भारत में प्रथम आम चुनाव कब हुआ था | bharat mein pratham aam chunav kab hua tha – अंग्रेजो के 200 सालो के अत्याचार के बाद 15 अगस्त 1947 के दिन देश आजाद हुआ था. अंग्रेजो ने भारत को पूरी तरीके से लूट लिया था. जब अंग्रेज भारत को छोड़ कर गए थे. तब जितना लेकर जा सकते थे. उतना साथ में ले गए. और जितना भारत को खोखला कर सकते थे वो करके गए. लेकिन भारतीयों ने आजादी के बाद फिर से एक समर्थ और आत्मनिर्भर देश का सपना देखा. जिसके प्रमाण हमे भारत के प्रथम आम चुनाव से प्राप्त होता है.
इस आर्टिकल में हम भारत के प्रथम आम चुनाव के बारे जानेगे. तथा इस आर्टिकल में हम आपके साथ आजाद भारत के प्रथम आम चुनाव की प्रत्येक जानकारी साँझा करेंगे. और बताएगे की किस प्रकार से प्रथम आम चुनाव संपन्न हुआ था.
हमारे देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागु किया गया था. इसके साथ ही यह निश्चत हो गया था की भारत में नागरिको के द्वारा चुनी हुई सरकार शासन करेंगी. आजादी के पश्चात् प्रथम आम चुनाव की प्रक्रिया पुरे देश में पूरी तैयार के साथ 25 अक्टूबर 1951 में शुरू हुई थी. जो 21 फरवरी 1952 तक पुरे चार माह चली थी.
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आजाद भारत का पहला चुनाव इतिहास का सबसे यादगार लम्हा रहा है. यह सिर्फ एक चुनाव नहीं अपितु पूरी दुनिया के सामने भारतीयों की एकता और आत्मनिर्भरता का सबूत था. अंग्रेजी हुकुमत हमेशा यह मानती थी की भारतीय ना तो लोकतान्त्रिक देश बना पाएगे और ना ही संभाल पाएगे. लेकिन भारत के प्रथम आम चुनाव की सफलताओ ने अंग्रेजी हुकूमत को सीधा जवाब दे दिया था.
आजादी के पश्चात् प्रथम आम चुनाव की प्रक्रिया 25 अक्टूबर 1951 को शुरू हुई. तथा पुरे आजाद भारत में यह चुनावी प्रक्रिया 21 फरवरी 1952 तक चली थी. इस बिच हमारे देश में 497 विधानसभा और 3282 राज्य सभा की सीटो पर चुनाव लड़ा गया. इन चुनावो के प्रत्येक वर्ग के लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. प्रत्येक भारतीय चुनाव में हिस्सा लेकर अपनी किस्मत लिखना चाहता था.
पुरे भारत में 17 करोड़ 32 लाख लोगो ने मतदाता सुंची में अपना नाम दर्ज कराया. जिसमे से 10 करोड़ 59 लोगो ने मतदान में हिस्सा लेकर आजाद भारत की प्रथम सरकार बनाई. आपको यह सुनकर जरुर ताजुब होगा की उस में से 85 प्रतिशन लोग निरक्षर थे. लेकिन प्रत्येक भारतीय की आँखों में मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के सपने थे.
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इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को प्रचंड बहुमत प्राप्त हुआ. क्योंकि आजादी के लड़ाई के दौरान जनमानस के दिमाग में कांग्रेस नाम ही छपा हुआ था. कांग्रेस ने प्रथम आम चुनाव में 364 सीटे प्राप्त की थी. वही कम्युनिस्ट पार्टी 16 सीटे प्राप्त करके दुसरे नंबर पर थी. जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाली सोशलिस्ट पार्टी तीसरे नंबर थी. सोशलिस्ट पार्टी ने प्रथम आम चुनाव में 12 सीटे प्राप्त की थी.
