viranjak churn ka sutra – विरंजक चूर्ण बनाने की विधि -विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम क्या -विरंजक चूर्ण का भौतिक गुण -विरंजक चूर्ण का उपयोग – रसायन विज्ञान में ऐसे बहुत सारे रसायन हैं. जिसका उपयोग हम दैनिक जीवन में करते हैं. उसमे में से एक विरंजक चूर्ण भी हैं. अकसर विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में विरंजन चूर्ण से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं. इसलिए इस आर्टिकल में हम विरंजक चूर्ण से जुड़े प्रत्येक बस्तुओ को विस्तार में बता रहे हैं.
विरंजक चूर्ण क्या है?
विरंजक एक ऐसा रसायन हैं जो कपड़ो पर से दाग और धब्बों को हटाता हैं. हमारे घरों में ब्लीच का उपयोग अकसर कपड़ो को धोने के लिए किया जाता हैं. ब्लीच भी एक क्लोरिन विरंजक रसायन ही हैं. विरंजक का उपयोग कीटनाशक के रूप में भी होता हैं. विरंजक चूर्ण को कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड या चुने की क्लोरिड भी कहते हैं.
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विरंजक चूर्ण का सूत्र क्या होता है? (viranjak churn ka sutra)
विरंजक चूर्ण का रासायनिक सूत्र = Ca(ClO)₂
विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम क्या हैं?
विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड हैं.
विरंजक चूर्ण का भौतिक गुण क्या हैं?
विरंजक चूर्ण का भौतिक गुण निम्न-अनुसार हैं:
- विरंजक चूर्ण का रंग हल्का पीला होता हैं.
- विरंजक चूर्ण में क्लोरिन की जैसी तीव्र गंध आती हैं.
- यह पानी में घुलनशील होता हैं.
- विरंजक चूर्ण कार्बन डाई आक्साइड (CO2) के साथ क्रिया करके Cl2 का निष्पादन करता हैं.
CaCl2 + CO2 → CaCo3 + Cl2
विरंजक चूर्ण का उपयोग
- विरंजक का मुख्यरूप से उपयोग वस्त्र उधोग में किया जाता हैं. विरंजक से किसी भी कपड़े पर से आसानी से रंग को निकाला या उड़ाया जा सकता हैं.
- इसका उपयोग पिने के पानी के शुध्दिकरण में किया जाता हैं. पानी के अन्दर विरंजक मिलाने से पानी में उपस्थित जीवाणु नष्ट हो जाते हैं.
- विरंजक चूर्ण का उपयोग बेकिंग सोडा बनाने में भी होता हैं. बेकिंग सोड़ा का रासायनिक सूत्र NaHCo3 होता हैं.
- विरंजक का उपयोग रासायनिक उधोगों में हाइड्रोजन को हटाने में किया जाता हैं.
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विरंजक चूर्ण बनाने की विधि
विरंजक चूर्ण को बनाने की रासायनिक प्रक्रिया को बैचमान विधि कहा जाता हैं. इस विधि में शुष्क चुने में क्लोरिन की अभिक्रिया कराई जाती हैं. जिससे विरंजक चूर्ण प्राप्त होता हैं.
विरंजक चूर्ण बनाने की रासायनिक अभिक्रिया:
Ca(OH)2 + CL2 → CaOCL2 + H2O
बैचमान विधि में निम्न-अनुसार प्रक्रिया होती हैं:
- इस विधि में लोहे का एक स्टैंड होता हैं. जिसमे खाने बने होते हैं.
- इस संयंत्र के ऊपरी भाग में चुना भरा हुआ होता हैं.
- निचे से क्लोरिन और गर्म वायु प्रवाहित की जाती हैं.
- क्लोरिन और बुझे हुए चुने की बिच रासायनिक प्रक्रिया होती हैं. जिससे विरंजक बनता हैं.
- विरंजक चूर्ण इस लोहे के निचे के स्टैंड के खाने में प्राप्त होती हैं.
- बनी हुई गैस लोहे के स्टैंड के ऊपर से निकल जाती हैं.
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