kis granth mein shri krishna ke vichar hai

kis granth mein shri krishna ke vichar hai भगवान श्री कृष्ण के अनमोल विचार और उनकी कहानियां हमने बचपन से ही हमारे पूर्वजो से सुनते आए है. ऐसा माना जाता है की आज का मनुष्य अगर भगवान श्री कृष्ण के विचारों को अभी के वर्तमान के समय में अपने जीवन में उतार लेता हैं. और उनके विचारों को ध्यान में रखके कार्य करता है. तो उनके जीवन में कभी भी अशांति और दुख नहीं आता हैं.

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श्री कृष्ण के अनमोल विचारो को जो व्यक्ति अपने जीवन में उतार लेता हैं. वह ख़ुशी ख़ुशी अपना संपूर्ण व्यतीत करता हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की kis granth mein shri krishna ke vichar hai. तथा श्री कृष्ण के अनमोल विचार जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

kis granth mein shri krishna ke vichar hai

श्री मद भागवत गीता ग्रंथ में श्री कृष्ण के विचार आपको देखने को मिल जाएगे.

भगवान श्री कृष्ण के कुछ सर्वश्रेष्ठ विचार हमने नीचे बताए हैं.

  • वासना, क्रोध तथा लालच इन तीनों को नर्क का द्वार माना जाता हैं.
  • आत्मा पुराने शरीर को बिलकुल कुछ इस प्रकार छोड़ देते है जिस प्रकार हम पुराने कपड़े उतारकर नए कपड़े धारण कर लेते हैं.
  • परिवर्तन इस संसार का नियम है, कल जो किसी और का था, आज वह हमारा है, आज जो हमारा है, वह कल किसी और का होगा.
  • मनुष्य अपने विश्वास से ही निर्मित होता हैं. जैसा वह विश्वास रखता है. वैसा वह बन जाता हैं.
  • आत्मा न तो जन्म लेती हैं, और ना ही मरती है, आत्मा को कभी भी ना तो जलाया जा सकता है और ना ही उसे पानी से भिगोया जा सकता हैं. आत्मा अविनाशी और अमर होती हैं.
  • यह दुनिया ना ही आपकी है, और ना ही आप इस दुनिया के है, फिर भी आप दुसरे व्यक्ति में आपकी खुशियां क्यों ढूंढते हैं.
  • अपने जीवन में हमेशा सच बोलिए, सच बोलने से ही आपको लाभ होगा, बुरी वाणी बोलना त्याग दीजिए.
  • अगर आपको ख़ुशी से जीना है, तो आपकी इच्छाओं को मारना होगा.

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  • मनुष्य का मन अशांत होता हैं, उसे नियंत्रण में करना काफी कठिन कार्य हैं, लेकिन मनुष्य चाहे तो अभ्यास के द्वारा अपने मन को वश में कर सकते हैं.
  • छोटा-बड़ा, अपना-पराया, तुम्हारा-मेरा यह सब करना छोड़ दो. और फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो.
  • मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए, अच्छा कर्म करो, कर्म हमेशा फल से अच्छा ही होता है.
  • दुसरो के बारे में सोचने से बेहतर है की अपने कार्य पर ध्यान दे, आप अपने कार्य पर ध्यान दे, दुसरे व्यक्ति क्या कर रहे हैं, उसके बारे में सोचना बंद कर दे, और अपने कार्य को बेहतर बनाने की कोशिश करे, दुसरे व्यक्ति जो अपना काम कर रहे हैं, वह अपना कर्म कर रहे हैं, आप भी अपना कर्म करे.
  • आप अपने बीते हुए कल को ठीक नहीं कर सकते हैं, तथा अपने भविष्य को देख भी नहीं सकते हैं, इसलिए व्यर्थ की चिंता करना छोड़ दे, और वर्तमान में जीना शुरू कर दे.
  • यह शरीर ना ही आपका है, और ना ही आप शरीर के है, यह शरीर पंचतत्वों से बना हुआ है, इसमें ही समा भी जाएगा, सिर्फ आत्मा आपकी है आप कौन है इसके बारे में विचार करे.
  • आप अपने कार्य को अच्छे तरीके से तथा ईमानदारी से करे, इसमें ही आपको ख़ुशी मिलेगी, इसमें ही आपकी ख़ुशी का रहस्य छिपा हुआ है.
  • आनंद बस आपके मन की स्थिति है, जिसका बाहरी दुनिया से कोई भी लेना देना नहीं हैं.
  • सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के जीवन में प्रसन्नता ना ही इस लोक में है और ना ही अन्य लोक में.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की kis granth mein shri krishna ke vichar hai. इसके अलावा श्री कृष्ण के अनमोल विचार भी आपको बताए हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह kis granth mein shri krishna ke vichar hai आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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