प्रथम आम चुनाव में 497 लोकसभा की सीटो पर चुनाव लड़ा गया था. और वही 3282 राज्य सभा की सीटो पर मतदान हुआ था.
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आजाद भारत के लोकतंत्र की नीव रखते हुए प्रथम मतदान 25 अक्टूबर 1951 के दिन हिमाचल प्रदेश के चिनी तहसील में पड़ा था.
आजाद भारत का प्रथम आम चुनाव किसी त्यौहार से कम नहीं था. प्रत्येक देशवासी इस ऐतिहासिक घटना का साक्षी बनना चाहते थे. चूँकि भारत की अधिकांश जनसँख्या निरक्षर थी. इसलिए चुनाव कराने वाली कमिटी ने प्रत्येक दल का एक चुनाव चिन्ह निश्चित किया. जिससे निरक्षर लोग भी चुनाव चिन्ह पहचान कर अपनी पार्टी को चुन सके.
चुनाव चिन्ह को देख कर मतदाता अपना मतदान आसानी से कर सकता था. उसके लिए चुनाव पार्टी के नाम को पढ़नी की आवश्यकता नहीं थी. मतदान केंद्र में प्रत्येक प्रत्याक्षी के लिए अलग से बैलेट बॉक्स रखा गया था. बैलेट बॉक्स पर सम्बंधित प्रत्याक्षी का नाम और चुनाव चिन्ह बना हुआ था.
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इसके लिए पुरे 25 लाख बैलेट बॉक्स प्रथम आम चुनाव में उपयोग करने के लिए बनाए गए थे. इसके साथ ही 62 करोड़ से भी ज्यादा बैलेट पेपर भी छपवाए गए थे. चुनावो के दौरान पुरे देश में जश्न मनाया गया था. लोग नए कपड़े पहनकर चुनावो में मतदान करने के लिए आते थे. लोग ढोल-नगाड़ो और बैलगाडियों के साथ चुनाव में मतदान करने आते थे. इस प्रकार पुरे भारत में सतरंगी माहौल बना हुआ था.
इस चुनाव में 53 राजनितिक दलों ने हिस्सा लिया था. जिसमे से 14 राजनितिक दल राष्ट्रिय स्तर की थी. तो 39 राजनितिक दल क्षेत्रीय स्तर की थी. देश की जनता ने कांग्रेस को बहुमत देकर पंडित जवाहर लाल नेहरू को देश का प्रथम प्रधानमंत्री बनाया था. पुरे देश में जवाहर लाल नेहरू को जनता ने नायक बना दिया था.
इस चुनाव में 314 संसदीय क्षेत्र ऐसे थे. जिसमे एक एक सांसद चुना गया था. और कुल 86 संसदीय क्षेत्र में दो-दो सांसद चुने गए थे. एक सांसद सामान्य वर्ग का था तो दूसरा सांसद एसटी/एससी वर्ग का था. इस प्रकार यह चुनाव अनोखा था. जिसमे प्रत्येक की भावनाओ का ध्यान रखा गया था. यहा तक की नार्थ बंगाल के क्षेत्र में 3 सांसद भी चुने गए थे.
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निष्कर्ष
इस आर्टिकल (भारत में प्रथम आम चुनाव कब हुआ था | bharat mein pratham aam chunav kab hua tha) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको स्वन्त्र भारत के प्रथम आम चुनाव के बारे में जानकारी देना है. आजाद भारत में संविधान लागु होने के पश्चात् प्रथम आम चुनाव की प्रक्रिया 25 अक्टूबर 1951 को शुरू हुई. तथा पुरे भारत में यह चुनावी प्रक्रिया 21 फरवरी 1952 तक चली थी. इस बिच हमारे देश में 497 विधानसभा और 3282 राज्यसभा की सीटो पर चुनाव लड़ा गया. पंडित जवाहर लाल नेहरू को भारत की जनता ने अपना प्रथम प्रधानमंत्री चुना था.
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