स्वर वर्ण के कितने भेद होते हैं – स्वर वर्ण के कितने प्रकार होते हैं

स्वर वर्ण के कितने भेद होते हैं? (sawar ke kitne bhed hote hain in hindi/ swar kitne prakar ke hote hain) – प्रत्येक भाषा का आधार उनके वर्ण (Characters) होते हैं. और प्रत्येक वर्ण की कुछ लिपि (Script) होती हैं. जिसे वर्ण संकेत कहते हैं. हिंदी भाषा में वर्णों को विभाजित किया गया हैं. वर्णों को उसके बोलने में लग रहे समय और मुह तथा होठो की स्थिति के आधार पर विभिन्न भागों में विभाजित किया गया हैं. इस आर्टिकल (स्वर वर्ण के कितने प्रकार होते हैं) में हम आपको स्वरों के विभिन्न भेद के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं.

स्वर और इसके भेद समझने से पहले हमे वर्ण समझना जरुरी हैं. हिंदी व्याकरण का एक जरुरी पाठ वर्ण हैं. स्वर वर्ण का ही एक प्रकार हैं. जिसके बारे में हम विस्तार से इस आर्टिकल में समझने वाले हैं.

वर्ण किसे कहते हैं?

वर्ण भाषा की मूल इकाई होती हैं. जिसे ओर अधिक तोडा या छोटा नहीं किया जाता हैं. वर्ण के उदाहरण अ, ई, च, व, क, ख इत्यादि हैं.

वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई हैं. जिसे ओर अधिक तोडना संभव नहीं हैं. वर्ण के समूह से ही शब्दों का निर्माण होता हैं. प्रत्येक वर्ण की एक लिपि होती हैं. जिसे वर्ण संकेत भी कहा जाता हैं. हिंदी भाषा में कुल 52 वर्ण होते हैं.

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स्वर वर्ण किसे कहते हैं?

स्वर उन ध्वनियों को कहते हैं. जिन्हें उच्चारण करने के लिए किसी अन्य वर्ण की सहायता की जरूरत नहीं होती हैं. स्वर वर्ण का ही एक प्रकार हैं. तथा स्वन्त्र तरीके से बोले जाते वाले वर्ण की स्वर कहलाते हैं. हिंदी भाषा में कुल ग्यारह स्वर होते हैं. ये ग्यारह स्वर निम्न हैं: ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ.

हिंदी भाषा में ॠ को आधा स्वर माना जाता हैं. लेकिन ये स्वर नहीं होता हैं. ऌ, अं और अः को स्वर में शामिल नहीं किया जाता हैं. इसके साथ ही ऍ, ऑ विदेशी ध्वनियों को भी स्वर माना जाता हैं तो कुल 13 स्वर हो जाते हैं. लेकिन हिंदी व्याकरण के अनुसार स्वर 11 ही होते हैं.

स्वर वर्ण के कितने भेद होते हैं / स्वर वर्ण के कितने प्रकार होते हैं? (sawar ke kitne bhed hote hain in hindi / swar kitne prakar ke hote hain)

स्वर एक पूर्ण ध्वनि हैं. तथा ध्वनि को उच्चारण करने में समय लगता हैं. इसी अनुसार स्वरों को भी उच्चारण करने के समय के आधार पर विभाजित किया गया हैं. इस प्रकार से स्वरों को तीन भागों में विभाजित किया गया हैं. जो निम्न प्रकार से हैं:

  1. ह्रस्व स्वर
  2. दीर्घ स्वर
  3. प्लुत स्वर

ह्रस्व स्वर

ह्रस्व स्वर में उन स्वरों को लिया गया हैं. जिसके उच्चारण में सबसे कम समय लगता हैं. ह्रस्व स्वर को उच्चारण करने में कम समय लगने का मुख्य कारन इनमे एक मात्रा होना हैं. ह्रस्व स्वर का उदाहरन अ, इ, उ हैं. इन वर्णों में सिर्फ एक मात्रा होती हैं. अंत इन्हें उच्चारण करने में दो मात्रा वाले स्वरों से कम समय लगता हैं.

एक मात्रा वाले स्वर ह्रस्व स्वर में गिने जाते हैं.

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दीर्घ स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से ज्यादा समय लगता हैं. उन्हें दीर्घ स्वर में शामिल किया जाता हैं. ह्रस्व स्वर में एक मात्रा होती हैं. उसी प्रकार से दीर्घ स्वर में एक की जगह दो मात्रा होती हैं. दो मात्रा होने के कारन ही इन्हें उच्चारण करने में ह्रस्व स्वर  से ज्यादा समय भी लगता हैं. दीर्घ स्वर के उदाहरण आ, ई, ऊ हैं.

अ शब्द अ और अ को जोड़ कर बना हैं. इसी प्रकार से अन्य भी निम्न अनुसार हैं:

आ = अ + अ

ई = इ + इ

ऊ = उ + उ

प्लुत स्वर

प्लुत स्वर ऐसे स्वर होते हैं. जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी ज्यादा समय लगता हैं. प्लुत स्वर के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से तीन गुना समय लगता हैं. क्योंकि इसमें तीन मत्राए होती हैं. इसका एक अच्छा उदाहरण ‘ओउम’ शब्द हैं. इस शब्द में तीन मात्राए हैं.

