What is firewall in hindi? ये कितने प्रकार के होते है?

जब भी आप बाहरी नेटवर्क से जुड़ते हो. तो आप अपनी डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा को भी एक हिसाब से दाव पर लगाते है. लेकिन आपके निजी और व्यावसायिक कार्य के लिए आपको बाहरी नेटवर्क जैसे इंटरनेट की जरूरत होती है. जिसे आप किसी भी प्रकार से नज़रअंदाज़ नही कर सकते है. फिर भी आप अपने आंतरिक और बाहरी नेटवर्क को एक दूसरे से अलग रख कर अपने कंपनी और निजी जानकारियाँ गोपनीय और सुरक्षित रख सकते हो. नेटवर्क में ये भूमिका फ़ायरवॉल निभाता है. इसलिए इस आर्टिकल फ़ायरवॉल क्या है? (What is firewall in hindi) में हम आपको जानकारी देने वाले है. फ़ायरवॉल क्या होता है. और ये कितने प्रकार के होते है. साथ में हम ये भी पढेंगे कि फ़ायरवॉल कैसे काम करता है.

फ़ायरवॉल क्या है? (What is firewall in hindi)

फ़ायरवॉल एक उपकरण है. जिसे नेटवर्क की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है. ये उपकरण आंतरिक और बाह्य रूप से नेटवर्क के आवागमन की निगरानी रखता है. और परिभाषित नियम से विरुद्ध कुछ भी गतिविधि होने पर फ़ायरवॉल नेटवर्क के आवागमन पर प्रतिबन्ध भी लगा सकता है.

नेटवर्क सुरक्षा में फ़ायरवॉल की भूमिका महत्पूर्ण रहती है. तथा इसे लगाने का उद्देश्य आपके अन्दर और बहार के नेटवर्क गतिविधियों को एक दूसरे से अलग रखना है. जिससे किसी भी प्रकार के कंप्यूटर वायरस और मैलवेयर आपके नेटवर्क में नही घुस पाते है.

फ़ायरवॉल कैसे काम करता है?

फ़ायरवॉल सुरक्षा सबसे पहले स्तर पर नेटवर्क को सुरक्षा प्रदान करता है. क्योंकि ये वायरस या वायरस से जुड़ी किसी भी वस्तु आपके आंतरिक नेटवर्क के अन्दर आने से पहले ही पहचान लेता है. और उसी स्तर पर वायरस को रोक देता है. जिससे आंतरिक नेटवर्क के कामकाज में कोई दिक्कत नही आती है.

फ़ायरवॉल आंतरिक नेटवर्क में बहार से आने वाले नेटवर्क के आवागमन पर निगरानी रखता है. और संदेह्जनक वेबसाइट और सर्वर को आंतरिक नेटवर्क में आने पहले ही रोक देता है. फ़ायरवॉल में कुछ नियम और कायदे बनाए जाते है. जिससे नुकसान देने वाली वेबसाइट और सर्वर को पहचाना जा सके. फ़ायरवॉल इन्ही नियमों और कायदों को आधार लेकर सदेह्जनक वेबसाइट को पहचान लेता है.

फ़ायरवॉल किसी भी संदेहजनक गति विधि को कंप्यूटर के प्रवेश स्तर पर ही अलग कर देता है. कंप्यूटर के प्रवेश बिंदु को पोर्ट कहा जाता है. कंप्यूटर का पोर्ट आईपी एड्रेस का ही भाग होता है.

आप इस प्रकार से समझ सकते है कि आईपी एड्रेस अगर एक मकान है. तो पोर्ट उस मकान का एक कमरा है. कोई भी मेहमान या बहार का व्यक्ति मकान में आ सकते है. लेकिन मकान से सारे कमरों में उन्हें इजाज़त नही होती है.

इसी प्रकार बहार से आने वाले संदेहजनक यातायात उदाहरण के लिए आईपी एड्रेस 199.66.3.1 से तो आसानी से निकल जाएगा लेकिन इसी आईपी एड्रेस के पोर्ट 11 से सम्पर्क में आने पहले ही फ़ायरवॉल इसे पहचान कर रोक लेगा. जिससे कंप्यूटर उपकरण को किसी प्रकार का नुकसान नही होगा.

फ़ायरवॉल कितने प्रकार के होते है?

फ़ायरवॉल उपकरण कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में से कोई एक या दोनों भी हो सकते है. अगर ये सॉफ्टवेयर है. तो इसे प्रत्येक कंप्यूटर में इनस्टॉल किया जाता है. और पोर्ट पर पहुचने वाले यातायात को नियंत्रण किया जाता है.

अगर हार्डवेयर उपकरण है. तो इसे आपके आंतरिक नेटवर्क और राऊटर के बीच में लगाते है. राऊटर वही उपकरण होता है. जहाँ से बाह्य नेटवर्क आपने आंतरिक नेटवर्क के सम्पर्क में आता है.

