दशहरा क्यों, कैसे और कब मनाया जाता हैं | दशहरा पर निबंध और महत्व

दशहरा क्यों और कब मनाया जाता हैं | दशहरा पर निबंध | दशहरा कैसे मनाया जाता है | दशहरा का महत्व – दोस्तों हमारा भारत देश त्यौहार का देश हैं. साल भर में भारत देश में जितने भी त्यौहार मनाये जाते हैं उतने त्यौहार किसी भी अन्य देश में नहीं मनाए जाते हैं. इसलिए तो भारत देश को त्यौहार का देश कहा जाता हैं. यह हमारे लिए गर्व की बात हैं की भारत देश में हर साल इतने सारे त्यौहार मनाये जाते हैं. भारत देश में विभिन्न जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं. हर एक धर्म और जाति के लोग अपनी अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुसार त्यौहार मनाते हैं.

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भारत देश को धर्मनिरपेक्ष देश भी कहा जाता हैं. यहाँ सभी धर्म के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं. और अपने धर्म के त्यौहारो के साथ साथ अन्य धर्म के त्यौहार को भी धाम धूम और हर्षो उल्लास से मनाते हैं. यह हर्षोउल्लास त्यौहार के समय दिखता हैं. हर त्यौहार का अपना एक खास महत्व होता हैं. त्यौहार मनाने के पीछे कुछ कारण होते हैं की यह त्यौहार क्यों मनाया जा रहा हैं.

दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में आपसे बात करेंगे हमारे देश में मनाया जाने वाला दशहरा त्यौहार के बारे में तथा हम बताएगे की यह त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं. और यह त्यौहार मनाने के पीछे कौनसे कारण एवं कहानी छिपी हुई हैं. इस बारे चर्चा करेंगे.

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दशहरा कब मनाया जाता हैं

दशहरा को विजयादशमी से भी जाना जाता हैं. यह त्यौहार भारत देश में हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार हैं. दशहरा हर वर्ष भारत में अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता हैं. नवरात्रि के दसवे दिन दशहरा का आयोजन किया जाता हैं.

इसी दिन प्रभु श्री राम ने रावण को युद्ध में पराजित करके विजय हांसिल की थी. इसलिए इस दिन बुराई पर अच्छाई की जित हुई और बुरे आचरण पर अच्छे आचरण की जित की ख़ुशी में यह त्यौहार मनाया जाता हैं.

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दशहरा क्यों मनाया जाता हैं

दशहरा मनाने के पीछे एक कारण हैं इसका संबंध त्रेतायुग से जुड़ा हुआ हैं. त्रेतायुग में श्री हरी ने श्री राम के रूप में जन्म लिया था. आइये पूरी कहानी की चर्चा आपके साथ विस्तार से करते हैं.

श्री राम ने जब त्रेतायुग में अवतार लिया तब  उनके साथ कुछ ऐसी घटना घटी की उन्हें अपने पिता  के वचन को निभाने के लिए 14 वर्ष के वनवास पर जाना पड़ा था. जब वचन निभाने के लिए श्री राम वनवास जाने लगे तब उनके साथ राम जी के छोटे भाई लक्ष्मण और श्री राम की पत्नी भी उनके साथ वन में गये. वन में श्री राम को देखकर रावण की बहन सूर्पनखा श्री राम पर मोहित हो गई. और उसने प्रभु श्री राम के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा.

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श्री राम ने सूर्पनखा को आदरपूर्वक समझाया की वह उससे विवाह नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी सीता को वचन दिया हुआ हैं. की वह उनके अतिरिक्त और किसी के साथ विवाह नहीं करेंगे. सूर्पनखा जब विवाह करने के लिए हठ करने लगी तो श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने सूर्पनखा के नाक-कान क्रोधित होकर काट दिए.

तब सूर्पनखा रोते हुए उसके भाई रावण के पास गई. और रावण को राम और लक्ष्मण के बारे में बताया. रावण ने क्रोधित होकर छल कपट से माता सीता का हरण कर लिया और लंका ले गया. वन में श्री राम को हनुमान मिले उन्होंने माता सीता की खोज की और श्री राम को बताया की माता सीता का हरण रावण ने किया हैं. और माता सीता लंका में हैं. फिर श्री राम ने रावण को माता सीता को सम्मान के साथ भेजने को कहा तब रावण नहीं माना और श्री राम की सेना और रावण की सेना की बिच युद्ध हुआ. युद्ध में प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया और माता सीता को लंका से छुड़ा ले आये.

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प्रभु श्री राम ने जब रावण का वध किया उस दिन शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि थी. इसलिए दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता हैं. उस दिन बुराई पर अच्छाई की जित हुई. इसलिए दशहरा बुराई पर अच्छाई के जित हुई इसी याद में हर साल रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करके त्योहार मनाया जाता हैं.

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दशहरा का महत्व क्या है

दशहरा मनाने में एक सांस्कृतिक पहलु भी शामिल हैं. भारत एक कृषि प्रधान देश हैं. जब किसान अपने खेत में अनाज उगाते है और वह उगा हुआ अनाज उनकी संपति होती हैं. जब यह अनाज रूपी संपति किसान अपने घर पर लेकर आते हैं. तब किसानो को बहुत ख़ुशी और प्रसन्नता होती हैं. यह प्रसन्नता उन्हें भगवान के द्वारा मिली हैं यह मानकर वह भगवान की इसी दिन पूजा करते हैं. पुरे भारत में यह त्यौहार विभिन्न प्रकारों से मनाया जाता हैं. विभिन्न प्रदेश विभिन्न तरीके से यह त्यौहार मनाते हैं.

महाराष्ट्र में इस त्यौहार को सिलंगण के नाम से मनाया जाता हैं. बंगाल, ओडिशा और असम में यह त्योहार दुर्गापूजा के रूप में मनाया जाता हैं. यह बंगाल, ओडिशा और आसाम का बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार हैं. बंगाल में यह त्यौहार पांच दिन तक और ओडिशा एवं आसाम में यह त्यौहार चार दिन तक मनाया जाता हैं.

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तमिलनाडु, कर्णाटक, और आंध्र प्रदेश में यह त्यौहार नौ दिन तक मनाया जाता हैं. इस नौ दिन में लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा माता की पूजा की जाती हैं.

गुजरात में इस त्यौहार का बहुत महत्व हैं. एक मिट्टी का घड़ा सुशोभित एवं रंगीन करके उसको कुंवारी लड़की के सिर पर रखकर एक लोकप्रिय नृत्य किया जाता हैं. जिसे गुजरात में इस नृत्य को गरबा के नाम से जाना जाता हैं.

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हमारे कुछ शब्द

इस आर्टिकल (दशहरा क्यों और कब मनाया जाता हैं | दशहरा पर निबंध | दशहरा कैसे मनाया जाता है | दशहरा का महत्व)  को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको दशहरे के बारे में विस्तार से जानकारी देना है. दशहरा को विजयादशमी से भी जाना जाता हैं. यह त्यौहार भारत देश में हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार हैं. दशहरा हर वर्ष भारत में अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता हैं. नवरात्रि के दसवे दिन दशहरा का आयोजन किया जाता हैं.

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हमे  उम्मीद है की आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी. अगर यह जानकारी उपयोगी है तो इसे अन्य लोगो तक पहुचाए क्योंकि बाटने से ज्ञान हमेशा बढ़ता है. आप भी पुरे जोश और धूमधाम के साथ दशहरे के त्यौहार मनाए और ऊर्जावान रहे. धन्यवाद.

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