग की प्रमुख चुनौतियाँ

चुनाव आयोग की प्रमुख चुनौतिया निम्नलिखित है:

  • वर्षो से राजनीति में हिंसा तथा कालेधन और अपराधिक तत्वों की बोलबाला रही हैं. इसके परिणामस्वरूप राजनीति में अपराधीकरण बढ़ा है जिस से निपटना चुनाव आयोग की बहुत बड़ी चुनौती हैं.
  • चुनाव आयोग के पास राजनीतिक दलों को विनियमित करने के लिए पर्याप्त शक्ति नहीं हैं.
  • कभी EVM ख़राब हो जाना तथा वोट दर्ज नहीं होना ये सभी समस्या का सामना चुनाव आयोग को करना पड़ता हैं. जिस से चुनाव आयोग के प्रति लोगो के विश्वास में कमी आ जाती हैं.

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको चुनाव आयोग के बारे में बताया. चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 में हुई थी. चुनाव आयोग का कार्य देश में होने वाले सभी चुनावों का संचालन करना होता हैं. यह संचालन करने के लिए IAS अधिकारी राष्ट्रपति के द्वारा नियुक्त किया जाता हैं. तथा चुनाव आयोग के कार्य और महत्व के बारे में आपको बताया. हम आशा करते है हमारे द्वारा दी गई चुनाव आयोग की जानकारी आप के लिए उपयोगी साबित होगी.

दोस्तों हम आशा करते है हमारा यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा. धन्यवाद.

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