दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है 2021 | दीवाली का महत्व – सम्पूर्ण जानकारी

दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है | दीवाली का महत्व | दीपावली का त्योहार किस प्रकार मनाया जाता है – भारत देश त्यौहार का देश हैं. हर वर्ष जितने त्यौहार भारत देश में मनाये जाते हैं. उतने त्यौहार दुनिया के किसी अन्य देश में नही मनाए जाते हैं. भारत में विभिन्न जाति और धर्म के लोग रहते हैं. सभी जाति और धर्म के लोग अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुसार त्यौहार मनाते हैं. भारत देश का सबसे बड़ा और हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार दीवाली को माना जाता हैं. दीवाली हिन्दुओं का सबसे लोकप्रिय त्यौहार हैं. इस त्यौहार को बड़े उत्साह और ख़ुशी के साथ हर वर्ष मनाया जाता हैं.

दीवाली त्यौहार को दीपावली के नाम से भी जाना जाता हैं. दीवाली भारत में रहने वाले सभी हिन्दुओं के लिए एक पवित्र त्यौहार हैं. दीवाली में आपस में लोग रिश्तेदार मिलते जुलते हैं और पटाखे फोड़कर इस त्यौहार को मनाया जाता हैं.

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दोस्तों आप सभी भी दीवाली का यह त्यौहार मनाते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं की यह त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं. इसके पीछे का कारण क्या है तो आज हम आपके साथ इसी बात की चर्चा करेंगे की यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे का कारण क्या हैं. चलो आइए तो जानते हैं की दीवाली त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं.

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दीवाली कब मनाई जाती हैं?

दीवाली को दीपावली के नाम से भी जाना जाता हैं. क्योंकि यह दीपो का त्यौहार हैं. यह दीवाली त्यौहार हर्ष वर्ष शरद ऋतू में आता हैं. दीवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. जो ग्रेगरी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर और नवंबर महीने के आस पास आता हैं.

दीवाली क्यों मनाई जाती हैं?

पुरे भारतवर्ष में दीवाली त्यौहार का जितना महत्व हैं उतना महत्व और किसी त्यौहार का नहीं हैं. माना जाए तो दीवाली भारत का सबसे बड़ा त्यौहार हैं. दीवाली को दीपावली भी कहते है क्योंकि इस त्यौहार में दीप जलाए जाते हैं. धार्मिक और सामाजिक रूप से देखा जाए तो दीवाली का अत्यधिक महत्व हैं. आध्यात्मिक दृष्टी से देखा जाए तो दीवाली अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता हैं. तभी तो इस त्यौहार को दीपक जलाकर मनाया जाता हैं.

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कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला दीवाली त्यौहार प्रभु श्री राम की जित की ख़ुशी में मनाया जाता हैं. माना जाता हैं की दीवाली त्यौहार भगवान श्री राम के चौदह वर्ष के वनवास भोगने के बाद अयोध्या वापस लौनटे की खुशी में मनाया जाता हैं. तब अयोध्या वासियों ने दीपक जलाकर प्रभु श्री राम का स्वागत किया गया था.

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प्राचीन हिन्दू ग्रंथ रामायण के अनुसार यही माना जाता हैं की श्री राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद और रावण का वध करने के  बाद जब माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे. तब उनके लौटने की ख़ुशी और जित की ख़ुशी के लिए दीपक जला कर अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में उत्सव मनाया था.

जब की हिन्दू महाकाव्य महाभारत के अनुसार दीपावली त्यौहार पांड्वो के बारह वर्ष के वनवास और एक वर्ष के अज्ञातवास के बाद घर वापसी के उत्सव में मनाया जाता हैं. तो कुछ मान्यता के अनुसार यह त्यौहार भगवान श्री विष्णु की पत्नी और धन की देवी लक्ष्मी से जुडा हुआ मानते हैं.

