भारत में सबसे ज्यादा जनसंख्या किस जाति की है | भारत में OBC की जनसंख्या कितनी है – हमारे देश में जाति एक बहुत ही बड़ा चर्चा का विषय है. यहा किसी का नाम पूछने से पहले जाति जरुर पूछी जाती है. जाति के आधार पर राजनीती भी भारत जैसे लोकत्रांतिक देश में बहुत खेली जाती है. चुनाव पार्टियों का मुद्दा विकास और उन्नति से हटकर हमारे देश में जाति हो गया है. जाति के नाम पर वोट गिने जाते है. लेकिन आपको पता है की भारत में सबसे ज्यादा जनसँख्या किस जाति की है.
इस आर्टिकल में हम आपके प्रश्न का जवाब देने की कोशिश करेगे. और बताएगे की भारत में किस जाति के लोग अधिकतर रहते है. इसके साथ ही आपको इस आर्टिकल में जाति से जुड़ी कुछ रोचक जानकरिया भी साँझा करेगे.
भारत में जातियों की कितनी संख्या है?
भारत देश में हिन्दू धर्म के लोग बहुसंख्यक है. भारत की ज्यादातर आबादी हिन्दू धर्म से को माननी वाली है. हिन्दू धर्म के समान ही अन्य धर्मो में भी जाति व्यवस्था है. लेकिन भारत में हिन्दू बहुसंख्य है. अगर इन हिन्दुओ को जातियों में तोड़ दिया जाए. तो राजनैतिक रूप से इसका फायदा उठाना आसान हो जाता है. इसलिए अन्य धर्मो के अपेक्षा हिन्दू धर्म के लोगो में जाति को कुछ राजनैतिक महत्त्वकांक्षा रखने वाले लोगो ने महत्वता दे रखी है.
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हमारे देश में जातियो और उपजातियो की कुल संख्या कितनी है. इसका जवाब देना बहुत कठिन है. ऐसा माना जाता है की केवल ब्राह्मण जाति के ही 2000 से अधिक भेद या उपजातिया है. वर्ष 2011 में भारतीय सरकार के द्वारा जातिगत मतगणना की गई थी. लेकिन इस मतगणना के आकड़े सरकार के द्वारा आजतक उजागर नहीं किये गए है.
भारत में जातिगत दृष्टी से की गई अब तक की सबसे शुद्द जनगणना 1901 में की गई जनगणना है. इस जनगणना के अनुसार भारत में कुल 2378 जातियों के लोग रहते है. डॉ जी. एस. घुरीए के अनुसार भारत के प्रत्येक भाषा क्षेत्र में दो सौ से अधिक जातिय उपस्थित है.
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जातियों की उत्त्पत्ति
भारत में जातियों का इतिहास प्रौराणिक काल से प्राप्त होता है. जातियों के इतिहास, इनकी उत्पत्ति और काल से सम्बन्धित विषयों के लिए हमेशा से ही विद्धवानो के बिच मतभेद रहा है. हिन्दू शास्त्र के अनुसार जाति का मूल वर्णों में है. हमारे धर्म के ऋग्वेद के 10 वे मंडल पुरुषसूक्त के अनुसार परमपिता ब्रह्मा का मुख ब्राह्मण, उनकी भुजाए क्षत्रिय, जंघाए वैश्य और परमपिता के पैर शुद्र है.
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इस प्रकार मानव सभ्यता की उत्पत्ति चार वर्णों से होती है. मनुस्मृति के अनुसार प्रत्येक वर्ण में आजीविका, व्यापार, शिक्षा, संस्कार और समाज के प्रति कर्तव्य सम्बन्धिक विधान अस्तित्व में आए. इसी सामाजिक कर्तव्य और व्यवस्था के अनुसार अध्यापक वर्ग ब्राह्मण वर्ण, शासक और रक्षक वर्ग क्षत्रिय वर्ण, उत्पादक वर्ग वैश्य और सेवक वर्ग के लोग शुद्र वर्ण में विभाजित हुए.
भारत में सबसे ज्यादा जनसंख्या किस जाति की है | भारत में OBC की जनसंख्या कितनी है
हिन्दू धर्म भारत में निवास करने वाला सबसे बड़ा धर्म है. भारत की कुल आबादी का लगभग 78 प्रतिशत भाग हिन्दू धर्म से है. तथा हिन्दू धर्म को मानने वालो की संख्या 100 करोड़ के आस पास है. लेकिन हिन्दू धर्म में जाति व्यवस्था अस्तित्व में है. इसलिए यह कहना बहुत ही कठिन है की किस जाति के लोग भारत में सबसे ज्यादा आबादी में है.
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सरकार ने अभी तक 2011 में कराई गई जातिगत मतगणना के आकड़े उजागर नहीं किये है. इसके पीछे अनेक राजनितिक तत्व भी हो सकते है. लेकिन जब तक यह आकड़े सबके सामने नहीं आते है. तब तक अनुमान ही किया जा सकता है. इसलिए इस प्रश्न के लिए हमे आकड़ो के उजागर होने तक का इंतजार जरुर करना चाहिए.
एक मंडल कमीशन के आकड़े के अनुसार भारत में ओबीसी (OBC) वर्ग के लोगो की कुल आबादी भारत की आबादी का 52 प्रतिशत भाग है. इससे आप अंदाजा लगा ही सकते है की 2011 में की गई मतगणना के आकड़े कितने महत्वपूर्ण है.
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निष्कर्ष
इस आर्टिकल (भारत में सबसे ज्यादा जनसंख्या किस जाति की है | भारत में OBC की जनसंख्या कितनी है) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको भारत देश की जातिगत व्यवस्था के बारे में बताना है. भारत में सबसे प्रमुख धर्म हिन्दू है. और हिन्दू को अगर तोड़ा जा सकता है तो सिर्फ जाति के दम पर ही तोड़ा जा सकता है. इसलिए हिन्दुओ के साथ प्राचीन काल से राजनैतिक फायदे के लिए जाति का खेला जा रहा है.
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इस आर्टिकल के माध्यम से हम हमारे पाठको और समस्त भारतीयों को जाति से ऊपर उठकर हिन्दू धर्म और राष्ट्रभक्ति की चेतना जगाने की बात कहते है. हम सब सनातन धर्म को मानने वाले लोग सबसे पहले भारतीय और हिन्दू है. बाद में जाति का स्थान हमारे मन और दिमाग में होना चाहिए. धन्यवाद.
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