लोकतंत्र किसे कहते हैं? (loktantra kise kahate hain) – लोकतंत्र की परिभाषा

लोकतंत्र किसे कहते हैं? – loktantra kise kahate hain – लोकतंत्र की परिभाषा – loktantra ki paribhasha – भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश हैं. लोकतंत्र एक प्रणाली है. जो लोगो को शासन में हिस्सा देती हैं. और लोगो को अपनी आजादी को बरकरार रखने की शक्ति देती हैं. पूरी विश्व में अनेक विचारकों के द्वारा लोकतंत्र को विभिन्न तरीकों से समझाया गया हैं. लेकिन वास्तव में लोकतंत्र प्रणाली वही हैं जो लोगो को अपनी बात और विचार रखने का निष्पक्ष अधिकार देती हो.

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लोकतंत्र और स्वतंत्रता दो भिन्न शब्द हैं. लेकिन हमेशा इन दोनों शब्दों के मायने एक जैसे निकाले जाते हैं. स्वतंत्रा वह हैं जो आजादी के लम्बे संघर्ष के बाद प्राप्त की जाती हैं. और लोकतंत्र उस आजादी को बरकरार रखने का तरीका हैं. वास्तव में लोकतंत्र लोगो को सोचने और विचार करने की आजादी ही हैं.

लोकतंत्र किसे कहते हैं? / लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं? / loktantra kise kahate hain

लोकतंत्र का दूसरा नाम प्रजातंत्र भी हैं. लोकतंत्र शासक करने की एक प्रणाली हैं. जिसमे लोग अपना प्रतिनिधि खुद चुन सकते हैं. और जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि शासन की जिम्मेदारी सँभालते हैं. जनता के प्रतिनिधि जनता के लिए और जनता के हित के लिए शासन करते हैं.

लोकतंत्र शब्द दो शब्द लोक + तंत्र से मिलकर बना हैं. जिसका अर्थ होता हैं लोगो का तंत्र या लोगो का शासन.

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लोकतंत्र की परिभाषा क्या हैं? (loktantra ki paribhasha)

लोकतंत्र की परिभाषा – “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन हैं.”

जिसका मतलब बिल्कुल साफ़ हैं लोकतंत्र लोगो के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के द्वारा जनता के हित में कार्य करने की एक शासन प्रणाली हैं.

समय और परिस्थिति के अनुसार लोकतंत्र की अवधारना भी बदलती गई. बुद्दी जीवियो ने लोकतंत्र की विभिन्न अवधारना रखी. जिसमें से बहुत सारी आज तक क्रियान्वित नहीं हुई. निचे हम लोकतंत्र की मुख्य दो अवधारना पर विस्तार से अध्धयन करने वाले हैं.

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प्रतिनिधि लोकतंत्र

प्रतिनिधि लोकतंत्र में जनता सरकारी अधिकारी को सीधे तौर पर चुनती हैं. ये अधिकारी जिले और संसदीय क्षेत्र के अनुसार चुने जाते हैं. यधपि इस प्रक्रिया में प्रतिनिधि लोग या जनता चुनती हैं. लेकिन कार्य करने का तरीका प्रतिनिधि का खुद का होता हैं. जनता निश्चित समय के लिए प्रतिनिधि चुनती हैं. प्रतिनिधि अपनी शक्ति और अधिकार का उपयोग करके संरकारी तंत्र को चलाता हैं.

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निश्चित समय के बाद प्रतिनिधि को अपनी जगह छोडनी पड़ती हैं. और फिर से चुनाव प्रक्रिया के द्वारा नए प्रतिनिधि चुने जाते हैं. इस प्रक्रिया की एक खामी यह भी हैं की एक बार प्रतिनिधि चुनने के पश्चात् उनके अधिकारों और शक्तियों का गलत व्याक्तियो के द्वारा इस्तेमाल होने की आशंका रहती हैं.

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लेकिन इस प्रक्रिया की एक विशेषता यह भी है की निश्चित समय में प्रतिनिधि बदलने के कारन प्रतिनिधियों को जनता के दबाव में जनता के हित में कार्य करना होता हैं. अन्यथा जनता वापस उस प्रतिनिधि को नहीं चुनती हैं.

प्रत्यक्ष लोकतंत्र

प्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में जनता ही पत्यक्ष रूप से शासन में हिस्सा लेती हैं. जनता के चुनाव के आधार पर ही फैसले लिए जाते हैं. और जनता के फैसलों के अनुसार कार्य किये जाते हैं. इसमें कोई प्रतिनिधि नहीं होता हैं. लेकिन बड़े राज्यों और देशों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र शासन व्यवस्था संभव नहीं हैं. छोटे राष्ट्र और राज्य में ही प्रत्यक्ष लोकतंत्र व्यवस्था संभव हैं.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (लोकतंत्र किसे कहते हैं? / लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं / लोकतंत्र की परिभाषा) को लिखने का उद्देश्य आपको लोकतंत्र और उसकी परिभाषा के बारे में अवगत कराना हैं. अकसर प्रतिस्पर्धा परीक्षा में लोकतंत्र के अर्थ के बारे में पूछा जाता हैं. जिसका स्पष्ट उत्तर देना अनिवार्य हैं. इस आर्टिकल में हमने स्पष्ट रूप से लोकतंत्र की व्याख्या की हैं.

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एक सच्चे लोकतान्त्रिक व्यवस्था में न्याय, समानता, स्वतंत्रता, और धर्म निरपेक्षता सर्वोपरि रहती हैं. लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को शासन की शक्ति प्रदान की जाती हैं. जैसे हमारे देश में प्रत्येक व्यक्ति को मत अधिकार के द्वारा शासन की शक्ति प्रदान की गई हैं.

आपको ये आर्टिकल कैसा लगा. ये हमे तभी पता चलेगा जब आप हमें निचे कमेंट करके बताएगे. इस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक फैलाए. ज्यादा से ज्यादा लोगो तक लोकतंत्र और लोकतंत्र की परिभाषा के सम्बन्धित ज्ञान को पहुचाए. धन्यवाद.

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