विशेषण के कितने भेद होते हैं – विशेषण कितने प्रकार के होते हैं

विशेषण के कितने भेद होते हैं – विशेषण कितने प्रकार के होते हैं –विशेषण की परिभाषा (visheshan ke kitne bhed hote hain – visheshan ke kitne prakar hote hain) – हिंदी व्याकरण के अंतगर्त हिंदी लिखने और बोलने के लिए महत्वपूर्ण नियमों और पाठो का अध्ययन किया जाता हैं. इस आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के ऐसे ही महत्वपूर्ण पाठ विशेषण के बारे में विस्तार से पढने वाले हैं. विशेषण क्या होते हैं और विशेषण कितने प्रकार के होते हैं. इसका अध्धयन हम इस आर्टिकल में करने वाले हैं.

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एक वाक्य में अनेक शब्द उपस्थित होते हैं. और प्रत्येक शब्द का अपना कोई वजूद होता हैं. जिसके कारन शब्द को वाक्य में प्रयोग किया जाता हैं. जैसे संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, क्रिया विशेषण इत्यादि. विशेषण का भी वाक्य में महत्त्व होता हैं. और वाक्य के निर्माण और वाक्य के भाव को समझने के लिए विशेषण को समझना भी आवश्यक हैं.

Contents

विशेषण किसे कहते हैं? – विशेषण की परिभाषा (visheshan kise kahate hain -what is visheshan in hindi)

वाक्य में उपस्थित वह शब्द जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ जुड़ कर उनकी विशेषताओ को बताते हैं. उन्हें विशेषण कहा जाता हैं. विशेषण विकारी शब्द होते हैं. अर्थात विशेषण शब्दों के रूप वाक्य में प्रयोग करने पर बदल जाते हैं.

विशेषण शब्द के उदाहरण क्या हैं?

विशेषण शब्द के उदहारण : बड़ा, छोटा, नाटा, लम्बा, अच्छा, बुरा, मैला, मीठा, खट्टा इत्यादि हैं.

जैसे: रमेश अच्छा लड़का हैं.

उपयुक्त वाक्य में लड़का एक व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं. और अच्छा शब्द संज्ञा की पहचान बता रहा हैं. की अच्छा लड़का हैं. अंत ‘अच्छा’ शब्द इस वाक्य में विशेषण हैं.

विशेषण के अन्य उदाहरण:

  • मोनिका सुन्दर लडकी हैं.
  • जग में ठंडा पानी हैं.
  • रामू होशियार आदमी हैं.

ऊपर दिए गए तीनों वाक्यों में सुन्दर, ठंडा और होशियार शब्द संज्ञा के साथ जुड़ कर संज्ञा की विशेषता को प्रकट कर रहे हैं. अंत यह शब्द वाक्य में विशेषण शब्द हैं.

विशेषण के कितने भेद होते हैं – विशेषण कितने प्रकार के होते हैं -(visheshan ke kitne bhed hote hain – visheshan ke kitne prakar hote hain)

विशेषण के कुल आठ भेद होते हैं:

  • गुणवाचक विशेषण
  • संख्यावाचक विशेषण
  • परिणामवाचक विशेषण
  • व्यक्तिवाचक विशेषण
  • सम्बन्धवाचक विशेषण
  • तुलनाबोधक विशेषण
  • प्रश्नवाचक विशेषण
  • सार्वनामिक विशेषण

गुणवाचक विशेषण

गुणवाचक विशेषण वह विशेषण होते हैं जो वाक्य में किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण को प्रकट करते हैं.

गुणवाचक विशेषण के उदाहरण: खट्टा, मिट्ठा, अच्छा, बुरा, छोटा, लम्बा, काला, खारा इत्यादि.

गुणवाचक विशेषण के वाक्य:

  • तालाब में काला पानी हैं.
  • यह लम्बी इमारत हैं.
  • नदी में खारा पानी हैं.

ऊपर दिए गए वाक्यों में काला, लम्बी और खारा शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण का बोध करा रहे हैं. अंत यह शब्द गुणवाचक विशेषण हैं.

Shabd ke kitne bhed hote hain – सम्पूर्ण जानकारी उदाहरण सहित

संख्यावाचक विशेषण

वाक्य में उपस्थित वह शब्द जो वाक्य में उपस्थित संज्ञा या सर्वनाम की संख्याओ का बोध कराते हैं. उन शब्दों को संख्यावाचक विशेषण कहते हैं.

संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण: चार, दो, एक, तीन इत्यादि.

संख्यावाचक विशेषण के वाक्य

  • वहा चार गाड़िया खड़ी हैं.
  • मैदान में दो भैसे खड़ी हैं.
  • अलमारी में बीस किताबे पड़ी हैं.

इन वाक्यों में चार, दो और बीस शब्द संख्याए हैं. तथा यह शब्द वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की संख्याओ का बोध करा रहे हैं. अंत यह शब्द संख्यावाचक विशेषण हैं.

परिणामवाचक विशेषण

वाक्य में उपस्थित ऐसे शब्द जो वाक्य में किसी वस्तु की परिणाम या मात्रा को दर्शाते हैं. उन्हें परिणामवाचक विशेषण कहते हैं.

परिणामवाचक विशेषण के उदाहरण: आधा किलो, पूरा, आधा लीटर, 2 किलो, मीटर इत्यादि.

