दूसरी शादी करने पर क्या सजा होती है – जाने किस धर्म में है क्या सज़ा

दूसरी शादी करने पर क्या सजा होती हैजाने किस धर्म में है क्या सज़ा – भारतीय संविधान में दूसरी शादी को लेकर काफी सारे नियम और धाराएं बनाई गई हैं. अगर कोई व्यक्ति उस नियम का उलंघन करता हैं. तो व्यक्ति को सजा दी जाती हैं. साथ-साथ कुछ परिस्थिति में दंड आदि भी वसूला जाता हैं.

इसलिए कोई भी व्यक्ति ऐसे ही दूसरी शादी नहीं कर सकता हैं. अगर व्यक्ति को दूसरी शादी करनी हैं. तो उनको कानून के दायरे में रहकर और उनके नियमों का पालन करते हुए. सब काम करना होता हैं.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की दूसरी शादी करने पर क्या सजा होती है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

दूसरी शादी करने पर क्या सजा होती है

दूसरी शादी करने पर विभिन्न धर्म के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं. जिसके बारे में हमने नीचे संपूर्ण जानकारी प्रदान की हैं.

अगर आप बौद्ध, सिख या जैन धर्म के है तो दूसरी शादी की सजा

हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत बीना तलाक के दूसरी शादी करने का कोई भी प्रावधान नहीं हैं. अगर आप तलाक लेते हैं. तो आप आसानी से दूसरी शादी कर सकते हैं.

लेकिन बौद्ध, जैन और सिख धर्म में पत्नी की सहमती होने के बावजूद भी दूसरी शादी नहीं की जा सकती हैं. बीना तलाक के जैन, सिख और बौद्ध इन मामलों में शादी कर सकते हैं.

  • अगर किसी के जीवनसाथी की मृत्यु हो जाती हैं. तो दूसरी शादी हो सकती हैं.
  • अगर किसी का जीवनसाथी सात साल से भी अधिक वर्ष से लापता हैं. तो इस हालात में भी दूसरी शादी हो सकती हैं.
  • धर्म परिवर्तन करके दूसरी शादी की जा सकती हैं. लेकिन इसके लिए भी बहुत सारे प्रावधान हैं. जिसको फ़ॉलो करना होता हैं.
  • अगर कोर्ट ने पहले से शादी क़ानूनी तौर पर रद्द कर दी हैं. तो इस मामले में भी दूसरी शादी हो सकती हैं.

इन हालातों को नजरंदाज करते हुए भी इस धर्म का कोई शख्स दूसरी शादी कर लेता हैं. तो उसको सात साल से भी अधिक वर्ष की सजा हो सकती हैं. साथ-साथ दंड भी वसूला जाता हैं.

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अगर आप हिंदू धर्म के है तो दूसरी शादी की सजा

अगर आप हिंदू धर्म के हैं. और तलाक लेने के बाद पत्नी से सहमती ले लेते हैं. तो आप आसानी से दूसरी शादी कर सकते हैं. इसमें आपको किसी भी प्रकार की सजा नहीं होती हैं.

लेकिन अगर आप पहली पत्नी के साथ बीना तलाक के दूसरी शादी कर लेते हैं. तो इस मामले में आपको सजा हो सकती हैं. इस मामले में आपको सात साल की सजा और जुर्माना देना पड़ता हैं.

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अगर आप इसाई धर्म के है तो दूसरी शादी की सजा

इसाई धर्म में भी बीना तलाक के दूसरी शादी नहीं हो सकती हैं. लेकिन अगर किसी के जीवनसाथी की मृत्यु हो गए हैं. तो इस हालात में दूसरी शादी हो सकती हैं. अगर बीना तलाक के इसाई धर्म का कोई शख्स दूसरी शादी करता हैं. तो इसके लिए जेल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं.

तो इस प्रकार से विभिन्न धर्म के लिए दूसरी शादी के लिए अलग-अलग नियम और सजा का प्रावधान हैं.

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क्या विधवा महिला दूसरी शादी कर सकती है

जी हां, विधवा महिला दूसरी शादी कर सकती हैं. अगर आप किसी भी धर्म से ताल्लुक रखते हैं. लेकिन आपका जीवनसाथी इस दुनिया में मौजूद नहीं हैं. यानी की उनकी मृत्यु हो चुकी हैं. तो दूसरी शादी कर सकते हैं.

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निष्कर्ष            

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की दूसरी शादी करने पर क्या सजा होती है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह दूसरी शादी करने पर क्या सजा होती हैजाने किस धर्म में है क्या सज़ा आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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