चेरापूंजी कहा पर स्थित है | भारत में सबसे ज्यादा बारिश कहा होती है

चेरापूंजी कहा पर स्थित है | भारत में सबसे ज्यादा बारिश कहा होती है | cherrapunji kahan par sthit hai –  हमारा देश भौगोलिक रूप से बहुत संपन्न है. हमारे देश में पहाड़, नदिया, पेड़, समतल, मैदान, पानी इत्यादि है. भगवान ने हमारे देश को विशेष रूप से नवाजा है. हमारे देश में छ प्रकार के मौसम है. जिसमे बारिश का मौसम सबको बहुत पसंद आता है. लेकिन आपको एक ऐसी जगह भेज दे. जहा पुरे साल सिर्फ बारिश ही हो तो क्या कमाल हो जाए. जी हा यह जगह हमारे देश में ही तथा इस जगह का नाम चेतापुंजी है. इस आर्टिकल में जानेगे की चेरापूंजी कहा है.

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चेरापूंजी कहा पर स्थित है | cherrapunji kahan par sthit hai

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चेरापूंजी का आधिकारिक नाम सोहरा है. यह भारत के मेघालय राज्य के पूर्व भाग में खासी हिल्स जिले में स्थित एक छोटी बस्ती है. चेरापूंजी बस्ती शिलांग से 53 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. तथा यह स्थान सर्वाधिक बारिश होने के कारण पूरे दुनिया में प्रसिद्ध है. हाल ही में इस स्थान का नाम चेरापूंजी से बदलकर सोहरा रख दिया गया है.

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चेरापूंजी की ऊचाई 4869 फुट है. यहाँ पर सबसे ज्यादा बारिश होने का कारन यहा की भौगोलिक स्थित है. ऊचाई के कारन इस स्थान पर मानसून हवाओ का जोर रहता है. तथा सर्दी के मौसम में ब्रह्पुत्र नदी की ओर से आने वाली पूर्वोतर हवाए भी बारिश का मुख्य कारन है.

इस जगह पर प्रत्येक वर्ष मार्च से लेकर अक्टूबर बारिश रहती है. तथा सबसे ज्यादा बारिश जून और जुलाई के महीने में रहती है. यहाँ पर नवम्बर से फरवरी के बिच में बिल्कुल भी बारिश नहीं होती है. इसलिए अगर आप भी कभी चेरापूंजी जाए तो मुख्यरूप से बारिश के मौसम में ही जाए.

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इस स्थान के निकट नोहकालीकाई नामक झरना है. यह झरना पर्यटकों का मुख्य केंद्र बिंदु है. यहां पर बहुत सारी गुफाएं हैं. जिसमे से बहुत सी गुफाए कुछ किलोमीटर तक लंबी है. चेरापूंजी स्थान बांग्लादेश सीमा से बहुत करीब है. इसलिए यहां से बांग्लादेश का भी नजारा देखा जा सकता है.

चेरापूंजी को ब्रिटिश लोगो के द्वारा चुरा के नाम से उच्चरित किया जाता था. जिसे बाद में चेरापूंजी नाम से बदल दिया गया. तथा चेरापूंजी का अर्थ “संतरों की भूमि” होता है. इस स्थान को अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के कारन “मेघालय का शिरोमणि” भी कहा जाता है.

चेरापूंजी के पांच आकर्षित स्थान

लाइव ब्रिज

चेरापूंजी में स्थित लाइव ब्रिज पर्यटन का प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. इस लाइव ब्रिज को यहाँ के स्थानीय लोगो के द्वारा बनाया गया है. जो बायो इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है यह दो मंजिला ब्रिज सबके मन को भाता है.

इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में रबर के पेड़ पाए जाता है. जिसकी जड़े काफ़ी मजबूत और लम्बी होती है. चेरापूंजी के स्थानीय आदिवासी वर-खासिस और वर-जैनियास ने इन जड़ो का उपयोग किया और एक ब्रिज का निर्माण किया. समय के साथ जड़े बढ़ती गई ओर ज्यादा मजबूत और लम्बी होती गई. इस प्रकार एक ऐतिहासिक बायो ब्रिज का निर्माण हुआ.

