मौसम किसे कहते है | मौसम व ऋतु में क्या अंतर है | मौसम का महत्व

मौसम किसे कहते है | मौसम व ऋतु में क्या अंतर है | मौसम का महत्व | mausam kise kahate hain –  हम लोग अकसर सुनते है की प्रकति से ऊपर कोई भी नहीं है. हम समाचार में भी कहि बार सुनते है की किसी जगह पर भूकम्प आ गया, तो किसी जगह पर बाढ़ आ गई. इस प्रकार प्रकति अपने खेल दिखाती रहती है. प्रकृति का एक अन्य खेल मौसम भी है. जिस पर किसी भी प्राणी का नियत्रण नहीं है. जैसा भी मौसम है हमे उसके अनुसार ढलना ही पड़ता है.

इस आर्टिकल में हम जानेगे की मौसम किसे कहते है. इसके साथ ही इस आर्टिकल में हम यह भी जानेगे की मौसम और ऋतू में क्या अंतर है तथा मौसम या ऋतू कितने प्रकार की होती है.

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मौसम किसे कहते है | मौसम का अर्थ क्या है | mausam kise kahate hain

किसी स्थान विशेष पर, किसी विशिष्ट समय और वायु मंडल के ठहराव को मौसम कहते है. यहाँ ठहराव की स्पष्टता  कुछ व्यापक परिप्रेक्षय में की जाती है. उसमे अनेक कारको की उपस्थिति एवं अंत:क्रियाए शामिल होती है. जैसे की  हवा की गर्मी, दबाव, उसके बहने की रफ़्तार और दिशा तथा बादल, कोहरा, वर्षा, ओले का गिरना आदि शामिल है. ये अंतक्रियाए ही मुख्य रूप से किसी मौसम को निश्चित करती है.

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मौसम दिन में कही बार बदल सकता है.  किसी जगह पर तापमान, वर्षा, वायु एवं हवा का प्रवाह आदि के संदर्भ में वायुमंडल की प्रत्येक दिन की परिस्थिति उस जगह का मौसम कहलाता है. तापमान, आध्र्ता और अन्य कारक मौसम के घटक कहलाते है. किसी जगह का मौसम प्रत्येक दिन के साथ ही सप्ताह दर सप्ताह भी बदल सकता है.

मौसम एक अत्यंत जटिल प्राकृतिक परिघटना है. यह क्षण में भी बदल  सकता है. मौसम इतनी जटिल प्राकृतिक परिघटना है की उसका पहले से अंदाजा लगाना मुश्किल है जैसे की हम कभी देखते है की धुप आने के तुरंत बाद वर्षा भी आ जाती है इसलिए मौसम का अंदाजा लगाना बड़ा मुश्किल काम है.

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मौसम के बदलने का क्या कारण है

मौसम में सभी बदलाव सूर्य के कारण होते है. वैसे तो सूर्य हमसे बहुत अधिक अंतर की दुरी पर उपस्थित है. परंतु सूर्य के ऊर्जा की क्षमता इतनी अधिक है की पृथ्वी से इतनी दुरी होने के बावजूद सूर्य हमारे लिए संपूर्ण ऊष्मा और प्रकाश का स्त्रोत है. सूर्य उच्च ताप पर गरम गैसों का बहुत बड़ा शक्तिशाली गोला है.

पृथ्वी के थल क्षेत्र, समुन्द्र और वायुमंडल द्रारा अवशोषित और परावर्तित की जाने वाली ऊर्जा भी किसी जगह पर मौसम को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होती है. मौसम किन्ही दो दिन अथवा सप्ताह दर सप्ताह समान नहीं होता. मौसम के सभी परिवर्तन सूर्य पर निर्भर है. सूर्य  से ही वह संचालित होते है. तापमान, वायुदबाव, पवन तथा वर्षण मुख्य तत्त्व है. ये एक दुसरे के साथ क्रिया एवं प्रतिक्रिया करते है. ये तत्व पवन की दिशा एवं गति आदि वायुमंडलीय दशाओ को प्रभावित करता है.

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मौसम व ऋतु में क्या अंतर है

मौसम कभी निश्चित नहीं रहता कहने का मतलब ये है की मौसम परिवर्तनशील है. मौसम में परिवर्तन अचानक से हो जाता है जिसका अनुभव हम हर रोज कर सकते है. मौसम का प्रभाव किसी देश के छोटे से भाग में अनुभव किया जा सकता है. हालाँकि ऋतू परिवर्तन होने में लंबा समय लगता है. उसे परिवर्तन होने में कुछ समय लगता है. इसलिए उसे अनुभव करना कठिन है.