फ़ायरवॉल को उसमे मैलवेयर और वायरस को पहचानने वाली तकनीक के आधार पर निम्न भागों में विभाजित किया गया है. जो इस प्रकार से है:

पैकेट-फ़िल्टरिंग फ़ायरवॉल (What is Packet filtering firewall in hindi)

पैकेट फ़िल्टरिंग फ़ायरवॉल एक सामान्य प्रकार की सुरक्षा प्रदान करता है. ये फ़ायरवॉल राऊटर या स्विच पर लगा होता है. और आने वाले नेटवर्क के डाटा पर नजर रखता है. डाटा एक पैकेट के रूप में प्राप्त होता है. जिसमे शीर्ष में डाटा की हैडिंग होती है. और पैकेट के अन्दर उस हैडिंग के सम्बन्ध में डाटा या सन्देश होता है.

ये फ़ायरवॉल नेटवर्क में आने वाले डाटा पैकेट के शीर्ष को पढता है. अगर किसी डाटा पैकेट के शीर्ष में संदेशजकन जानकारी होती है. तो पैकेट-फ़िल्टरिंग फ़ायरवॉल उसे अलग कर देता है. और ऐसे पैकेट के डाटा को आंतरिक नेटवर्क में आने से रोक देता है.

इस प्रकार के फ़ायरवॉल में ज्यादा साधन नही लगते है. लेकिन इस प्रकार के फ़ायरवॉल को पूरी तरह से सुरक्षित भी नही माना जा सकता है. क्योंकि जरूरी नही भी होता है. की जो जानकारी शीर्ष में प्रदर्शित की गई हो. उसके सम्बन्धित ही सन्देश पैकेट के अन्दर भी हो. ये फ़ायरवॉल पैकेट के अन्दर के डाटा को परखने में कामयाब नही है. इसीलिए इसे सामान्य फ़ायरवॉल की खंड में रखा गया है. जिस पर आप पूरी तरह से विश्वास नही कर सकते है.

सर्किट लेवल गेटवे (What is Circuit level gateway firewall in hindi)

ये एक प्रकार का फ़ायरवॉल है. जिसको किसी भी फ़ायरवॉल के साथ भी लगाया जाता है. और नेटवर्क सुरक्षा को अधिक बढ़ाया जा सकता है. सर्किट लेवल गेटवे डाटा पैकेट को परखने के बजाए ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) पर नजर रखता है.

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल एक प्रकार के नियमों और कायदों का समूह है. जिसे नेटवर्क में एक आईपी एड्रेस उपकरण से दूसरे आईपी एड्रेस उपकरण तक सुरक्षित रूप से डाटा को स्थांतरित करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

सामान्य रूप से ये फ़ायरवॉल बाहर से आने वाले नेटवर्क को प्रमाणिक करता है. की नेटवर्क में आने वाला डाटा प्रोटोकॉल में उल्लेख नियमों के अनुसार है या नही.

स्टेटफुल इन्फेक्शन फ़ायरवॉल (Stateful Inspection Firewalls)

स्टेटफुल इन्फेक्शन फ़ायरवॉल पैकेट-फ़िल्टरिंग फ़ायरवॉल और सर्किट लेवल गेटवे दोनों फ़ायरवॉल का काम एक साथ करता है. मतलब ये फ़ायरवॉल नेटवर्क में स्थांतरित होने वाले डाटा पैकेट के साथ उनके स्त्रोत और गंतव्य को भी प्रमाणित करता है. उसी के आधार पर ये फ़ायरवॉल निर्णय लेता है कि किसको आंतरिक नेटवर्क में आने से रोकना है. और किसको नही रोकना है.

इस प्रकार का फ़ायरवॉल नेटवर्क में अतिरिक्त सुरक्षा देता है. इसके साथ ही ये फ़ायरवॉल पैकेट के शीर्ष के साथ उसके अन्दर के संदेश के डाटा को भी प्रमाणित करता है. जिसके कारण ऐसे फ़ायरवॉल को विकसित करने में अधिक संसाधन लगते है.

प्रॉक्सी फ़ायरवॉल (What is Proxy firewall in hindi)

प्रॉक्सी फ़ायरवॉल आंतरिक और बाहरी नेटवर्क के बीच में काम करता है. और आंतरिक और बाहरी नेटवर्क को आपस में एक दूसरे संपर्क में आने से रोकता है. जिससे आंतरिक नेटवर्क सिर्फ प्रॉक्सी नेटवर्क के ही संपर्क में रहता है. और आंतरिक नेटवर्क की सुरक्षा पुख्ता की जाती है. इसके साथ ही जब भी कभी आंतरिक नेटवर्क से कोई रिक्वेस्ट जाती है, तो वह रिक्वेस्ट सीधे प्रॉक्सी सर्वर पर जाती है.

प्रॉक्सी सर्वर उस रिक्वेस्ट में उपलब्ध जानकारी जैसे स्त्रोत आईपी एड्रेस और पोर्ट को गोपनीय रखने के लिए वास्तविक आईपी एड्रेस को हटा लेता है. उसकी जगह पर एक कृत्रिम आईपी एड्रेस जोड़ देता है. जिससे ये रिक्वेस्ट किसी भी सर्वर के पास पहुँचती है. तो वास्तविक स्त्रोत की पहचान नही हो पाती है. साथ में संभवत हानि से भी बचा जा सकता है.

