तारे क्यों टिमटिमाते है | तारे किसके प्रकाश से चमकते हैं | तारे टिमटिमाते हैं ग्रह नहीं क्यों

तारे क्यों टिमटिमाते है | tare kyon timtimate hain | तारे किसके प्रकाश से चमकते हैं  – हमारा ब्रह्माण्ड अनेक रहस्यों से भरा हुआ है. तथा ब्रह्माण्ड को कोई भी आज तक पूरी तरफ से नहीं समझ सका है. हमारे वैज्ञानिक जितना ब्रह्माण्ड को समझने की कोशिश करते है .उतने ही रहस्य और गहरे होते जाते है .इन्ही रहस्यों में से एक रहस्य तारो का चमकना है. आपको इस आर्टिकल में हम बताएगे की तारे क्यों चमकते है और इसके पीछे क्या कारण है.

इसके साथ ही इस आर्टिकल में हम बताएगे की तारो का निर्माण कैसे होता है. तथा चंद्रमा और ग्रह हमे टिमटिमाते प्रतीत क्यों नहीं होते है. इस आर्टिकल में हम आप जानने वाले हो की सप्तऋषि तारो के बारे में तो फिर पढ़ते रहिए.

tare-kyon-timtimate-hain-kitne-hote-kiske-prakash-se-chamkte-grah-kyo-nhi (1)

तारे क्यों टिमटिमाते है | tare kyon timtimate hain

हमारी पृथ्वी के चारो ओर वायुमंडल का आवरण है. वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते है. इस अपवर्तन का कारण पृथ्वी के चारो ओर वायुमंडल है. उसमे धुल के कण, घने बादल, काफी प्रकार के गैस एवं वायरस आदि मौजूद होते है. पृथ्वी के वायुमंडल में अलग-अलग परते पाई जाती है और इन परत का तापमान अलग अलग होता है.

Agra ka lal kila kisne banwaya tha | इतिहास, सरंचना, पुराना नाम – सम्पूर्ण जानकारी

जब तारो की चमक एवं तारो से निकलती हुई प्रकाश की किरण पृथ्वी के वायुमंडल को पार करती है. तब तापमान में अंतर के कारण विवर्तन होता है. इस वजह से तारे टिमटिमाते हुए दिखाई देते है. वैसे तो तारे एक समान ही चमकते है. परंतु तारे की रोशनी पृथ्वी एवं हमारी नेत्र तक पहुचने से पहले वायुमंडल में कई अवरोध आते है इस वजह से हमें लगता है की तारे टिमटिमा रहे है.

तारे टिमटिमाते हैं ग्रह नहीं क्यों

तारे पृथ्वी से काफी दुरी पर होते है. तारो में जो चमक होती है वह हमेशा समान होती है. तारो का प्रकाश हमारे आखो तक पहुचे तब तक वायुमंडल में अवरोधों के कारण हमें तारे टिमटिमाते अर्थात चमकते हुए दिखाई देते है. हालाँकि ग्रह जो होते है वह तारो की तुलना में पृथ्वी से काफी नजदीक होते है. ग्रहों को अगर टेलिस्कोप के द्वारा देखा जाए तो एक डिस्क तरह दीखते है.

मौसम किसे कहते है | मौसम व ऋतु में क्या अंतर है | मौसम का महत्व

ग्रह से आनेवाले प्रकाश की मात्रा अधिक एवं तीव्र होती है. नजदीक होने कारण ग्रह से निकलता हुआ प्रकाश जब वायुमंडल से होकर गुजरता है. तब यह प्रकाश वायुमंडल में तापमान की भिन्नता से प्रभावित नही होता और इसका विवर्तन नहीं होता. इसलिए हमें ग्रह टिमटिमाते हुए दिखाई नई देते.

tare-kyon-timtimate-hain-kitne-hote-kiske-prakash-se-chamkte-grah-kyo-nhi (2)

चंद्रमा और ग्रह टिमटिमाते प्रतीत नहीं होते हैं. क्यों?

