लिंग किसे कहते हैं | लिंग के कितने भेद / प्रकार होते हैं

लिंग किसे कहते हैं | लिंग के कितने भेद होते हैं | लिंग के कितने प्रकार होते हैं | ling kise kahate hain | ling ke kitne bhed hote hain | ling ke kitne prakar hote hain – हिंदी व्याकरण के अंतगर्त हिंदी लिखने और बोलने के लिए महत्वपूर्ण नियमों और पाठो का अध्ययन किया जाता हैं. इस आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के ऐसे ही महत्वपूर्ण पाठ लिंग के बारे में विस्तार से पढने वाले हैं. लिंग किसे कहते हैं और लिंग के कितने भेद होते हैं. इसका अध्धयन हम इस आर्टिकल में करने वाले हैं.

ling-kise-kahate-hain-ling-ke-kitne-bhed-prakar-hote-hain

लिंग किसे कहते हैं? (ling kise kahate hain)

हिंदी व्याकरण के अनुसार लिंग से तात्पर्य ऐसे प्रावधान से हैं जिसमे वाक्य में कर्ता का रूप स्त्री, पुरुष और संजीव होने पर बदल जाते हैं. हिंदी भाषा में दो लिंग का अस्तित्व हैं. उसी प्रकार संस्कृत भाषा में तीन लिंग का प्रावधान हैं. विश्व की एक चौथाई भाषा में लिंग की व्यवस्था होती हैं. फ़ारसी भाषा में लिंग की कोई व्यवस्था नहीं हैं. और इसी प्रकार अंग्रेजी भाषा में केवल सर्वनाम शब्दों में ही लिंग की व्यवस्था हैं.

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं – सर्वनाम के कितने प्रकार होते हैं – सर्वनाम की परिभाषा

लिंग के उदहारण

  • रमेश पढ़ता हैं.
  • सीता गाती हैं.

प्रथम वाक्य में रमेश कर्ता, एकवचन और पुल्लिंग हैं. अत क्रिया पढ़ता भी वाक्य में पुल्लिंग प्रयोग हुई हैं. अगर कर्ता स्त्रीलिंग होता हैं. तो क्रिया का भी स्त्रीलिंग रूप ‘पढ़ती’ उपयोग में लिया जाता. इसी प्रकार से दुसरे वाक्य में सीता स्त्रीलिंग हैं. और क्रिया का भी स्त्रीलिंग रूप गाती प्रयोग हुआ हैं. गाती का पुल्लिंग रूप गाता होता हैं.

लिंग का शाब्दिक अर्थ

लिंग शब्द का एक संस्कृत शब्द हैं. जिसका अर्थ निशाना होता हैं. वाक्य में जिस संज्ञा शब्द से व्यक्ति की जाति की जानकारी प्राप्त होती हैं. उसे लिंग कहते हैं. लिंग शब्द से पता चलता हैं की व्यक्ति या कर्ता स्त्री या पुरुष हैं.

वचन बदलो क्या हैं? चिड़िया का बहुवचन (chidiya ka bahuvachan)

पुरुष लिंग के उदाहरन

पुरुष लिंग के उदाहरन निम्नलिखित हैं:

बकरा, हाथी, आदमी, कुत्ता, शेर, घोड़ा, पिता, भाई, पति, लकड़ा, मोहन, सोहन, बैल इत्यादि.

स्त्री लिंग के उदाहरन

स्त्री लिंग के उदाहरन निम्नलिखित हैं:

बकरी, गाय, लड़की, मोरनी, पत्नी, खिड़की, कुतिया, माता, बहन, घोड़ी, मोहिनी, हथनी इत्यादि.

लिंग के कितने भेद होते हैं | लिंग के कितने प्रकार होते हैं | ling ke kitne bhed hote hain | ling ke kitne prakar hote hain

हिंदी व्याकरण के अनुसार दो प्रकार के लिंग पुल्लिंग और स्त्रीलिंग होते हैं. वही संस्कृत भाषा में तीन प्रकार के लिंग पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग होते हैं.

क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं? – क्रिया विशेषण की परिभाषा

पुल्लिंग किसे कहते हैं?

