हिंदी के जनक कौन है | हिंदी भाषा का सामान्य परिचय, इतिहास, कालखंड, महत्व, विकास क्रम

हिंदी के जनक कौन है | हिंदी भाषा का सामान्य परिचय, इतिहास, कालखंड, महत्व, विकास क्रम –  हिंदी भाषा प्रत्येक भारतीय के दिल में  बसती है. यह वह भाषा जिसमे प्रत्येक भारतीय संवाद करता है. इसलिए हिंदी भाषा की भूमिका हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है. हिंदी भाषा की सरलता इतनी है की इस भाषा ने दुनिया भर की भाषाओ को अपने अंदर समावेश किया है. लेकिन आपको पता है हिंदी भाषा का जनक कौन है. तो इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी भाषा के जनक का नाम बताएगे और इसके सथ ही आपको हिंदी भाषा के इतिहास के बारे में बताएगे.

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हिंदी के जनक कौन है | हिंदी भाषा के जनक कौन है

हिंदी भाषा के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र जी को माना जाता है. भारतेंदु काल से हिंदी भाषा की शुरुआत हुई थी. श्री भारतेंदु हरिश्चंद्र जी को हिंदी भाषा का पितामह भी कहा जाता है.

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हिंदी भाषा का सामान्य परिचय

विश्व में 3000 हजार से भी ज्यादा भाषाए बोली जाती है. उनमे हिंदी भाषा भी शामिल है. हर एक देश में भाषाओ का एक अलग महत्त्व होता है. जैसे भारत में हिंदी भाषा का एक अलग ही महत्व है. हिंदी भाषा भारत देश की राष्टीय भाषा है. हिंदी भाषा हिन्दुस्तानी भाषा है. जिसमे संस्कृत के तत्सम तथा त्धव शब्दों का प्रयोग अधिक है. और अरबी फारसी शब्द कम है.

आंतरराष्ट्रिय स्तर पर भारत में अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया जाता है. विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिंदी भाषा है. जिस बात का गर्व हमें होना चाइए. हिंदी भाषा विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओ में से एक है. हिंदी भाषा पुरे भारत में सरल रूप से समझी जाने वाली भाषा है.

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हिन्दी भाषा का इतिहास और कालखंड

हिंदी भाषा लगभग 1000 वर्ष पुरानी है. लेकिन कभी सोचा है एक हजार वर्ष पूर्व जब हिंदी भाषा नहीं थी तब कोनसी भाषा बोली जाती थी. उस समय कुछ अलग अलग प्रकार की भाषाए थी. जिसे कुछ विद्वान देशी भाषा कहते थे. सिंध नदी के आसपास जो देश था वहा ब्राचंडा नामक अपभ्रंश बोली जाती थी. कोहिस्तानी, कशमिहिरी और वेदर्भी भाषा तथा बंगाल की खाड़ी तक ओडरी भाषा ऐसी अन्य भाषाए बोली जाती थी. 

आज हम जिसे हिंदी भाषा मानते है वह आधुनिक आर्य भाषा में से एक है. जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया. हिंदी भाषा  स्वतंत्र रूप से खड़ी होती गई. 1500 ईसवी आते आते हिंदी भाषा का वर्चस्व बढ़ गया. उसके बाद दोहा, गाथा , छंद ,चौपाई  रचनाए हुई है. मध्यकालीन समय 1500 से 1800 तक हिंदी भाषा में बहुत परिवर्तन आए.

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देश में मुग़ल का शासन होने के कारण मुगलों का भाषा प्रभाव हिंदी पर पड़ा. जिस कारण अरबी के 2500 शब्द, फारसी भाषा के 3500 शब्द, पश्तो से 50 शब्द तथा तुर्की के 125 शब्द हिंदी भाषा की शब्दावली में शामिल हो गए. इस तरह पुर्तगाली, फ्रांसिसी, स्पेनी तथा अंग्रेजी शब्द हिंदी भाषा में शामिल हो गए. जिसका प्रभाव हमें अभी भी हिंदी भाषा में दिखता है.

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हिंदी शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई है

हिंदी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है.साहित्यकारो के अनुसार हिंदी भाषा अपभ्रंस की अंतिम अवस्था अवहट से हिंदी भाषा का स्वीकार करते है. श्री चन्द्रधर शर्मा जी ने इसी अवहट को पुरानी हिंदी का नाम दिया है. अपभ्रंश भाषा की समाप्ति और आधुनिक भारतीय भाषाओ का जन्मकाल के समय को स्क्रान्तिकाल कहा जाता है.

