Gandhi ji ka janm kab hua tha aur kahan hua tha

गाँधी जी का जन्म कब हुआ था – गाँधी जी का जन्म कहा हुआ था – महात्मा गाँधी का पूरा नाम क्या था – gandhi ji ka janm kab hua tha – gandhi ji ka janm kahan hua tha – mahatma gandhi ka pura naam – 

महात्मा गाँधी भारत के स्वंत्रता संग्राम के नायक थे. अहिंसा और सत्य इनके औजार थे. गाँधी जी जिनको महात्मा गाँधी के नाम से भी जाना जाता हैं. ऐसे जननायक थे जो लोगो के दिलो में बसते थे. महात्मा गाँधी के विचार आज भी जीवित हैं. और आज भी लोग कठिनाइयों की घड़ी में गाँधीजी को याद करते हैं. गाँधी जी ने स्वंत्रता सग्राम में प्रत्येक धर्म, जाति और सम्प्रदाय को एक साथ बाधने का कार्य किया. गाँधीजी को लोग बापू के नाम से भी जानते हैं.

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गाँधीजी को सबसे पहले बापू कहने वाले व्यक्ति महात्मा गाँधी के साबरमती आश्रम में रहने वाले उनके शिष्य थे. महात्मा गाँधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता के नाम संबोंधित करने वाले सुभाषचन्द्र बोस थे. सुभाषचन्द्र बोस ने सर्वप्रथम 6 जुलाई, 1944 में रंगुर से एक रेडियो प्रसारण में आजाद हिंदी फ़ौज के लिए गाँधीजी का आशीर्वाद लेने के लिए राष्ट्रपिता के नाम से उन्हें संबोधित किया था.

गाँधी जी का जन्म कब हुआ था – गाँधी जी का जन्म कहा हुआ था (gandhi ji ka janm kab hua tha – gandhi ji ka janm kahan hua tha)

महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था. इनके माताजी का नाम पुतलीबाई और पिताजी का नाम करमचन्द गाँधी था. गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था. गांधीजी के पिताजी अंग्रेजो के समय में पोरबंदर, राजकोट और बांकानेर के दीवान थे. गाँधीजी का परिवार धार्मिक प्रवति का था. इनका परिवार वैष्णव धर्म को मानता था. अंत अहिंसा और शांति का पाठ इन्होने बचपन में ही अपने परिवार और घर में सिखा था.

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महात्मा गाँधी का पूरा नाम क्या था? (mahatma gandhi ka pura naam)

गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था. उन्हें महात्मा और बापू नाम से भी जाना जाता हैं.

महात्मा गाँधी का संघर्ष

गाँधीजी ने भारतीय वकीलों और अश्वेत लोगो के अधिकारों के लिए सबसे पहले अफ्रीका में सत्याग्रह किया था. गांधीजी सन 1915 में भारत आए तथा स्वंत्रता की लड़ाई में कूद गए. उन्होंने किसानो, मजदूरों और शहरी श्रमिको को अत्यधिक कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए एकत्रित किया. गाँधीजी ने अत्याचार का विरोध करते हुए सन 1921 में भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की भाग-दौड़ संभाली और उसके बाद समाज में महिलाओ के स्तर, धार्मिक और जातिक एकता, तथा अंग्रेजी शासन के शोषण के खिलाफ पुरे देश में जगह जगह कार्यक्रम किए. जिससे पूरा देश एक सूत्र में बंधता चला गया.

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गाँधीजी ने सन 1930 में एतिहासिक नमक सत्याग्रह अंग्रेजो के खिलाफ भारतीयों पर नमक कर लगाने के विरुद्ध किया. इस एतिहासिक घटना में गांधीजी के साथ सैकड़ो लोगो ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से लेकर दांडी गाँव तक पैदल यात्रा करते हुए. 06 अप्रैल, 1930 को नमक हाथ में लेते हुए नमक विरोधी कानून को भंग किया. इसके बाद पुरे देश में सन 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन का उद्घोष किया. जिसमे पुरे देश ने भाग लिया. जिसके बाद में अंग्रेजो को भारत को आजाद करने के लिए विवश होना पड़ा.

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गाँधी के सिध्दांत

गाँधीजी ने जीवनभर सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया. तथा स्वयं भी सदैव सत्य और अहिंसा के रस्ते पर चले. गाँधीजी ने अपना पूरा जीवन सत्य की ख़ोज में लगा दिया था. गांधीजी ने सदैव अपनी गलतियों से सिखा. और अपने ऊपर प्रयोग करते रहे. इसीकारन उन्होंने अपनी आत्मकथा को सत्य के प्रयोग का नाम दिया.

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बापू ने पुरे जीवन अहिंसा की वकालत की और देश के बड़े आबादी पर अहिंसा के सिध्दान्तो का प्रयोग किया. गाँधीजी शाकाहारी थे. क्योंकि उनका परिवार और गुजरात शाकाहारियो का स्थान हैं. विदेश में उच्चशिक्षा के लिए जाने से पहले गांधीजी ने अपनी माताजी को मास और शराब से दूर रहने का वादा दिया. इसके लिए वह कही बार भूखे भी रहे व्रत भी किए लेकिन अपने माँ को दिया हुआ वादा नहीं तोड़ा.

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गांधीजी ने बहुत ही कम उम्र में ब्रह्मचारी मार्ग को अपना लिया था. जिसका वर्णन उनकी आत्मकथा में मिलता हैं. गांधीजी सादगी भरा जीवन जीते थे. गांधीजी सिर्फ धोती पहनते थे. और एक वस्त्र लपेट लेते थे. गांधीजी सप्ताह में एक दिन मौन व्रत भी धारण करके रखते थे. गाँधीजी के बारे में जितना लिखा जाए उतना कम ही हैं.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल (गाँधी जी का जन्म कब हुआ था – गाँधी जी का जन्म कहा हुआ था – महात्मा गाँधी का पूरा नाम क्या था  ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको गाँधीजी के जीवन से परिचय कराना हैं. इस आर्टिकल में हमने गाँधीजी के जीवन के विभिन्न आयामों को प्रकाशित किया हैं. गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था. गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था. उन्हें महात्मा और बापू नाम से भी जाना जाता हैं.

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