Vinegar/ sirka kya hota hai | विनेगर कैसे बनता हैं

vinegar kya hota hai | sirka kya hota hai | विनेगर किसे कहते हैं | विनेगर कैसे बनता हैं | विनेगर क्या काम आता है – हमारे शरीर में अनेक अम्ल होते हैं. यह अम्ल शरीर के अंदर विभिन्न प्रक्रियाओ में मदद करते हैं. इसमें से एक अम्ल विनेगर (vinegar) भी हैं. जिसे हिंदी में सिरका कहा जाता हैं. सिरका आमतौर आपको हमारे देश में आसानी से उपलब्ध हो जाता हैं. तथा विभिन्न खाने की वस्तुओ में भी इसका उपयोग होता हैं.

लेकिन आपको पता हैं की सिरका क्या होता हैं. तथा इसके क्या फायदे और नुकसान हैं. तो इस आर्टिकल में हम आपको बताएगे की सिरका या विनेगर किसे कहते हैं. तथा इसके क्या फायदे तथा नुकसान हैं.

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विनेगर किसे कहते हैं | vinegar kya hota hai | sirka kya hota hai

विनेगर को हिंदी में सिरका भी कहा जाता हैं. विनेगर में मुख्यरूप से एसिटिक एसिड होता हैं.

तथा यह किसी भी खाध्य प्रदार्थ जैसे सेव, शकरकंद, अंगूर इत्यादि का खमीरीकरण करने से प्राप्त होता हैं. विनेगर अनेक प्रकार के हो सकते हैं. जैसे अंगूर का सिरका, सेव का सिरका, मदिरा सिरका, जामुन का सिरका इत्यादि.

जिस फल का खामिरिकरण करने के पश्चात् जो सिरका या विनेगर प्राप्त होता हैं. उसे उसके नाम से साथ सिरके का नाम दिया जाता हैं. सिरके का इतेमाल हमारे देश में प्राचीन काल से हो रहा हैं. तथा हमारे प्राचीन आर्युवेद विज्ञान में यह एक विशेष औषधि भी हैं. सिरका बनने का प्रमुख आधार शर्करा हैं. जिन फलो में शर्करा की मात्रा अधिक होती हैं. उनसे सिरका बनाया जाता हैं. यह अधिक शर्करा वाले फल अंगूर, शकरकंद, सेव, संतरे, जामुन इत्यादि हैं.

हमारे खाने में भी एसिटिक एसिड होता हैं. जो पेट के अंदर खाना पचाने में मदद करता हैं. इसके साथ ही विनेगर प्रत्येक जीव जन्तुओ में भी पाया जाता हैं.

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विनेगर कैसे बनता हैं

सिरका बनाने के लिए फलो के रस का खामिरिकरण करना होता हैं. यह दो प्रकार की विधि से होता हैं. जो निम्नअनुसार हैं:

मंद गति विधि

इस विधि में सिरका बनाने के लिए 3 से 6 महीनो का समय लगता हैं. तथा यह पूर्ण रूप से एक प्राकृतिक विधि हैं. इसमें फलो के रस को बर्तनों में रख दिया जाता हैं. तथा बर्तन को सिर्फ तिन चौथाई ही भरा जाता हैं. ताकि बर्तन में रखा रस हवा के संपर्क में आ सके. उसके बाद इसमें ऊपर से सिरका (जिसमे एसिटिक अम्ल होता हैं) डाला जाता हैं. जिससे किण्वन क्रिया आरंभ होती हैं. जिससे सिरका प्राप्त होता हैं.

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तेज गति विधि

ज्यादातर सिरका बनाने में तेज गति विधि का प्रयोग किया जाता हैं. इसमें बर्तन के अंदर लकड़ी का बुरा डाला जाता हैं. जिससे हवा निचे से ऊपर की ओर उठ सके. तथा इस बर्तन में ऊपर से एसिटिक अम्ल डाला जाता हैं. इसके पश्चात् फलो के रस को ऊपर से धीरे-धीरे डाला जाता हैं. जिससे निचे से उठने वाली हवा एसिटिक अम्ल से संपर्क के साथ फलो के रस के संपर्क में आता हैं. और किण्वन प्रक्रिया होती हैं. यह प्रक्रिया तब तक की जाती हैं. जब तक की रस का पूर्ण रूप से सिरका नहीं बन जाए.