परिणामवाचक विशेषण के वाक्य

  • बाज़ार से आते वक्त दो किलो मिठाई लेके आना.
  • इस कमीज को बनाने के लिए 2 मीटर कपड़ा लगेगा.

इन वाक्यों में दो किलो और 2 मीटर वस्तु के माप को बता रहे हैं. अंत यह शब्द परिणामवाचक विशेषण हैं.

व्यक्तिवाचक विशेषण

व्यक्तिवाचक शब्दों से बने वह शब्द जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को बताते हैं. उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं.

व्यक्तिवाचक विशेषण के उदाहरण: जोधपुरी, नेपाली, बनारसी, भारतीय, पश्चिमी इत्यादि.

व्यक्तिवाचक विशेषण के वाक्य:

  • रमेश अपनी शादी में जोधपुरी सूट पहनेगा.
  • राधा बनारसी साड़ी में आएगी.

ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में जोधपुरी और बनारसी शब्द जोधपुर और बनारस शब्दों से बने हैं. जो व्यक्तिवाचक संज्ञा ही हैं. अंत जोधपुरी और बनारसी शब्द व्यक्तिवाचक विशेषण हैं.

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सम्बन्धवाचक विशेषण

सम्बन्धवाचक विशेषण शब्द वह शब्द होते हैं जो किसी वाक्य में दो वस्तु या व्यक्ति के बिच में सम्बन्ध को प्रकट करते हैं.

सम्बन्धवाचक विशेषण के उदाहरण: बाहरी, भीतरी, अंदरूनी, आखरी इत्यादि.

सम्बन्धवाचक विशेषण के वाक्य:

  • यह अंदरूनी चोट हैं.

इस वाक्य में अंदरूनी शब्द अन्दर शब्द से बना हैं. और चोट के स्थान का बोध करा रहा हैं. यह शब्द चोट के स्थान का शरीर के साथ सम्बन्ध बाहर या अन्दर को प्रकट कर रहा हैं. अंत यह शब्द सम्बन्धवाचक विशेषण हैं.

तुलनाबोधक विशेषण

वाक्य में जब दो या दो से अधिक वस्तुओ या व्यक्तियों की तुलना जिन शब्दों की सहायता से की जाती हैं. उन्हें तुलनाबोधक शब्द कहा जाता हैं.

तुलनाबोधक शब्द के उदाहरण: विशालतम, सबसे सुन्दर, ज्यादा तेज, बहुत असरदार इत्यादि.

तुलनाबोधक विशेषण के वाक्य:

  • हाथी विशालतम प्राणी हैं.
  • यह विधि बहुत असरदार हैं.

इन वाक्यों में विशालतम और बहुत असरदार दो शब्द संज्ञा का अन्य से तुलना का बोध करा रहे. जैसे प्रथम वाक्य में हाथी विशालतम प्राणी हैं. लेकिन किस से हैं? यह वाक्य में दिया गया नहीं हैं. लेकिन हाथी सभी प्राणियों में विशालतम प्राणी हैं. अंत विशालतम शब्द हाथी की तुलना अन्य प्राणियों से करने का बोध करा रहा हैं. अंत यह तुलनावाचक शब्द हैं.

प्रश्नवाचक विशेषण

वाक्य में जिन शब्दों के माध्यम से संज्ञा या सर्वनाम के बारे में सवाल पूछे जाते हैं. उन्हें प्रश्नवाचक विशेषण कहा जाता हैं.

प्रश्नवाचक विशेषण के उदाहरण: कैसे, क्या, कौन, कब, कहा इत्यादि.

प्रश्नवाचक विशेषण के वाक्य

  • रमेश कब शहर जा रहा हैं?
  • क्या मुकेश घर आ रहा हैं?

ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में कब और क्या शब्द वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के बारे में या जानकारी प्राप्त करने के लिए पूछे जा रहे हैं. अंत यह शब्द वाक्य में प्रश्नवाचक शब्द हैं.

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सार्वनामिक विशेषण

वाक्य में जब कोई सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्द के पहले आता हैं. और संज्ञा की विशेषता को बतलाता हैं. उस शब्द को सार्वनामिक विशेषण कहा जाता हैं.

सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण: यह, वह, उस, इस, हमारा, तेरा, मेरा इत्यादि.

सार्वनामिक विशेषण के वाक्य:

  • यह गाड़ी मेरी हैं.
  • वह लड़का कक्षा में अव्वल आया हैं.

इन वाक्यों में यह और वह शब्द सर्वनाम हैं. लेकिन वाक्य में संज्ञा के पहले प्रयोग हो रहे हैं. और संज्ञा की विशेषता को बता रहे हैं. अंत यह शब्द सार्वनामिक विशेषण शब्द हैं.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल विशेषण के कितने भेद होते हैं – विशेषण कितने प्रकार के होते हैं –विशेषण की परिभाषा को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको विशेषण और विशेषण के भेद या प्रकार के बारे में सरल भाषा में समझाना हैं. विभिन्न परीक्षाओ की दृष्टि से भी यह ज्ञान अति-आवश्यक हैं. विशेषण शब्द वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को प्रकट करते हैं.

आपको ये आर्टिकल (visheshan ke kitne bhed hote hain – visheshan ke kitne prakar hote hain) कैसा लगा. ये हमे तभी पता चलेगा जब आप हमें निचे कमेंट करके बताएगे. इस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक फैलाए. ज्यादा से ज्यादा लोगो तक विशेषण और विशेषण के प्रकार या भेद के सम्बन्धित ज्ञान को पहुचाए. धन्यवाद.

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