ऋतू को परिवर्तन होने में एक लंबा समय लगता है. जबकि मौसम अचानक से परिवर्तन हो सकता है. पृथ्वी के अक्ष के झुकाव और उसके द्वारा सूर्य का परिक्रमण करने के परिणाम स्वरूप जो माहौल तैयार होता है. उसे ऋतू कहते है. ऋतू के बदलने के साथ मौसम की दशाए भी बदल जाती है.

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मौसम या ऋतू कितने प्रकार के होते है

जैसे हमे पता है मौसम किसी भी वक्त बदल जाता है. लेकिन ऋतू के बदलने में समय लगता है. हमारे देश में मुख्यरूप से 6 प्रकार की ऋतू होती है.जो निम्नलिखित है:

  1. बसंत ऋतु – यह हिंदी महीनो के अनुसार चैत्र-बैशाख और अंग्रेजी महीनो के अनुसार मार्च-अप्रैल में आता है.
  2. ग्रीष्म ऋतू – यह ऋतू हिंदी महीनो के अनुसार ज्येष्ठ-आषाढ़ और अंग्रेजी महीनो के अनुसार मई-जून मै आता है.
  3. वर्षा ऋतू – यह ऋतू हिंदी महीनो के अनुसार श्रावण-भाद्रपद  और अंग्रेजी महीनो के अनुसार जुलाई-अगस्त में आता है.
  4. शरद ऋतू – यह ऋतू हिंदी महीनो के अनुसार आश्विन-कार्तिक और अंग्रेजी महीनो के अनुसार सितम्बर-अक्टूम्बर में आता है.
  5. हेमंत ऋतू –  यह ऋतू हिंदी महीनो के अनुसार अगहन-पौष और अंग्रेजी महीनो के अनुसार नवम्बर-दिसम्बर में आता है.
  6. शिशिर ऋतू – यह ऋतू जो हिंदी महीनो के अनुसार माघ-फाल्गुन और अंग्रेजी महीनो के अनुसार जनवरी-फरवरी में आता है.

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मौसम का महत्व क्या है.

मौसम का हमारी सृष्टि के प्रत्येक जीव जंतु पर काफी असर पड़ता है. मौसम में बदलाव भी हमारे लिए अतिआवश्यक है. मौसम चाहे कितना भी अच्छा और सुखद हो फिर भी हम लोग कुछ समय बाद उससे उबने लगते है. लोग मौसम में परिवर्तन चाहते है. क्योंकि मौसम लंबे समय तक एक जैस रहता है. तो शारीरिक दृष्टी से भी वो अच्छा नहीं है. इन्सान मौसम में बदलाव चाहता है.

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मौसम एक प्राकृतिक घटक है जिसे हमें सहन करना ही होता है. इन्सान अगर चाहे भी तो उसे बदल नहीं सकता. मौसम हमारे मन, शरीर और भावनाओ को भी प्रभावित करता है. कुछ लोग शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति, बच्चे और बूढ़े मौसम परिवर्तन के कारण छोटी मोटी बीमारी का शिकार बन जाते है. उन्हें सर्दी, जुखाम जैसी बीमारी होने की संभावना रहती है.

मौसम के बारे में पहले से जानकरी होना बहुत ही आवश्यक है. क्योंकि इसका असर मानव जीवन पर पड़ता है. इसीलिए मौसम विभाग का गठन किया गया है. जो तापमान, पवन, वर्षा और अन्य वायुमंडलीय घटनाओ के बारे में आकडे एकत्र करता है तथा मौसम की पूर्वानुमान जानकरी देना का कार्य करते है. ताकि लोग पहले से संभावित खतरे से संचेत रहे. यह जानकरी एक सप्ताह या 48 घंटे पहले दी जाती है. मौसम के अचानक से बदलाव के कारण लोगो के दैनिक गतिविधियों और कार्यो पर असर पड़ता है.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (मौसम किसे कहते है | मौसम व ऋतु में क्या अंतर है | मौसम का महत्व | mausam kise kahate hain ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको मौसम और ऋतू और उनके अंतर के बिच में जानकारी देना है. किसी स्थान विशेष पर, किसी विशिष्ट समय और वायु मंडल के ठहराव को मौसम कहते है. मौसम कभी निश्चित नहीं रहता कहने का मतलब ये है की मौसम परिवर्तनशील है. वही ऋतू को परिवर्तन होने में एक लंबा समय लगता है.

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