उसी प्रकार ये रिक्वेस्ट रेस्पोंसे लेकर वापस सर्वर से सीधे प्रॉक्सी सर्वर पर ही आती है. जहा पर कृत्रिम आईपी एड्रेस को वास्तविक आईपी एड्रेस से बदला जाता है. और रेस्पोंसे अपने सही जगह पर पहुँच जाता है.

इस प्रकार के फ़ायरवॉल को विकसित करने के लिए बहुत से संसाधन की जरूरत होती है. लेकिन आंतरिक नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए प्रॉक्सी फ़ायरवॉल एक कारगर तरीका होता है.

नेक्स्ट जनरेशन फ़ायरवॉल (Next generation firewall)

नेक्स्ट जेनरेशन फ़ायरवॉल में ऊपर दिए गए सभी फ़ायरवॉल की खूबी होती है. इसको विकसित करने के लिए काफी सारे संसाधन की जरूरत होती है. लेकिन वाक्य में इस प्रकार के फ़ायरवॉल कंप्यूटर वायरस और मैलवेयर को रोकने के लिए एक अच्छा विकल्प उपलब्ध कराते है.

इस प्रकार के फ़ायरवॉल पैकेट के शीर्ष को परखने के साथ उसकी गहराई में जा कर निरक्षण भी करते है. साथ में पैकेट के शुरुआत से लेकर अंत तक प्रत्येक स्त्रोत और स्तर को विभिन्न पैमाने पर परखता है. ये फ़ायरवॉल ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) को भी प्रमाणित करता है. जिससे किसी भी प्रकार से असुरक्षित स्थान्तरण को रोका जाना संभव हो पाता है.

इस प्रकार के फ़ायरवॉल समय के साथ खुद के कार्य करने के क्षमता में विकास करते है. और समय पर अपनेआप अपडेट होते रहते है.

क्लाउड फ़ायरवॉल (What is Cloud firewall in hindi)

क्लाउड फ़ायरवॉल को नेटवर्क सुरक्षा में उपयोग किया जाता है. तथा ये सेवा कोई भी कंपनी या संस्थान अपने आंतरिक नेटवर्क की सुरक्षा से लिए किसी ऐसे कंपनी से ले सकती है. जो नेटवर्क सुरक्षा में माहिर हो. और ये नेटवर्क सुरक्षा की सुविधा उपलब्ध कराती हो.

इस प्रकार के फ़ायरवॉल की सुविधा कंपनी और संस्थान अपने जरूरत के हिसाब से बढ़ा और घटा सकते है. लेकिन इस प्रकार के फ़ायरवॉल का एक नुकसान ये भी है कि इसमें नियंत्रण और डाटा किसी दूसरी कंपनी के पास भी चला जाता है. जो ये क्लाउड फ़ायरवॉल की सेवा उपलब्ध कराती है.

अपने व्यवसाय के लिए किस प्रकार का फ़ायरवॉल लेना चाहिए?

आप आपने व्यवसाय और कार्यालय के आंतरिक नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए एक या एक से ज्यादा प्रकार के फ़ायरवॉल उपयोग कर सकते है. आपको कितने और कोनसा फ़ायरवॉल की जरूरत अपने कार्यालय और संस्थान में होती है. ये मुख्य रूप से तीन बिन्दुओ पर निर्भर करता है. जो इस प्रकार से है.

आपका कार्यालय और संस्थान का आकार कितना है. और कितने कंप्यूटर और दूसरे उपकरण को फ़ायरवॉल से सुरक्षित करना चाहते हो. अगर आपको फ़ायरवॉल प्रत्येक कंप्यूटर में चाहते हो. तो आपको फ़ायरवॉल को सॉफ्टवेयर के रूप में उपयोग करना होगा. अन्यता आप फ़ायरवॉल को हार्डवेयर उपकरण के रूप में भी अपने कार्यालय के स्विच या राऊटर पर लगा सकते हो.

आपके पास कितने संसाधन उपलब्ध है. या कितने संसाधन आप ख़रीद सकते है. जिसका उपयोग फ़ायरवॉल को विकसित करने में हो सकता है. जिससे आपको एक से अधिक स्तर पर सुरक्षा उपलब्ध हो सके. आप जितने ज्यादा स्तर पर संसाधन उपयोग करेंगे. उतनी ही आपकी सुरक्षा पुख्ता होगी.

मेरे कुछ शब्द

इस आर्टिकल लिखने का हमारा उद्देश्य आपको फ़ायरवॉल के बारे में बिल्कुल आसान भाषा में पूरी जानकारी देना है. जिससे अगर आप विधार्थी हो तो इसे आसानी से समझ सकते हो. और अगर आप व्यावसायिक हो तो आप इसकी जानकारी लेकर अपने व्यवयास और कार्यालय में इसका उपयोग कर सकते है. आज के समय में आपके कार्यालय और संस्थान के आंतरिक नेटवर्क की सुरक्षा एक जरूरी विषय है.

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