indica pustak ke lekhak kaun hai | इंडिका किसका यात्रा वृतांत है

indica ke lekhak kaun hai | indica pustak ke lekhak kaun hai | इंडिका किसका यात्रा वृतांत है | इंडिका किस भाषा में लिखी गई है –  प्राचीन काल में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था क्योंकि भारत में संसाधनों की भरमार थी यहा का प्रत्येक व्यक्ति सम्पन्न था लेकिन इस सोने की चिड़िया को बाहरी गीदड़ों ने नजर लगा दी इसके पश्चात् भारत ने लगातार बाहरी लोगो का प्रहार झेला है इस आर्टिकल में हम प्राचीन भारत के स्वर्ण काल मौर्य साम्राज्य और व्यवस्था को जानेगे.

इसके साथ ही इस आर्टिकल में हम जानेगे की इंडिका नामक पुस्तक के लेखक कौन है तथा इंडिका पुस्तक में लेखक में किस के बारे में वर्णित है.

इंडिका के लेखक कौन है| इंडिका पुस्तक के लेखक कौन है | indica ke lekhak kaun hai | indica pustak ke lekhak kaun hai

इंडिका पुस्तक के लेखक यूनानी राजदूत मेगस्थनीज है.

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मेगस्थनीज कौन था

मेगस्थनीज यूनान देश का था. जिसे अंग्रेजी तथा पश्चिमी भाषा में ‘ग्रीक देश’ कहा जाता है. मेगस्थनीज यूनान के प्रशासक सिकंदर का प्रमुख सेनापति सेल्यूकस निकेटर का ग्रीक राजदूत था. जो उसी के कहने पर उसका राजदूत बनकर भारत में आया था. वह मौर्य समाज के संस्थापक एवं भारत के बहुत विख्यात शासक चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में भारत आया था.

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305 ई.पू. में राज्य विस्तार की इच्छा रखते हुए यूनानी सामंत सिल्युकस ने भारत पर आक्रमण किया. परंतु उसे संधि करने पर विवश होना पड़ा था. संधि के अनुसार वह चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था. और वह काफी वर्ष चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में रहा था. वह यहाँ 14 वर्षो तक रहा था

14 वर्षो के दौरान भारत में रहते हुए. उसने भारत में जो कुछ देखा उसका सारा वर्णन उसने एक ‘इंडिका’ नामक पुस्तक में किया था. इस पुस्तक में उसने चन्द्रगुप्त मौर्य के मौर्य प्रशासन के बारे में वर्णन किया है.

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इंडिका में क्या वर्णन है | इंडिका पुस्तक किस बारे में है

जब मेगस्थनीज भारत में आया था. तब चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में गया. और वहा उसने 14 वर्ष बिताए. इन 14 वर्ष के दरमियान उसने भारत में जो देखा उसका वर्णन उसने अपनी ‘इंडिका’ नामक पुस्तक में किया था. इस पुस्तक में उसने चन्द्रगुप्त मौर्य के मौर्य प्रशासन के बारे में वर्णन किया है.

भारत में रहते हुए मेगस्थनीज ने देखा और उसने अपनी में पुस्तक इंडिका में वर्णन किया की भारत का सबसे बड़ा नगर पाटलिपुत्र है. एवं इस नगर के मकान जो है वह लकड़ी के बने हुए है . और यह  नगर गंगा और सोन नदी का संगम पर बसा हुआ है. पाटलिपुत्र नगर की चौड़ाई पौने दो मिल और लम्बाई साढ़े नौ मिल है.

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पाटलिपुत्र नगर के चारो ओर दीवारे बनी हुई है. और उन दीवारों में 64 द्वार बने हुए है और 570 दुर्ग बने हुए है. वह लिखता है की पाटलिपुत्र नगर के चारो ओर लकडियो के प्राचीर बने हुए है. जिसके भीतर में तीर छोड़ने के स्थान बनाए गए है.

मौर्य शासन में सैनिको को राजकोष से नकद के रूप में वेतन दिया जाता है. सेना के कार्य में राजा स्वयं रूचि रखते थे. वैसे तो राजा अपना समय अपने भवन में ही बिताते थे. लेकिन प्रजा की रक्षा और सेवा के लिए शासक प्रजा के बिच रहता था. शासक प्रजा के प्रति न्यायप्रिय और सेवा प्रेमी था.

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राजा का भवन पाटलिपुत्र के मध्य में उपस्थित था. एवं उधान इतना मनोहर था की राजा के उधान में काफी प्रकार के पेड लगाए गए थे. जिसमे देशी तथा विदेशी प्रकार के पेड भी शामिल थे. इन पेड़ो को राजा दूर दूर जगहों से मंगवाते थे और अपने उधान को मनोहर बनाते थे.

राजा के भवन में मोर एवं मछलिया का पालन होता था. राजा का जीवन बड़ा ही ऐश्वर्य से भरपूर था. वह अपनी प्रजा का बहुत ध्यान रखता था. मौर्य शासन में खूब शांति थी. अपराध तो ना के बरावर था. इन सारी बातो का वर्णन मेगस्थनीज ने अपनी इंडिका नामक पुस्तक में किया है.

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चन्द्रगुप्त मौर्य कौन था

चन्द्रगुप्त का जन्म पाटलिपुत्र बिहार में हुआ था. उनके माता का नाम नंदा और पिता का नाम मुरा था. पत्नी का नाम दुर्धरा और बेटे का नाम बिंदुसार था. चन्द्रगुप्त मौर्य भारत के बहुत विख्यात शासक एवं मौर्य समाज के संस्थापक थे. उन्होंने भारत के आलावा भारत के आसपास के देशो में भी शासन किया.

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चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य को शिक्षा प्रदान की थी. चन्द्रगुप्त मौर्य की बुद्दिमता और साहस को चाणक्य ने बचपन में ही पहचान लिया था और उन्हें भारत वर्ष का शासक बनाने का निश्चय किया.

प्रश्न उत्तरशृंखला

इंडिका किस भाषा में लिखी गई है

इंडिका पुस्तक ग्रीक और लेटिन भाषा में लिखी गई है.

मेगास्थनीज किसका राजदूत था

मेगस्थनीज यूनान देश के प्रशासक सिकन्दर के प्रमुख सेनापति सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था.

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इंडिका किसका यात्रा वृतांत है

इंडिका मेगस्थनीज की यात्रा का वृतांत है. जिसमे उसने भारत में रहकर 14 वर्षो में जो देखा और सुना उस बारे में वर्णन किया है.

इंडिका में किस भारतीय शासक के दरबार का विवरण है

इंडिका में मौर्य समाज के संस्थापक एवं भारत के विख्यात शासक चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार का विवरण है.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Indica pustak ke lekhak kaun hai | इंडिका किसका यात्रा वृतांत है | इंडिका किस भाषा में लिखी गई है |इंडिका में किस भारतीय शासक के दरबार का विवरण है) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको इंडिका पुस्तक के बारे में विस्तार से जानकारी देना है. इंडिका के लेखक मेगस्थनीज है. मेगस्थनीज यूनान के प्रशासक सिकंदर का प्रमुख सेनापति सेल्यूकस निकेटर का ग्रीक राजदूत था. जिसने चक्रवाती सम्राट चन्द्रगुप्त के दरबार में 14 वर्ष गुजारे थे.

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