विनेगर क्या काम आता है?

विनेगर में एसिटिक एसिड होता हैं. जिसका उपयोग विभिन्न उधोगो में केमिकल साल्वेंट के रूप में किया जाता हैं. यह इतना घातक होता हैं. कि अगर यह आपकी त्वचा पर गिर जाए तो आपकी चमड़ी जल जाती हैं. वेनिगर के निम्नलिखित उपयोग हैं:

  • विनेगर का उपयोग 18 वी सदी में कैंसर के ट्यूमर के इलाज में होता था. क्योंकि विनेगर में एंटीबैक्टीरिया गुण पाए जाते हैं. अत वेनिगर को धीरे धीरे ट्यूमर में इंजेक्ट करने पर कैंसिल का ट्यूमर निष्क्रिय हो जाता हैं.
  • चूँकि सिरका में एंटीबैक्टीरिया गुण होते हैं. इसलिए इसका उपयोग बाहरी त्वचा पर बैक्टरिया को नष्ट करने के लिए होता हैं.
  • जो व्यक्ति अपना वजन कम करना चाहते हैं. अगर वह व्यक्ति नियमित रूप से विनेगर का सेवन करते हैं. तो उनकी भूख मिट जाती हैं. जिससे वजन कम करने में मदद मिलती हैं.
  • मधुमेह के रोगियों के लिए विनेगर रामबाण की तरह कार्य करता हैं. विनेगर के सेवन से शुगर लेवल को कम किया जा सकता हैं.
  • कान के बाहरी परत पर इन्फेक्शन होने पर वेनिगर के इस्तेमाल से इंजेक्शन ठीक हो जाता हैं.
  • हमारे घरो में विभिन्न खाने की वस्तुओ जैसे अचार, सलाद, बेकिंग वस्तुओ में विनेगर का प्रयोग होता हैं. इसका उपयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने में भी होता हैं.
  • आधा चम्मच विनेगर को एक लीटर गर्म पानी में मिश्रण के साथ त्वचा पर रोज लगातार लगाने पर आपकी त्वचा में चमक आ जाती हैं.

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लेकिन हमे यह ध्यान रखना आवश्यक हैं की हमारे शरीर के लिए जरुरी विनेगर हमे फल और सब्जियों से प्राप्त होता हैं. इसके लिए हमे अलग से विनेगर लेनी की जरूरत नहीं होती हैं.

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विनेगर के नुकसान क्या हैं?

विनेगर या सिरका बहुत अम्लीय प्रवर्ती का होता हैं. अत अगर यह सीधे तौर पर आपने चमड़ी या मुह के अंदर दांतों के संपर्क में आ जाए तो बहुत बड़ी मात्रा में हानि पंहुचा सकता हैं.

  • कुछ लोगो को सिरका लेने से एलर्जी होती हैं. यह एलर्जी सास लेने में तकलीफ जैसी घाटक भी हो सकती हैं.
  • सेब के सिरके का अत्यधिक इस्तेमाल से पेट में जलन होती हैं.
  • कुछ महीनो तक लगातार विनेगर के इस्तेमाल से शरीर में पोटैशियम की कमी होती हैं. जिससे हृदय से जुड़ी घाटक बीमारी हो सकती हैं.
  • अधिक मात्रा में सिरका लेने से हड्डिय कमजोर हो जाती हैं.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (vinegar kya hota hai | sirka kya hota hai | विनेगर किसे कहते हैं | विनेगर कैसे बनता हैं | विनेगर क्या काम आता है) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको सिरके के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं.  विनेगर में मुख्यरूप से एसिटिक एसिड होता हैं. तथा यह किसी भी खाध्य प्रदार्थ जैसे सेव, शकरकंद, अंगूर इत्यादि का खमीरीकरण करने से प्राप्त होता हैं. एसिटिक एसिड उपयोग विभिन्न उधोगो में केमिकल साल्वेंट के रूप में किया जाता हैं. यह इतना घातक होता हैं. अगर यह आपकी त्वचा पर गिर जाए तो आपकी चमड़ी जल जाती हैं.

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