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झरने और गुफाए

चेरापूंजी के झरने और गुफाए पर्यटनो का आकर्षण का केंद्र है. यहा पर सेवेन सिस्टर, कावा फॉल्स, वकाबा फॉल्स, नोहकलिकाई वाटरफॉल, इत्यादि प्रसिद्ध झरने है. तथा मवासमई और आरवाह गुफाए स्थित है जो काफ़ी लम्बी और गहरी है तथा इनकी बनावट काफी आकर्षित है.

लोक नृत्य

यहा के लोग बारिश के मौसम से पहले बादलो के देवता को लुभाने के लिए विशेष प्रकार के नृत्य और गाने गाते है. यह लोक नृत्य और संगीत पर्यटन को बहुत लुभाते है. और रोमांचित करते है. यहा पर बादल किसी भी समय बरस सकते है. इसी कारन यहा के लोग हमेशा बेंत का छाता लेकर चलते है.

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आर्चिड के फूलो का ईको पार्क

चेरापूंजी में मेघालय की सरकार के द्वारा खुबसुरत आर्चिड के फूलो का एक ईको पार्क बनाया गया है. तथा इस पार्क की देख रेख शिलॉन्ग एग्री-हॉर्टीकल्चरल सोसायटी करती है. इस स्थान से पडोसी देश बंग्लादेश की चट्टानों का खुबसूरत नजारा भी मिलता है.

सोहरा पुलाव

चेरापूंजी के प्राकृतिक स्थानों के साथ यहा का खाना भी पर्यटकों के बिच काफ़ी मशहूर है. यहा का सोहरा पुलाव बहुत प्रसिद्ध है. और लोगो के द्वारा बहुत पसंद किया जाता है. सोहरा पुलाव विशेष तरीके से बनाया जाता है. जिसमे बहुत सारी सब्जिया और विशेष रूप से बनाए गए मसाले डाले जाते है.

चेरापूंजी की प्रमुख समस्या

वर्तमान में बड़ी मात्रा में वन की कटाई के कारन चेरापूंजी की प्राकृतिक सुन्दरता को नुकसान पंहुचा है. जिससे यह सुंदर पर्यटन स्थान धीरे-धीरे कगार की ओर बढ़ रहा है. जिस ओर ध्यान देना हमारे सरकार और स्थानीय सरकार के लिए जरुरी है नहीं तो यह सुंदर पर्यटन स्थान कब नष्ट हो जाएगा पता भी नहीं चलेगा.

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चेरापूंजी से जुड़े सवाल और जवाब

चेरापूंजी का नया नाम क्या है?

चेरापूंजी का नया नाम सोहरा है.

चेरापूंजी किस राज्य में है?

चेरापूंजी मेघालय प्रान्त में स्थित है. यह मेघालय राज्य के पूर्व भाग में खासी हिल्स जिले में स्थित एक छोटी बस्ती है. चेरापूंजी बस्ती शिलांग से 53 किलोमीटर दूरी पर स्थित है.

चेरापूंजी की औसत वार्षिक वर्षा कितनी है ?

चेरापूंजी में औसतन हर साल 10,000 मिलीमीटर की बारिश होती है.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (चेरापूंजी कहा पर स्थित है | भारत में सबसे ज्यादा बारिश कहा होती है | cherrapunji kahan par sthit hai | चेरापूंजी किस राज्य में है) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको चेरापूंजी के बारे में जानकारी देना है. चेरापूंजी पुरे साल बारिश होने के कारन प्रसिद्ध है. तथा यह भारत के मेघालय राज्य के पूर्व भाग में खासी हिल्स जिले में स्थित एक छोटी बस्ती है. हाल ही में इस स्थान का नाम चेरापूंजी से बदलकर सोहरा रख दिया गया है.

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