सामान्य रूप से हिंदी भाषा में तीन मात्रा के वर्ण का उपयोग नहीं किया जाता हैं. लेकिन वैदिक भाषा में तीन मात्रा वाले शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं. प्लुत स्वर के उदाहरन वो शब्द भी हैं. जिन्हें किसी को पुकारने के लिए उपयोग किया जाता हैं. इसके उदाहरण सुनोऽऽ, राऽऽम इत्यादि हैं.

ऊपर दिए गए तीन स्वरों के अतिरिक्त भी एक अन्य स्वर होता हैं. जिसे सयुंक्त स्वर कहते हैं.

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सयुंक्त स्वर

सयुंक्त स्वर वो स्वर होते हैं. जो दो असमान स्वरों से मिलकर बनते हैं. सयुक्त स्वर का उदाहरण ए, ऐ, ओ और औ हैं.

सयुक्त स्वर निम्न प्रकार से हैं:

अ / आ + इ / ई = ए

अ / आ + ए = ऐ

अ / आ + उ / ऊ = ओं

अ / आ +  = औ

हिंदी भाषा के कुल 11 स्वर निम्न प्रकार से हैं:

  • अ /ə /
  • आ /ɑ: /
  • इ / i /
  • ई / i: /
  • उ / u /
  • ऊ / u: /
  • (ऋ = ‘रि’, आधुनिक हिन्दी में / ri /)
  • ए / ei /
  • ऐ /æ: /
  • ओ / o: /
  • औ /ɔ: /
  • ऍ /ɛ /
  • (ऑ /ɔ /)

अंग्रेजी भाषा के स्वर

अंग्रेजी भाषा में पांच स्वर होते हैं. जिन्हें अंग्रेजी में vowel कहते हैं.

A E I O U

स्वरों को अन्य तरीकों से भी विभाजित किया गया हैं.

मुह के आकार के आधार पर स्वर वर्ण के भेद / प्रकार

स्वरों के उच्चारण में मुह की स्थिति के आधार पर स्वरों को निम्न प्रकार से विभाजित किया गया हैं.

विवृत

जिन स्वरों के उच्चारण में मुह पूरा खुला हुआ हो. अथार्त जीभ निचे गिरी हो. इन्हें विवृत स्वर में सम्मिलित किया जाता हैं. इसका उदाहरण ‘आ’ हैं.

अर्धविवृत

अर्धविवृत में ऐसे स्वरों को लिया जाता हैं. जिनके उच्चारण में मुह सिर्फ आधा खुला होता हैं. अर्धविवृत स्वरों के उदाहरण अ, ऐ और औ हैं.

संवृत

संवृत स्वर वह स्वर होते हैं. जिनके उच्चारण में मुह बहुत कम खुलता हैं. इसके उदाहरण इ, ई, उ और ऊ हैं.

अर्धसंवृत

अर्धसंवृत स्वर वह स्वर जिनके उच्चारण में मुह संवृत स्वर से भी कम खुलता हैं. अर्धसंवृत का उदाहरण ए और ओ हैं.

होठों के आकार के आधार पर स्वर वर्ण के भेद / प्रकार

उच्चारण के समय होठो के आकार के अनुसार स्वरों को निम्न अनुसार विभाजित किया गया हैं.

वृताकार स्वर

वृताकार स्वर वह स्वर होते हैं. जिनके उच्चारण में होठ पूरी तरह से गोल या वृताकार आकार में खुलते हैं. वृताकार स्वर के उदाहरन उ, ऊ, ओं और औ हैं.

अवृताकार स्वर

अवृताकार स्वर वह स्वर होते हैं. जिनके उच्चारण में होठ अवृताकार आकार में खुलते हैं. अवृताकार स्वर के उदाहरन इ, ई, ए और ऐ हैं.

उदासीन स्वर

उदासीन स्वर वह स्वर होते हैं. जिनके उच्चारण में होठ उदासीन रहते हैं. उदासीन स्वर का एक अच्छा ‘अ’ हैं.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल स्वर वर्ण के कितने भेद होते हैं? (sawar ke kitne bhed hote hain in hindi / swar kitne prakar ke hote hain) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको स्वर और स्वरों के विभिन्न प्रकार के बारे में विस्तार से बताना हैं. स्वरों को उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर विभाजित किया गया हैं. इसके साथ ही स्वरों को होठो और मुह की स्थिति के आधार पर भी विभाजित किया गया हैं. वर्ण के अनेक प्रकार होते हैं. जिनमे से स्वर भी एक प्रकार हैं.

आपको ये आर्टिकल (स्वर वर्ण के कितने प्रकार होते हैं) कैसा लगा. ये हमे तभी पता चलेगा जब आप हमें निचे कमेंट करके बताएगे. इस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक फैलाए. और ज्यादा लोगो तक स्वर और स्वरों के भेद से सम्बन्धित ज्ञान को पहुचाए.

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