Components of operating system in hindi

इस आर्टिकल ऑपरेटिंग सिस्टम के घटक (components of operating system in hindi) में आपने ऑपरेटिंग सिस्टम के विभिन्न भागो और उनके कार्य के बारे में जानेगे.

ऑपरेटिंग सिस्टम के घटक

(Components of operating system in hindi)

कंप्यटर का ऑपरेटिंग सिस्टम एक जटिल सॉफ्टवेर है. तथा उतना ही महत्वपूर्ण विषय है. इसलिए कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न भागो में बाट कर समझाना आसान होता है. ऑपरेटिंग सिस्टम के ये भाग विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम में अलग हो सकते है. फिर भी सभी ऑपरेटिंग सिस्टम में आधारभूत भाग जैसे फाइल मैनेजमेंट, मैमोरी मैनेजमेंट समान ही होते है.

ऑपरेटिंग सिस्टम के भाग निम्न अनुसार है.

फाइल मैनेजमेंट

फाइल एक समान जानकारियों का समूह होता है. जिसे उसके नाम से जाना जाता है. फाइल में जानकारी अक्षर, नंबर या अक्षर और नंबर दोनों रूप में हो सकती है.

फाइल मैनेजमेंट के निम्न कार्य है.

  • फाइल को बनाना और मिटाना
  • फाइल को सेकंड्री मैमोरी में सुरक्षित करना
  • फाइल का बेकअप रखना
  • फाइल मैपिंग को बनाना

प्रोसेस मैनेजमेंट (process management)

प्रोसेस मैनेजमेंट एक तरीका है जिसमे एक से अधिक चालू प्रोसेस को एक साथ में चलाने के लिए प्रबन्धन किया जाता है. आप कंप्यूटर में जो भी सॉफ्टवेर चलाते हो. प्रत्येक का एक या अधिक प्रोसेस होता है. जैसे आप गूगल क्रोम ब्राउज़र चलाते है. तो इसका भी एक प्रोसेस बनता है. ये सारे प्रोसेस मैनेजमेंट के जरिये प्रभावी रूप से चलाए जाते है.

प्रोसेस मैनेजमेंट के निम्नलिखित कार्य होते है.

  • प्रोसेस को बनाना और मिटाना.
  • एक से अधिक चालू प्रोसेस को एक साथ चलाना
  • प्रोसेस के बिच में आपस में वार्तालाप स्थापित करना
  • प्रोसेस को चलने के लिए अनुक्रम बनाना

I/O उपकरण मैनेजमेंट

ऑपरेटिंग सिस्टम इनपुट और आउटपुट उपकरणों का प्रबन्धन करता है. तथा उनको प्रभावी रूप से उपयोग में लेता है.

I/O उपकरण मैनेजमेंट के निम्नलिखित कार्य होते है.

  • ऑपरेटिंग सिस्टम इनपुट और आउटपुट उपकरण के लिए ड्राइव उपलब्ध कराता है.
  • ये buffer caching system उपलब्ध कराता है.
  • ये उपकरणों के चलने के लिए ड्राइव कोड उपलब्ध कराता है.

नेटवर्क मैनेजमेंट

नेटवर्क मैनेजमेंट में कंप्यूटर से जुड़े नेटवर्क के आयामों का प्रबन्धन और प्रशासन शामिल है. कंप्यूटर नेटवर्क में विभिन्न तरीको से जुड़ सकता है. लेकिन नेटवर्क मैनेजमेंट कंप्यूटर को नेटवर्क में सुरक्षा प्रदान करता है. तथा इसके लिए इसके जुड़ने के आयाम को भी सुरक्षित रखता है.

मैन मैमोरी मैनेजमेंट

कंप्यूटर के प्रत्येक गतिविधि में रैम की भूमिका होती है. कोई भी डाटा रैम के द्वारा ही प्रोसेसर में जाता है. इसलिए रैम का उचित प्रबन्धन होना बहुत जरुरी है. कंप्यूटर में रैम मैमोरी का प्रबन्धन ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किया जाता है.

मैन मैमोरी मैनेजमेंट के निम्नलिखित कार्य होते है.

  • कंप्यूटर की प्राइमरी मैमोरी को जरूरत के हिसाब से मौजूद कराना.
  • किस कार्य के लिए कितनी देर तक रैम उपलब्ध रहेगी इसका प्रबधन करना.
  • प्राइमरी मैमोरी के गतिविधियों पर लगातार नजर रखना.
  • किसी प्रोसेस के समाप्त या टर्मिनेट होने पर प्राइमरी मैमोरी से हटाना और संसाधन को उचित जगह पर उपयोग करना.

सेकंड्री स्टोरेज मैनेजमेंट

कंप्यूटर के प्राइमरी मैमोरी की क्षमता कम होती है. तथा इसमें डाटा सुरक्षित नहीं रह सकता है. इसीलिए ये अस्थाई मैमोरी भी कहलाती है. कंप्यूटर में डाटा को सुरक्षित रखने के लिए हार्डडिस्क होती है. जो HDD और SDD प्रकार में उपलब्ध होती है. ऑपरेटिंग सिस्टम का सेकंड्री स्टोरेज मैनेजमेंट भाग इस सेकंड्री मैमोरी का प्रबन्धन करता है.

सेकंड्री स्टोरेज मैनेजमेंट के निम्नलिखित कार्य होते है.

  • स्टोरेज के लिए संसाधन उपलब्ध कराना.
  • फ्री स्पेस का प्रबन्धन करना.

सिक्यूरिटी मैनेजमेंट

कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेर की सुरक्षा की जिम्मेदारी ऑपरेटिंग सिस्टम की होती है. जब भी आप कंप्यूटर को चालू करते है. कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम आपसे यूजर नाम और पासवर्ड पूछता है. और आपसे आपकी पहचान की पुष्टि करता है. सिक्यूरिटी मैनेजमेंट सिस्टम इनपुट और आउटपुट उपकरण को सुरक्षित करने के लिए प्रत्येक प्रोसेस का एक एड्रेस देता है. और प्रोसेस अपने एड्रेस के दायरे में ही हार्डवेयर उपकरण का उपयोग कर सकता है. इस प्रकार से विभिन्न प्रक्रिया के द्वारा सिक्यूरिटी मैनेजमेंट कंप्यूटर के सुरक्षा की पुष्टि करता है.

आपने क्या सिखा

इस आर्टिकल components of operating system in hindi में आपने ऑपरेटिंग सिस्टम के विभिन्न भागो और उनके कार्य के बारे में जाना है.

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