चंद्रमा और ग्रह पृथ्वी से काफी नजदीक है. इनको टेलिस्कोप की मदद से देखा जाए तो वह दिखाई देते है. चंद्रमा और ग्रहों से निकलता हुआ प्रकाश बहुत तीव्र एवं अधिक होता है. जब चंद्रमा और ग्रहों से निकलता हुआ तीव्र प्रकाश वायुमंडल से होकर गुजरता है. तो यह वायुमंडल में तापमान की भिन्नता और वायुमंडल में मौजूद धुल की कणों से प्रभावित नहीं हो पाता. और इसका विवर्तन नहीं हो पाता इसी वजह से हमें चंद्रमा और ग्रह टिमटिमाते प्रतीत नहीं है.

दक्षिण भारत की गंगा किस नदी को कहा जाता है | दक्षिण की गंगा और दक्षिण भारत की गंगा

तारे किसके प्रकाश से चमकते हैं

तारे सूर्य से भी काफी अधिक दुरी पर मौजूद होते है. इसलिए हमें लगता है की तारे सूर्य की रोशनी से चमकते होंगे लेकिन ऐसा नहीं है. जैसे सूर्य एक बहुत बड़ा आग का गोला है. वह अपने खुद के प्रकाश से चमकता है. उसी तरह तारो का भी खुद का प्रकाश होता है. इसी वजह से तारे अपने खुद के प्रकाश से चमकते है.

टीवी किस दिशा में लगाना चाहिए | फ्रिज, मंदिर, अलमारी ड्रेसिंग टेबल, घडी की दिशा

तारो का निर्माण कैसे होता है

तारो को अगर एक छोटीसी परिभाषा देनी हो तो तारा एक चमकती हुई गैस होती है. जिसमे हाइड्रोजन और हीलियम की मात्रा सबसे अधिक होती है. जब नेब्युला यानि की गैस और धुल के बादल अपनी ग्रेविटी के कारण इक्कठा होने लगते है. तब वह एक तारे का रूप ले लेते है.

tare-kyon-timtimate-hain-kitne-hote-kiske-prakash-se-chamkte-grah-kyo-nhi (3)

तारे कितने प्रकार के होते है

तारे सात प्रकार के होते है. जो निम्नलिखित है.

(1)ProtoStar

(2)T Tauri Star

(3) Main Secuque Star

(4) Red Gaint Star

(5) White Darwf Star

(6) Red Darwf Star

(7) Newtron Star

जिन्हें सप्तर्षि तारो से जाना जाता है. इन तारो के नाम हमारे ऋषियों के नाम पर रखे गए है. वह तारो के नाम निम्लिखित है.

(1)क्रतु

(2)पुलह

(3)पुलस्त्य

(4)अत्रि

(5)अंगिरस

(6)वशिष्ठ

(7)मारीच

अन्तरिक्ष में कितने तारे है

पुरे ब्रह्मांड में दस हजार करोड़ आकाशगंगा है. और एक आकाशगंगा में करीब बीस हजार करोड़ तारे है. मतलब आप समज  सकते है की तारो की संख्या अनगिनत है.

माँ काली की घर में फोटो क्यों नहीं रखनी चाहिए | माँ काली को बुलाने का मंत्र

निष्कर्ष

इस आर्टिकल को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको तारो के बारे में विस्तार से जानकरी देना है. हमारी पृथ्वी के चारो ओर वायुमंडल का आवरण है. वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते है. इस अपवर्तन का कारण पृथ्वी के चारो ओर वायुमंडल है. तारो को अगर एक छोटीसी परिभाषा देनी हो तो तारा एक चमकती हुई गैस होती है. जिसमे हाइड्रोजन और हीलियम की मात्रा सबसे अधिक होती है.

पारस पत्थर क्या हैं | पारस पत्थर की पहचान क्या है

संथाल विद्रोह का नेता कौन था – संथाल विद्रोह की जानकारी

महानगर क्या हैं | महानगर की संवैधानिक परिभाषा क्या हैं

इटली का राष्ट्रिय एकीकरण कब हुआ था | इटली के एकीकरण की कहानी

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

1 thought on “तारे क्यों टिमटिमाते है | तारे किसके प्रकाश से चमकते हैं | तारे टिमटिमाते हैं ग्रह नहीं क्यों”

Leave a Comment

x