वाक्य में जिन संज्ञा शब्दों से कर्ता के पुरुष होने का बोध होता हैं. उन्हें पुल्लिंग कहते हैं.

पुल्लिंग के उदाहण क्या हैं?

बकरा, हाथी, आदमी, प्रेम, लगाव, गुस्सा, पेड़, फूल, कुत्ता, शेर, हंस, घोड़ा, पिता, भाई, सेठ, पर्वत, पति, लकड़ा, मोहन, नाटक, सोहन, मुर्गा, बैल इत्यादि.

पुल्लिंग के अपवाद

वह शब्द जो पढने में स्त्रीलिंग के भांति प्रतीत होते हैं. लेकिन पुल्लिंग शब्द होते हैं. ऐसे शब्द पुल्लिंग अपवाद कहलाते हैं.

विशेषण के कितने भेद होते हैं – विशेषण कितने प्रकार के होते हैं

पुल्लिंग के अपवाद के उदाहरन

दिल्ली, स्त्रीत्व, फरवरी, मोतिया, एवरेस्ट, पक्षी.

स्त्रीलिंग

वाक्य में जिन संज्ञा शब्दों से कर्ता के स्त्री होने का बोध होता हैं. उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं.

स्त्रीलिंग के उदाहण

बकरी, गाय, लड़की, पत्ती, गंगा, लता, गाय, मोरनी, पत्नी, खिड़की, गर्दन, लज्जा, बनावट, कुतिया, नारी, माता, बहन, घोड़ी, मोहिनी, शेरनी, लोमड़ी, हथनी इत्यादि.

स्त्रीलिंग के अपवाद

वह शब्द जो पढने में पुल्लिंग के भांति प्रतीत होते हैं. लेकिन स्त्रीलिंग शब्द होते हैं. ऐसे शब्द स्त्रीलिंग अपवाद कहलाते हैं.

स्त्रीलिंग के अपवाद के उदाहरन

जनवरी, मई, पृथ्वी, मुंग, ज्वार, मिठास, खटास, लस्सी, चटनी, सभा, तिथि, संतान इत्यादि.

Sandhi ke kitne bhed hote hain – sandhi kitne prakar ki hoti hai

स्त्रीलिंग प्रत्यय

हिंदी भाषा में कुछ शब्दों में प्रत्यय जोड़ के पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाना संभव होता हैं. ऐसे शब्दों को स्त्रीलिंग प्रत्यय कहा जाता हैं.

  • नि प्रत्यय = मोर – मोरनी, चोर – चोरनी आदि.
  • आनी प्रत्यय = सेठ – सेठानी, जेठ – जेठानी, देवर – देवरानी आदि.
  • इया प्रत्यय = बेटा – बेटिया, लोटा – लोटिया आदि.
  • ई प्रत्यय = बड़ा – बड़ी, भला – भली आदि.
  • इनी प्रत्यय  = कमल – कमलिनी, योगी – योगिनी आदि.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल (लिंग किसे कहते हैं | लिंग के कितने भेद होते हैं | लिंग के कितने प्रकार होते हैं | ling kise kahate hain | ling ke kitne bhed hote hain | ling ke kitne prakar hote hain) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको लिंग और लिंग के भेद या प्रकार के बारे में सरल भाषा में समझाना हैं. विभिन्न परीक्षाओ की दृष्टि से भी यह ज्ञान अति-आवश्यक हैं. हिंदी व्याकरण के अनुसार लिंग से तात्पर्य ऐसे प्रावधान से हैं जिसमे वाक्य में कर्ता का रूप स्त्री, पुरुष और संजीव होने पर बदल जाते हैं.

वर्ण के कितने भेद होते हैं – वर्ण के कितने प्रकार होते हैं

सोरठा छंद का उदाहरण क्या हैं – सोरठा की परिभाषा – सम्पूर्ण जानकारी

तुकांत शब्द किसे कहते हैं – तुकांत शब्दों के उदहारण

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

1 thought on “लिंग किसे कहते हैं | लिंग के कितने भेद / प्रकार होते हैं”

Leave a Comment

x