rachna ke aadhar par shabd ke kitne bhed hote – रचना के आधार पर शब्द भेद

rachna ke aadhar par shabd ke kitne bhed hote – रचना के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं – हिंदी व्याकरण का हिंदी भाषा में एक महत्वपूर्ण स्थान हैं. तथा हिंदी भाषा को शुध्द रूप से लिखने और बोलने के लिए हिंदी व्याकरण में विभिन्न नियम दीए गए हैं. इस आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण पाठ शब्द और रचना के आधार पर शब्द के भेद के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने वाले हैं.

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शब्द किसे कहते हैं परिभाषा

वर्णों के ऐसे समूह को शब्द कहा जाता हैं. जिसका कोई सार्थक अर्थ निकलता हैं. जैसे ‘फल’ शब्द में दो वर्ण फ और ल उपस्थित हैं. तथा फल शब्द हिंदी भाषा का शब्द हैं. जिसका कोई सार्थक अर्थ निकलता हैं. अंत ‘फल’ शब्द हैं.

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पद किसे कहते हैं?

जब शब्द को वाक्य में हिंदी व्याकरण के नियमों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता हैं. तो शब्द को पद मिल जाता हैं. जैसे ‘लड़का’ एक शब्द हैं. अब अगर इसे निम्न वाक्य में प्रयोग करते हैं.

वाक्य: लड़का भाग रहा हैं.

ऊपर दीए गए वाक्य में लड़का कर्ता, एकवचन, और पुल्लिंग शब्द हैं. अंत लड़का शब्द को वाक्य में प्रयोग करने पर पद मिल रहा हैं. इसे ही पद कहा जाता हैं.

शब्द के कितने भेद होते हैं?

हिंदी व्याकरण में शब्द को निम्न आधार पर बाटा गया हैं:

  • उत्पत्ति के आधार पर
  • अर्थ के आधार पर
  • रचना या बनावट के आधार पर
  • प्रयोग के आधार पर
  • व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर

रचना के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं? (rachna ke aadhar par shabd ke kitne bhed hote)

रचना के आधार पर शब्द तीन प्रकार के होते हैं. यह तीन भेद निम्न-अनुसार हैं:

  • रूढ़ शब्द
  • यौगिक शब्द
  • योगरूढ़ शब्द

रूढ़ शब्द

रूढ़ शब्द वह शब्द होते हैं. जो किसी अन्य शब्द को मिलाकर नहीं बने होते हैं. अर्थात रूढ़ शब्द को अगर तोड़ते हैं तो टूटे हुए प्रत्येक शब्द का कोई अर्थ नहीं निकलता हैं. ऐसे शब्दों को रूढ़ शब्द कहते हैं. रूढ़ शब्दों को हिंदी भाषा में मूल शब्द भी कहा जाता हैं.

रूढ़ शब्द के उदहारण: आम, फल, नदी, इत्यादि हैं.

जैसे आम शब्द को दो भागों में तोड़ देते हैं. तो अ और म बनता हैं. अ और म का अलग से कोई अर्थ नहीं निकलता हैं.

कही बार रूढ़ शब्दों का उपयोग विशेष अर्थ के लिए किया जाता हैं. और वह विशेष अर्थ भी रूढ़ बन जाता हैं.

कुत्ता जानवर हैं. अगर कुत्ते शब्द को किसी व्यक्ति के लिए उपयोग करते हैं. जैसे: मोहन कुत्ता हैं. तो इस शब्द का अर्थ रूढ़ निकलता हैं.

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यौगिक शब्द

जब किसी शब्द को तोड़ते हैं. और प्रत्येक शब्द का कोई सार्थक अर्थ निकलता हैं. तो उसे यौगिक शब्द कहा जाता हैं. अर्थात दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों से मिलकर बनने वाले शब्द को यौगिक शब्द कहा जाता हैं.

यौगिक शब्द के उदाहरन:

सुकन्या = सु + कन्या

गाडी +वाला = गाड़ीवाला

नाटक +कार =नाटककार

हिंदी भाषा में यौगिक शब्द को भी तीन भागों में बाटा गया हैं.

  • उपसर्ग और मूलशब्द से बनने वाले यौगिक शब्द. उदहारण: सुकन्या = सु + कन्या

सुकन्या में सु उपसर्ग हैं. क्योंकि मूल शब्द के पहले लगा हैं. तथा कन्या हिंदी भाषा का मूलशब्द हैं.

  • मूलशब्द और प्रत्यय से बनने वाले यौगिक शब्द. उदहारण: शत्रुता = शत्रु + ता

शत्रुता शब्द में शत्रु मूल शब्द हैं. तथा ता शत्रुता शब्द के पीछे लगा हैं. अंत प्रत्यय हैं.

  • दो मूल शब्दों से बनने वाले यौगिक शब्द. उदहारण: देवालय = देव + आलय

देवालय शब्द में देव और आलय दोनों मूल शब्द हैं. अथार्त दोनों शब्दों का सार्थक अर्थ निकलता हैं.

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योगरूढ़ शब्द

ऐसे शब्द जिन्हें तोड़ने पर शब्दों का सार्थक अर्थ तो निकलता हैं. लेकिन योगरूढ़ शब्द विशेष शब्द होते हैं. जिन्हें हिंदी भाषा में विशेष व्यक्ति या वास्तु या प्राणी को संबोधित करने के लिए उपयोग किये जाते हैं.

योगरूढ़ शब्द के उदहारण : एकदंत, मुरलीधर, शिवशंभु.

एकदंत शब्द दो शब्द के योग से बना हैं. लेकिन हमारे संस्कृति और हिंदी भाषा में एकदंत का उपयोग भगवान श्री गणेश जी के लिए उपयोग किया जाता हैं. अंत यह शब्द विशेष अर्थ प्रकट करता हैं.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (rachna ke aadhar par shabd ke kitne bhed hote – रचना के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको शब्द और रचना के आधार पर शब्द के भेद या प्रकार के बारे में सरल भाषा में समझाना हैं. विभिन्न परीक्षाओ की दृष्टि से यह ज्ञान अति-आवश्यक हैं. रचना के आधार पर हिंदी व्याकरण में शब्द तीन प्रकार या भेद के होते हैं.

आपको ये आर्टिकल कैसा लगा. ये हमे तभी पता चलेगा जब आप हमें निचे कमेंट करके बताएगे. इस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक फैलाए. ज्यादा से ज्यादा लोगो तक शब्द और रचना के आधार पर हिंदी व्याकरण में शब्द तीन प्रकार या भेद के सम्बन्धित ज्ञान को पहुचाए. धन्यवाद.

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