भूगोल किसे कहते हैं? (bhugol kise kahate hain)

भूगोल किसे कहते हैं? (bhugol kise kahate hain) – भूगोल एक विस्तृत विषय हैं. जिसमे विशेष भू-भाग पर भुतकाल से लेकर वर्तमान तक परिवर्तन और उसके कारणों का अध्ययन किया था. भूगोल का प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों जैसे युध्द, जलवायु प्रबन्धन, मौसम विज्ञान, आपदा प्रबधन इत्यादि पर पड़ता हैं. भूगोल विषय के तीन मुख्य विभाग हैं. इन विभागों का नाम गणितीय भूगोल, भौतिक भूगोल और मानव भूगोल. इस आर्टिकल में हम भूगोल और भूगोल विषय के बारे में विस्तार से अध्ययन करने वाले हैं.

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भूगोल किसे कहते हैं? (bhugol kise kahate hain)

भूगोल एक महत्वपूर्ण विषय हैं. जिसमे पृथ्वी के बाहरी भाग जैसे नदी, पहाड़, झील, तालाब, वन, देश, महाद्वीप इत्यादि के बारे में अध्ययन किया जाता हैं. तथा भूगोल में विधार्थियों को पृथ्वी के ऊपर जितने भी वस्तुए और प्राकृतिक संसाधन हैं. उनका ज्ञान प्राप्त होता हैं. पृथ्वी के सतह पर जो भी विशेष स्थान हैं उनकी क्षमताओ का अध्ययन भूगोल में किया जाता हैं. इसके साथ ही विशेष स्थानों की विषमताओ का भी अध्ययन भूगोल में किया जाता हैं.

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भूगोल शब्द दो शब्द भू और गोल से मिलकर बना हैं. जिसमे भू से तात्पर्य पृथ्वी और गोल से तात्पर्य पृथ्वी के आकार से हैं. अंत पृथ्वी के आकार में आने वाले प्रत्येक वस्तु का अध्ययन ही भूगोल कहलाता हैं. सबसे पहले एक यूनानी विद्वान  इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को विज्ञान के एक महत्वपूर्ण विषय की तरह मान्यता दी थी. इसके बाद हिरोडोटस और रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल विषय को सुनिइतिहासश्चित का स्वरुप प्रदान किया था. इस प्रकार से भूगोल विषय में किसी वस्तु की ‘कहा’, ‘कब’, ‘क्यों’ और ‘कितने’ प्रश्नों के जवाब की व्याख्या मिलती हैं.

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भूगोल की विभिन्न परिभाषाए

भूगोल एक विज्ञान हैं. जिसमे तथ्य वैज्ञानिक शोध के साथ रखे जाते हैं. भूगोल शब्द का प्रयोग सबसे पहले एक यूनानी विद्वान ने तीसरी शताब्दी में किया था. अंत इससे पता चलता हैं की भूगोल एक प्राचीन विषय हैं. हिन्दू धर्म के वेदों में भी थल, वायु, नदी, पहाड़ इत्यादि की व्याख्या मिलती हैं. जिससे पता चलता हैं की भूगोल एक प्राचीन विज्ञान हैं.

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विद्वानों के अनुसार भूगोल की परिभाषाए निम्न अनुसार हैं:

  • क्लाडियस टॉलमी के अनुसार भूगोल पृथ्वी कि झलक को स्वर्ग में देखने वाला आभामय विज्ञान हैं.
  • स्ट्रैबो के अनुसार भूगोल एक ऐसा स्वतंत्र विषय है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस विश्व का, आकाशीय पिण्डो का, स्थल, महासागर, जीव-जन्तुओं, वनस्पतियों, फलों तथा भूधरातल के क्षेत्रों मे देखी जाने वाली प्रत्येक अन्य वस्तु का ज्ञान प्राप्त कराना हैं.

भूगोल में दो प्रकार की विचारधाराओ का जन्म हुआ. यह दोनों विचारधाराए आपस में एक दुसरे से बिल्कुल विपरीत थी:

संभववाद विचारधारा

इस विचारधारा के समर्थक भूगोलवेत्ता वाइडल-डी-ला ब्लाश और फेब्रे थे. इस विचारधारा के अनुसार इंसानों में प्रकृति में परिवर्तन करनी की क्षमता मौजूद हैं. इन्सान अपने इच्छा के अनुसार प्रकृति प्रदत संभावनाओ का उपयोग कर सकता हैं.

निश्चयवाद विचारधारा

इस विचारधारा के समर्थक भूगोलवेत्ता रिटल, रेटजेल, सेम्पुल और हटिंगटन थे. और इस विचारधारा के अनुसार इन्सान के सारे कार्य प्रकृति पर निर्भर करते हैं. इन्सान को अपने जीवन जरूरत के लिए प्रकृति पर निर्भर रहता हैं. इन्सान को प्रकृति के नियमों के विरुद्ध कार्य करनी की स्वतंतत्रा नहीं होती हैं.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल भूगोल किसे कहते हैं? (bhugol kise kahate hain) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको भूगोल के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. भूगोल ने आज विज्ञान का रूप ले लिया हैं. और भूगोल का विभिन्न क्षेत्रो पर असर दीखता हैं. अंत भूगोल का अध्धयन करना अति आवश्यक हैं. तभी हम प्रकृति और प्रकृति में होने वाली प्राकृतिक घटनाओ को समझ सकते हैं. अगर किसी जगह पर भूकंप आता हैं. तो उस स्थान के इतिहास का अध्ययन करना अनिवार्य होता हैं. तभी हम भूकंप की वास्तविक वजह का कारन पता कर सकते हैं. प्राकृतिक स्थानों का वर्तमान से लेकर भुत तक अध्ययन ही भूगोल विषय हैं.

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