भगवान महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था – जन्म, विवाह, तप, मोक्ष

भगवान महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था |mahaveer ka janm kahan hua tha | bhagwan mahaveer swami ka janm kahan hua tha – भारत देश में अनेक ऋषिमुनियों ने समय समय पर जन्म लिया. जिन्होंने समाज को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी हैं. भारत में अनेक धर्म की उत्पत्ति हुई. जिसमे जैन धर्म प्रमुख धर्म हैं. जैन धर्म सत्य और अहिंसा का पाठ सिखाता हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की जैन तीर्थकर भगवान महावीर का जन्म कहा हुआ था. इस आर्टिकल में हम भगवान महावीर के जीवन से जुडी जानकारीया भी प्राप्त करेगे.

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भगवान महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था? (mahaveer ka janm kahan hua tha | bhagwan mahaveer swami ka janm kahan hua tha)

भगवान महावीर का जन्म स्थान ईसा से 599 वर्ष पूर्व वैशाली गणराज्य के क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था. वैशाली वर्तमान में बिहार राज्य के वैशाली जिले में स्थित एक गाँव हैं.

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भगवान महावीर स्वामी की जानकारी

भगवान महावीर जैन धर्म के 24 वे और अंतिम तीर्थकर थे. उनका जन्म ढाई हजार साल पहले हुआ था. जैन धर्म के ग्रंथो के अनुसार समय-समय पर धर्म का रास्ता बताने के लिए धरती पर तीर्थकरो का जन्म होता हैं. जिसमे भगवान ऋषभदेव प्रथम तीर्थकर थे. और भगवान महावीर अंतिम और 24 वे तीर्थकर थे. भगवान महावीर ने 30 साल की उम्र में राज भवन त्याग कर दिया था. और 12 वर्ष तक तप किया था. जिसके बाद उन्हें केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी.

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उन्होंने केवलज्ञान प्राप्त कर पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा की स्थापना के लिए प्रयत्न किये. भगवान महावीर से अहिंसा को सबसे उन्नत गुण बताया. और जैन धर्म के पंचशील सिध्दांत अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य बताए. उन्होंने बताया की इस दुनिया में सभी आत्माए एक समान हैं. इसलिए हमे किसी अन्य के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए. जैसा हम खुद के साथ चाहते हैं. उन्होंने दुनिया को “जियो और जीने दो” का सिध्दांत बतलाया था.

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भगवान महावीर स्वामी का जन्म

भगवान महावीर का जन्म चैत्र शुल्क की तेरस को इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय राजा सिध्दार्थ और रानी त्रिशला के यहा हुआ था. भगवान महावीर का जन्म ईसा से 599 वर्ष पहले हुआ था. उनके जन्म के बाद राज्य में बहुत तेजी से उन्नति हुई थी. इसी कारन इनका नाम वर्धमान रखा गया था. जैन धर्म के ग्रंथो के अनुसार जैन धर्म के 23 वे तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ के निर्वाण के 188 साल बाद महावीर का जन्म हुआ था.

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भगवान महावीर स्वामी का विवाह

भगवान महावीर को दिगंबर परंपरा के अनुसार बाल ब्रह्मचारी बताया गया हैं. वह शुरू से ही शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते थे. और भोग में उनकी कोई रूचि नहीं थी. फिर भी माता पिता से इनकी शादी करवा दी थी. दिगंबर ग्रंथो के अनुसार इन्होने शादी के लिए मना कर दिया था. श्वेताम्बर परम्परा के अनुसार महावीर का विवाह यशोदा नामक सुकन्या के साथ हुआ था. और उनको प्रिदार्शिनी नाम की कन्या भी प्राप्त हुई थी. प्रिदार्शिनी का विवाह राजकुमार जमाली के साथ हुआ था.

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भगवान महावीर स्वामी की तपस्या

महावीर ने 30 वर्ष की आयु में राज भवन और सारे वैभव त्याग करके आत्मकल्याण के मार्ग को चुन लिया था. उन्होंने 12 वर्षो तक लगातार कठिन तपस्या की थी. जिसके फलस्वरूप उन्हें 12 वर्ष के पश्चात् केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. केवलज्ञान की प्राप्ति के बाद उन्होंने ज्ञान को प्रसारित करने का अभियान चलाया. जिसमे कही लोग भगवान महावीर के शिष्य भी बने थे. जैन धर्म के ग्रंथो के अनुसार उनके 11 मुख्य गणधर (शिष्य) थे. जिसमे इंद्रभूति प्रथम शिष्य थे.

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भगवान महावीर स्वामी को मोक्ष प्राप्ति

भगवान महावीर का केवलिकाल का समय 30 वर्ष का रहा था. इस काल में उन्होंने कई अनुयायी बनाए थे. जिसमे प्रमुख राजा चेटक, कुनिक और बिम्बिसार हैं. भगवान महावीर के संघ में कुल 14000 साधू, 36000 साध्वी, 3000000 श्रविकाएं और 100000 श्रावक थे. उन्होंने 72 वर्ष (527 ईसापूर्व) की आयु में बिहार के पावापुरी में मोक्ष प्राप्त किया था. जहा पर भगवान को मोक्षी की प्राप्ति हुई थी. उस स्थान पर वर्तमान में एक जलमंदिर उपस्थित हैं.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (भगवान महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था |mahaveer ka janm kahan hua tha | bhagwan mahaveer swami ka janm kahan hua tha ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको भगवान महावीर के जीवन के बारे में विस्तार से बताना हैं. भगवान महावीर जैन धर्म के 24 वे और अंतिम तीर्थकर थे. भगवान महावीर का जन्म स्थान ईसा से 599 वर्ष पूर्व वैशाली गणराज्य के क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था. उन्होंने पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा की स्थापना के लिए प्रयत्न किये. भगवान महावीर ने अहिंसा को सबसे उन्नत गुण बताया हैं.

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