शिव किस भाषा का शब्द है – शिव का अर्थ, रहस्य

शिव किस भाषा का शब्द है – शिव का अर्थ, रहस्य – शिव हिंदू सनातन धर्म के सबसे बड़े भगवान माने जाते हैं. इस दुनिया में शिव के लाखो भक्त हैं. शिव को भोलेनाथ, महादेव, शंकर आदि कई नामो से जाना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की जो भी व्यक्ति शिव को सच्चे मन से याद करता हैं. उनकी सभी मनोकामना शिव पूर्ण करते हैं.

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वैसे तो इस दुनिया में शिव के लाखो भक्त हैं. लेकिन शिव किस भाषा का शब्द है. इसके बारे में शायद ही कुछ लोग जानते होगे. भगवान शिव के बारे में ऐसी ही कुछ जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की शिव किस भाषा का शब्द है तथा शिव का अर्थ क्या हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

शिव किस भाषा का शब्द है  

शिव संस्कृत भाषा का शब्द हैं. और शिव का अर्थ कल्याणकारी माना जाता हैं.

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शिव का अर्थ

शिव का अर्थ मंगलकारी और कल्याणकारी होता हैं. शिव अर्थ में “शि” का अर्थ कल्याणकारी शक्ति और “व” का अर्थ वाम अर्थात प्रवीणता होता हैं. अगर शाब्दिक रूप में शिव का अर्थ समझा जाए. तो सौम्य, दयालु, उदार, मैत्रीपूर्ण, उर्जा, शुभ आदि होता हैं.

शिव कौन है                                  

शिव समस्त ब्रह्मांड के रचयिता माने जाते हैं. शिव ही इस दुनिया के संचालन करता माने जाते हैं. हिंदू सनातन धर्म में शिव को भगवान के रूप माना जाता हैं. शिव को देवो के देव महादेव के नाम से भी जाना जाता हैं. शिव के इसके अलावा 108 और नाम है. और उनके अन्य रूप की पूजा की जाती हैं.

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शिव का रहस्य

शिव के कुछ रहस्य हमने नीचे बताए हैं.

  • शिव के दो पुत्रो के साथ पांच बेटियां भी थी. जिनके बारे में कोई नहीं जानता हैं. उनकी यह पांच बेटियों ने नाग कन्या के रूप में जन्म लिया था. जिनके नाम जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतली था. शिव जितना स्नहे अपने पुत्र को करते थे. उतना ही स्नेह उनकी पुत्रियों से भी करते थे.
  • शिव की एक बहन भी थी. जिसके बारे में कोई नहीं जानता हैं. शिव की बहन का नाम असावरी देवी था. जिनको शिव ने अपनी शक्ति से प्रकट किया था.
  • माता पार्वती को ही सब शिव की पहली पत्नी मानते हैं. लेकिन शिव की पहली पत्नी सती थी. जो भस्म होकर जल गई थी. इसके बाद सती ने ही फिर से पार्वती का जन्म लेकर शिव को प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी. पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने पार्वती से दूसरी शादी की थी.
  • शिव के इस दुनिया में लाखो भक्त हैं. उनके भक्त उनको पुष्प आदि चढाते हैं. लेकिन अगर आप भी शिव के भक्त है और शिव को पुष्प अर्पित करते हैं. तो केतकी का फुल कभी भी अर्पित न करे. क्योंकि यह ब्रह्माजी के झूठ का गवाह बना था. इसलिए शिव को यह पुष्प पसंद नहीं हैं.
  • जिस बाघ के आसन पर शिव विराजमान होते हैं. उस बाघ को शिव ने स्वयं मारा था.
  • शिव के गले में लिपटे हुए नाग का नाम वासुकी हैं. जो शेषनाग के बाद दूसरा नागो का राजा माना जाता हैं.
  • चंद्रमा को शिव की जटाओं में विराजमान होने का वरदान मिला हुआ है. इसलिए चंद्रमा शिव की जटाओं में हमेशा रहते हैं.
  • कुछ भक्त शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर बेलपत्र चढाते हैं. बेलपत्र चढ़ाना अच्छी बात हैं. और यह शिव का पसंदीदा भी माना जाता हैं. लेकिन शिवलिंग पर सिर्फ बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. बेलपत्र के साथ जल अर्पित करना भी जरूरी होता हैं. इसलिए बेलपत्र के साथ जल भी चढ़ाए.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की शिव किस भाषा का शब्द है तथा शिव का अर्थ क्या हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह शिव किस भाषा का शब्द है  – शिव का अर्थ, रहस्य आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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