घर में तितली का आना शुभ या अशुभ

माना जाता हैं की दीपावली के दिन ही लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को पति के रूप में चुना था और उनसे शादी रचाई थी. और विष्णु के वैकुंठ वापसी के रूप में मनाया जाता हैं. माना जाता हैं की इस दिन लक्ष्मी जी प्रसन्न  रहते है. और उस दिन उनकी पूजा आराधना करने से अगले वर्ष तक लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती हैं.

जैन धर्म में मान्यता है की इसी दिन चौबीसवे तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. इसलिए जैन समाज द्वारा दीवाली का त्यौहार उनके निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता हैं.

जब सिख समुदाय के लिए दीपावली का अलग महत्व हैं. उनके अनुसार इसी दिन अमृतसर में सन 1577 में स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास किया गया था. और इसके अलावा सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को सन 1619 में जेल से इसी दिन रिहा गया था. उसकी ख़ुशी में यह त्यौहार सिख मनाते हैं.

तो इन्ही सभी अलग अलग कारणों से यह त्यौहार भारतवर्ष का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता हैं. विभिन्न जाति और धर्म के लोग इस त्यौहार को अपनी मान्यता के अनुसार मनाते हैं.

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दीवाली का आर्थिक महत्व

दीवाली आते ही सभी जगह रोनक देखने को मिलती हैं. लोग खरीदारी करते है. नए- नए कपडे और घर सजावट की वस्तु खरीदते हैं. दीवाली त्यौहार हमारे भारत देश में पश्चिम में क्रिसमस के समान हैं. लोग अपने घर की साफ सुफाई करते हैं. एवं दुकान और धंधे की जगह भी हर साल दीवाली के इस मौके पर साफ सफाई की जाती हैं.

लोग और रिश्तेदार इस मौके पर एक दुसरे से मिलकर उत्सव मनाते हैं. दीवाली पर लोग सोने की खरीददारी करते हैं. और लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं.

लोग पटाखे फोड़कर उत्सव मनाते हैं. मिठाई की बिक्री में बढ़ोतरी हो जाती है लोग एक दुसरे को मिठाई खिलाकर मुह मीठा करके अपनी खुशी व्यक्त करते हैं.

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अन्य देशो में भी मनाई जाती है दीवाली

दीवाली का महत्व जैसे हमारे देश में हिन्दू, जैन, और सिख समुदाय में होता हैं. उसी प्रकार संसार के अन्य देशो में भी दिवाली त्यौहार को उत्साह के साथ मनाया जाता हैं. श्री लंका, पाकिस्तान, थाईलेंड, सिंगापूर, मलेशिया, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, केनडा, अमेरिका जैसे आदि देशो में रहने वाले भारतीय विदेशो में दिवाली बनाते है. वह दीवाली मनाते है तो वहा के नागरिक भी इस त्यौहार में दिलचस्पी रखते हैं.

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हमारे कुछ शब्द

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल (दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है | दीवाली का महत्व | दीपावली का त्योहार किस प्रकार मनाया जाता है ) के माध्यम से बताया है की दीवाली पुरे भारतवर्ष में कब मनाई जाती हैं. एवं दीवाली मनाने के पीछे क्या कारण है. और इसके साथ ही भारत में विभिन्न धर्मो में दीपावली मनाने की अपनी मान्यता है. और भारत के अलावा श्री लंका, पाकिस्तान, थाईलेंड, सिंगापूर, मलेशिया, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, केनडा, अमेरिका में भी बड़े धूम धाम से दीपावली मनाई जाती है.

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दोस्तों दीपावली को आप भी धूमधाम से मनाए. और हमारी तरह आप भी इस दिन के लिए उत्साहित रहे. हम और हमारी टीम उम्मीद करते है की दिवाली आपके जीवन में खुशिया और शांति लेके आए. आपकी सब मनोकामनाए पूर्ण हो आप जीवन में उन्नति करे. धन्यवाद.

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