अकबरनामा के लेखक कौन हैं | आइन-ए-अकबरी किसने लिखा हैं

अकबरनामा के लेखक कौन हैं | आइन-ए-अकबरी किसने लिखा हैं |  akbarnama ke lekhak kaun hai | aaine akbari kisne likha – भारत पर मुगलों ने सैकड़ो सालो तक राज किया था. पुराने समय में जो बादशाह दिल्ली की गद्दी पर बैठता था. वही बादशाह हिंदुस्तान पर शासन करता था. मुगलों के काल में बादशाह अकबर के काल को मुगलों का स्वर्ण काल कहा जाता हैं. क्योंकि अकबर में समय में मुगलों का साम्राज्य चारो दिशाओ में फैला था.

अकबर खुद अपने फैसले अपने नवरत्नों की परामर्श पर लेते थे. अकबर की जीवनी अकबरनामा में लिखी गई हैं. लेकिन आपको पता हैं की अकबरनामा को लिखा किसने था. तो इस आर्टिकल में हम जानेगे की अकबरनामा के लेखक कौन थे. इस आर्टिकल में हम अकबर के नवरत्नों में से एक अब्दुल फ़जल के जीवन के बारे में भी जानेगे.

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अकबरनामा के लेखक कौन हैं | आइन-ए-अकबरी किसने लिखा हैं | akbarnama ke lekhak kaun hai | aaine akbari kisne likha

अकबरनामा के लेख़क अब्दुल फ़जल हैं. अब्दुल फ़जल अकबर के नवरत्नों में शामिल थे. और अकबर के बहुत नजदीक थे. अकबरनामा में बादशाह अकबर की जीवनी लिखी हुई हैं. इसको ‘आइन-ए-अकबरी’ भी कहा जाता हैं.

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अबुल फ़जल कौन थे?

अबुल फ़जल बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक थे. वह अरब के हिजाजी परिवार से सम्बन्ध रखते थे. अबुल फ़जल का पूरा नाम अबुल फजल इन्ब मुबारक था. और उनके पिताजी का नाम शेख मुबारक था. उनका जन्म 14 फरवरी, 1551 में हुआ था. इनका जन्म आगरा में हुआ था. अब्दुल फ़जल बचपन से ही मेधावी और प्रभावशाली थे.

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उनके पिता ने उनकी प्रतिभा को पहचान करके उनकी उच्च शिक्षा की व्यवस्था की थी. उसके बाद अब्दुल फजल ने पूरी मेहनत के साथ दर्शन शास्त्र और इस्मानिक विषयों में तालीम हासिल की. शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने अध्यापक की नौकरी शुरू की और छात्रों को तालीम देने लगे.

अब्दुल फ़जल कैसे अकबर के दरबारी बने थे?

अब्दुल फ़जल उस जमाने में रहे. जब हिंदुस्तान में मुग़ल बादशाह अकबर का परचम लहरा रहा था. दिल्ली की गद्दी पर राज करते हुए बादशाह अकबर का प्रभाव पुरे भारत और आस-पास के देशो पर भी था. इस समय हर विद्वान और बुध्दिजीवी अकबर के दरबार का हिस्सा बनना चाहता था. इसमें अब्दुल फ़जल भी थे.

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उन्होंने बादशाह अकबर को प्रभावित करने के लिए उस दौर की कही सारी तहसीरे लिखी. जिससे बादशाह अकबर के कानो तक अब्दुल फ़जल का नाम पंहुचा. और उन्होंने उनसे मिलने के लिए दरबार में बुलाया. उन्होंने बादशाह से मुलाकात की और उन्हें ‘आयतल कुर्सी’ तहसीरे भेट की थी. अकबर को उन्होंने प्रभावित करने की कोशिश की लेकिन कुछ कारन वह अकबर के दरबार का हिस्सा नहीं बन सके.

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इस घटना के पश्चात् एक बार जब अकबर पटना पर फ़तह करने के बाद अजमेर पहुचे. तो अब्दुल फ़तह को अकबर से मिलने का मौका मिला. इस बार अब्दुल फ़तह ने बादशाह अकबर को ‘अल्हम्दुलिल्लाह’ की तहसीरे भेट की. अकबर ने भेट को कबुल किया और कही सारे मसलों पर अब्दुल फ़जल की राय मांगी. मुलाकात के पश्चात् अकबर अब्दुल फ़जल की बातो से बहुत प्रभावित हुए. और उन्होंने अब्दुल फजल को अपने दरबार का दरबारी बना लिया.

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अब्दुल फ़जल ने अकबर के दरबार में दरबारी से वजीर तक का रास्ता तय किया था. वह अपने कार्य कौशल से अकबर के प्रिय बन गए थे. उन्होंने युध्द में अकबर के लिए कुशल रणनीतिया बनाई थी. अहमदनगर युध्द में शहजादे मुराद बख्श की मृत्यु के बाद अकबर के सहारा बने. उन्होंने मिर्जा कोका, आसफ़ खा, और शेख फ़रीद के साथ मिलकर आसिरगढ़ के दुर्ग को घेरने की रणनिति बनाई थी.

उन्होंने अपने बेटे और भाई के अधीन सैनिको को भेज कर विद्रोहियों का पतन किया. और चार हजारी मनसब का झन्डा फहराकर माने.

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अब्दुल फ़जल की हत्या कैसे हुई?

अब्दुल फजल जैसे-जैसे बादशाह के करीब आते गए. वैसे-वैसे ही बादशाह के अन्य खास लोगो (जिसमे बादशाह के बेटे जहागीर भी शामिल हैं) को अब्दुल फ़जल आँखों में खटकते लगे थे. इसी बिच जहागीर ने एक साजिश के तहत अब्दुल फ़जल को वीर सिंह बुंदेला से लालच देकर मरवा दिया.

12 अगस्त 1602 को जब अब्दुल फ़जल सुल्तान का ख़त प्राप्त कर सुलतान से मिलने के लिए निकला तो सरै वीर और अंतरी (नरवार के पास) के बिच ढक्कन में वीर सिंह ने भारी सेना के साथ अब्दुल फ़जल पर धावा बोल दिया. इस युध्द में अबुदुल फ़जल के करीबी लोगो ने उसको बचानी की कोशिश की. लेकिन अब्दुल फजल ने मैदान से भागने के बदले वीर गति को गले लगाने का फैसला किया. इस प्रकार अकबर नवरत्नों में से एक ही हत्या हो गई.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (अकबरनामा के लेखक कौन हैं | आइन-ए-अकबरी किसने लिखा हैं |  akbarnama ke lekhak kaun hai | aaine akbari kisne likha) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको अकबरनामा के लेखक के बारे में जानकारी देना हैं. अकबरनामा के लेखक अब्दुल फज़ल थे. जो अकबर के नवरत्नों में शामिल थे. अब्दुल फजल अकबर के बहुत करीबी थे. वह एक विद्वान, कुशल रणनीतिकार, लेखक, और शायर थे. अबुल फ़जल का पूरा नाम अबुल फजल इन्ब मुबारक था.

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