हिंदी भाषा को संस्कृत भाषा का सरलतम रूप माना जा सकता है. हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है. हिंदी भाषा के इतिहास का आरंभ अपभ्रंश से माना जाता है.

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हिंदी भाषा का महत्व

किसी भी देश के लिए भाषा का बड़ा महत्व होता है. पुरे विश्व में अलग-अलग भाषाए बोली जाती हे. जैसे की हमारे भारत देश में काफी सारी भाषाऐ बोली जाती है. लेकिन हिंदी भाषा का महत्व कुछ और ही है. क्योँकी हिंदी भाषा समझने में सरल है. और देश की राष्टीय भाषा भी है. हिंदी जो सभी धर्मो और क्षेत्रो को जोड़े रखने का कार्य करती है. 

हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे हर भारतीय समझ और बोल सकता है. हिंदी भाषा को संस्कृत की बड़ी बेटी का दर्जा दिया गया है. सिखने में सरल हिंदी भाषा कुछ किताबे पढ़कर भी सीखी जा सकती है. भारत एक ग्रामीण देश है यहाँ सब लोग अग्रेजी या दूसरी भाषा नहीं जानते। है लेकिन हिंदी भाषा अधिकतम लोग जानते है. इसलिए अगर भारत देश में किसी से संवाद करने या बातचीत करनी है तो हिंदी भाषा का ज्ञान होना जरुरी है. 

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हिंदी भाषा एक ऐसी भाषा है जिसकी वजह से हम हमारी भावनाए किसी के भी सामने सरल तरीके से व्यक्त कर सकते है. इंटरनेट एक ऐसी जगह है जहा हमें हर जानकरी मिलती है. लेकिन हिंदी भाषा की इन्टरनेट पर कुछ खास पकड़ हो रही है. लेकिन देखा जा रहा है की जैसे जैसे इन्टरनेट की उपयोगिता बढ़ रही है वैसे वैसे कुछ सालो से हिंदी भाषा भी इन्टरनेट पर अपना कब्ज़ा बढ़ता जा रहा है. 

आज के समय में हिंदी भाषा हर समाचार पत्र और हिंदी ब्लॉग तक अपनी पहचान बना रही है. हिंदी भाषा भारत के आलावा दखिण अफ्रीका, नेपाल, अमेरिका, जर्मनी, यूके, कैनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापूर जैसे काफी देशो में भी बोली जाती है.

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हिंदी भाषा का विकास क्रम कुछ इस प्रकार है

संस्कृत> पाली> प्राकृत> अपभ्रंश> अवहट> प्राचीन हिंदी

प्रश्नोत्तर 

अर्थशास्त्र के जनक कौन थे

अर्थशास्त्र के जनक कौटिल्य को माना जाता है. उन्हें विष्णुगुप्त और चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है.

मैथ के जनक कौन है

आर्यभट को मैथ का जनक कहा जाता है.

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इतिहास के जनक है

इतिहास का जनक हेरोडोटस को कहा जाता है.

साइंस के जनक कौन है

स्टीफन हाकिन्स के मुताबिक गैलिलियो साइंस (विज्ञान) के जनक माने जाते है.

समाजशास्त्र के जनक कौन है

ऑगस्त कोम को समाजशास्त्र का जनक कहा जाता है. उनका पूरा नाम इजिदोर मारी ऑगस्त फ्रास्वा हाविए कोम्त है.

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निष्कर्ष 

इस आर्टिकल (हिंदी के जनक कौन है | हिंदी भाषा का सामान्य परिचय, इतिहास, कालखंड, महत्व, विकास क्रम) को लिखने हमारा उद्देश्य आपको हिंदी भाषा के इतिहास और महत्वता के बारे में जानकारी देना है. हिंदी भाषा के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र जी को माना जाता है. भारतेंदु काल से हिंदी भाषा की शुरुआत हुई थी. हिंदी भाषा लगभग 1000 वर्ष पुरानी है. हिंदी भाषा भारत के आलावा दखिण अफ्रीका, नेपाल, अमेरिका, जर्मनी, यूके, कैनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापूर जैसे काफी देशो में भी बोली जाती है.

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