Insulin ki khoj kisne ki | इंसुलिन क्या है | इंसुलिन कैसे बनता है

Insulin ki khoj kisne ki | इंसुलिन क्या है | इंसुलिन कैसे बनता है – दोस्तों मानव शरीर में कुछ ना कुछ गडबडी के कारण रोग या बीमारी हो जाती हैं. और मानव रोग का भोगी बन जाता हैं. जब मानव शरीर किसी रोग से पीड़ित हो जाता हैं. तो वह अस्वस्थ महसुस करता हैं. रोग एवं बीमारी के कही प्रकार होते हैं. जैसे की कुछ बीमारी कीटाणु और बैक्टेरिया से उत्पन्न होती हैं. तो कुछ रोग जन्मजात होते हैं. कुछ रोग संक्रमित और अनुवांशिक रोग होते हैं. और इन अभी रोगों से बचने के लिए हम दवाई या इंजेक्शन लेकर रोग से छुटकारा पाने के की कोशिश करते हैं.

इस आर्टिकल में हम ऐसे ही मानव रोग डायबिटीज को नियंत्रण में लाने के लिए उपयोग होने वाले इंसुलिन की विस्तार से जानकारी प्राप्त करेगे. और जानेगे की इन्सुलिन की खोज किसने और कब की थी. इसके साथ ही इस आर्टिकल में हम जानेगे की इन्सुलिन क्या है कैसे बनता है.

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insulin ki khoj kisne ki | इंसुलिन की खोज किसने की थी

इंसुलिन की प्राथमिक संरचना की खोज ब्रिटिश आण्विक जीवशास्त्री फेड्रिक सैंगर के द्वारा की गई थी. यह प्रथम ऐसा प्रोटीन था जिसकी शृंखला ज्ञात हो पाई थी. इस कार्य के लिए शोधकर्ता फेड्रिक सैंगर को सन 1958 में रासायनिक क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

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इंसुलिन की खोज कब की गई थी

इंसुलिन की खोज कनाडा के चिकित्सा विज्ञानी सर फ्रेडरिक ग्रांट बैटिंग ने सन 1921 में खोज की थी. इस कार्य के लिए उन्हें 1923 में चिकित्सा विज्ञान का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

इंसुलिन क्या है | इंसुलिन कैसे बनता है

इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन होता है. मानव शरीर के अग्नाशय में इसका निर्माण होता हैं. मानव शरीर का अमाशय कार्बोहाइड्रेट को रक्त शर्करा में परिवर्तन करता हैं. इसलिए अगर इंसुलिन दिया जाए. तो यह रक्त शर्करा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता हैं. और अगर पैनक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद करदे तो रक्त शर्करा का ऊर्जा में परिवर्तन होना बंद हो जाता हैं.

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डायबिटीज के मरीज में इन्सुलिन का बनना बंद हो जाता है. जिससे ऊर्जा का परिवर्तन नहीं होने से डायबिटीज का मरीज जल्दी थक जाता हैं. और उसे कमजोरी महसूस होती हैं. इसलिए डायबिटीज के मरीज को बाहर से इन्सुलिन दिया जाता है.

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इंसुलिन मानव शरीर के लिए बहुत ही जरूरी हैं. इंसुलिन के द्वारा ही ब्लड में जितनी भी कोशीकाए होती हैं. उनको शुगर मिलता हैं. मतलब की शरीर के अन्य भागो में शुगर पहुचाने का कार्य इंसुलिन करता हैं. इंसुलिन के यह कार्य से ही कोशिकाओ और शरीर के अन्य भागो को शुगर मिलने से कोशिका एवं सेल्स को ऊर्जा मिलती हैं. तभी तो डायबिटीज के दर्दी को इंसुलिन की खुराक मात्रा अतिरिक्त दी जाती हैं.

इंसुलिन का क्या कार्य है

इंसुलिन का कार्य मानव शरीर की कोशिकाओ में एवं सेल्स और शरीर के अन्य भागो में शुगर पहुचाना होता हैं. कोशिकाओ और सेल्स को शुगर मिलने पर वह ऊर्जावान रहती हैं. और शरीर को थकावट महसूस नहीं होती हैं.

इंसुलिन का महत्त्व क्या है | डायबिटीज के दर्दी के उपचार के लिए इंसुलिन का महत्व

डायबिटीज के दर्दी के शारीर में इन्सुलिन की पूर्ति के लिए बाहर से इंसुलिन दिया जाता हैं. ऐसा मानना है की डायबिटीज के सभी दर्दी को इंसुलिन की जरूरत होती ही हैं. लेकिन ऐसा नहीं हैं. टाइप 2 डायबिटीज दर्दी बिना इंसुलिन के अपना उपचार कर सकते हैं. दवा के उपयोग से और सही खानपान एवं अच्छी दिनचर्या से टाइप 2 डायबिटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

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कई लोगो का मानना है की इंसुलिन के इंजेक्शन लेने से बहुत दर्द होता हैं. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता. इंसुलिन का इंजेक्शन बहुत ही पतला एवं छोटा हैं. जिसे लेने से सामान्य और कई लोगो को बिलकुल भी दर्द नहीं होता हैं.

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इंसुलिन के प्रकार

इंसुलिन के चार प्रकार होते हैं. जो निम्नलिखित हैं.

  • शोर्ट एक्टिंग इंसुलिन: इस इंसुलिन का असर बहुत ही तेजी से होता हैं. लगभग 30 से 36 मिनिट में इसका असर हो जाता हैं. जिसका प्रभाव 6 से 8 घंटे तक रहता हैं.
  • इंटरमीडिएट एक्टिंग इंसुलिन: यह इंसुलिन बहुत ही धीरे धीरे असर करता हैं. लगभग 1 से 2 घंटे में इसका असर हो जाता हैं. जिसका प्रभाव 10 से 14 घंटे तक रहता हैं.
  • लोग एक्टिंग इंसुलिन: यह इंसुलिन का प्रभाव 24 घंटे तक रहता हैं.
  • और अंतिम इंसुलिन का मिश्रण जो सभी इंसुलिन को मिलाकर कर के उपयोग किया जाता हैं.

इंसुलिन का प्रयोग कैसे करे?

अगर दर्दी दस साल से ऊपर का हैं. तो मरीज खुद से इंसुलिन का प्रयोग कर सकता हैं. इंसुलिन की एक किट आती है. जिसमे सारी सामग्री होती हैं जैसे की रुई, इंसुलिन की स्पिरिट, इंसुलिन सिरिंज इत्यादि. इंसुलिन का प्रयोग करने से पहले हाथो को साफ धोना होता है. उसके पश्चात ही उपयोग करे.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Insulin ki khoj kisne ki | इंसुलिन क्या है | इंसुलिन कैसे बनता है) में हमने आपको इन्सुलिन के बारे में विस्तार से बताया है. तथा इसका सबसे प्रभावशाली उपयोग डायबिटीज के मरीजो के लिए होता है. इन्सुलिन हमारे शरीर की कोशिकाओ और रक्त में शर्करा पहुचाता है. और डायबिटीज के रोगियों के शरीर में इन्सुलिन बनना बंद हो जाता है इसलिए उन्हें अतिरिक्त बाहर से इन्सुलिन देना पड़ता है.

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