इटली का राष्ट्रिय एकीकरण कब हुआ था | इटली के एकीकरण की कहानी

इटली का राष्ट्रिय एकीकरण कब हुआ था | italy ka rashtriya ekikaran kab hua | इटली के एकीकरण की कहानी – इटली का एकीकरण एक ऐतिहासिक अभियान था. तथा इस अभियान में अनेक लोगो ने अपनी प्राणों की बाजी लगाई थी, इटली के एकीकरण के इस अभियान ने कालांतर में अनेक देशों को स्वंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा दी थी. लेकिन आपको तथा की इटली के एकीकरण की शुरुआत कब हुई थी. तथा इसका अंत कैसे हुआ था. तो इस आर्टिकल में हम इटली के एकीकरण की पूरी कहानी जानेगे.

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इटली का राष्ट्रिय एकीकरण कब हुआ था | italy ka rashtriya ekikaran kab hua

एकीकरण से पूर्व इटली तीन राज्यों में बटा हुआ था. यह तीन राज्य उत्तरी इटली, दक्षिणी इटली और मध्य इटली थे. राज्यों के बिच आपस में मतभेद रहता था. और सभी राज्य अपने स्वार्थ में डूबे हुए थे. लेकिन इटली के राजनैतिक और आर्थिंक उन्नति के लिए एकीकरण ही मात्र रास्त था.

ऐसी स्थिति में इटली के राष्ट्रिय एकीकरण में अनेक बाधाए थे. लेकिन कुछ विकासशील लोगो ने इटली के एकीकरण की दिशा में काम किया. 11 वी सदी में इटली के एकीकरण के राजनैतिक और सामाजिक अभियान को इतालवी एकीकरण कहा जाता है.

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इस अभियान के शुरुआत तथा अंत की दिनाको में इतिहासकारों के बिच में हमेशा मतभेद रहा है. अनेक इतिहासकारों का मानना है की इस अभियान की शुरुआत सन 1815 में नेपोलियन के शासन के अंत में वियना सम्मलेन में शुरू हुई थी. तथा इटली के राष्ट्रिय एकीकरण का यह अभियान सन 1870 तक राजा वित्तोरिये इमानुएले की सेना के द्वारा रोम पर कब्ज़ा होने तक चला था.

इटली के एकीकरण की प्रेरणा

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नेपोलियन के सफल युद्ध अभियानों से ने इटली वासियों को एक संघ में रहने की प्रेरणा मिली. तथा वहा के बुद्दिजिबियो ने पुरे इटली को एक संघ में बाधने का निश्चय किया. इटली के एकीकरण के लिए वहा के राष्ट्रवाद नेताओ और उदारवादी शक्तियों ने पहल की लेकिन उनको क्रूरता से दबाया गया. इटली के लोग रोम के प्राचीन इतिहास से परिचित थे.

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रोम प्राचीन काल में कला शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया का नेतृत्व करता था. लेकिन इटली का राष्ट्रिय एकीकरण इतना आसान नहीं था लेकिन आख़िरकार उदारवाद और राष्ट्रीयवाद को सफलता मिलती है और इटली के एकीकरण में सफलता प्राप्त होती है.

इटली के एकीकरण में किसने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी | इटली के एकीकरण की कहानी

इटली के एकीकरण में कार्बोनिक समितियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इटली के देश भक्त और राष्ट्रवाद लोगो ने जगह जगह पर कार्बोनिक समितिया बनाई थी. इन समितियों की बैठके रात के समय होती थी.  इन समितिया का मुख्य उद्देश्य विदेशी लोगो को इटली से बाहर निकलना और वैधानिक स्वंत्रता की स्थापना करना था.

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मेजिनी का योगदान

जिस समय कार्बोनिक समितिया पुरे देश में कार्यरत थी. उसी समय मेजिनी नामक व्यक्ति इन समितियों में चर्चा का विषय था. मेजिनी पूर्ण रूप से देश भक्ति में लीन .था तथा एक राष्ट्रिय विचारधारा का व्यक्ति था. उसने इटली वासियों के समक्ष दो निष्कर्ष रखे था यह दो निष्कर्ष इस प्रकार से थे:

  1. इटली का सबसे बड़ा दुश्मन ऑस्टेलिया है.
  2. इटली के एकीकरण के कार्बोनिक समितियों के कार्य अपर्याप्त है.

अपने निष्कर्षो के आधात पर मेजिनी ने युवा इटली नामक दल की स्थापना की. तथा इस दल में विकासशील युवा पीढ़ी के लोगो को जोड़ा. इस दल कार्य इटली के जन मानस के बिच में राष्ट्रिय चेतना की भावना को जगाना था. उन्होंने लोगो को समझाया की वर्तमान में राजनैतिक महत्त्वकांशी लोगो ने इटली के टुकड़े कर दिए है. हमे इटली को एक राष्ट्र बना कर रहना है. इसलिए इटली का एकीकरण प्रत्येक देशवासी का प्रथम कतर्व्य है.

सन 1848 में मैटरनिख के पतन की ख़राब को प्राप्त करके मेजिनी ने इटली की स्वंत्रता की घोषणा कर दी थी. किन्तु फ़्रांस के राष्ट्रपति ने सेना भेजकर मेजिनी के उद्देश्य को कुचल दिया था.

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इटली की राष्ट्रिय एकीकरण में कैवुर का क्या योगदान था?

इटली की राष्ट्रिय एकता में अन्य सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति का नाम  काउंट केमिलो डी कैबूर था. वह एक कुशल कूटनीतिज्ञ था. उसने अपने जीवन की शुरुआत एक सैनिक के रूप में की थी. लेकिन  वह इंग्लैंड की संसदीय प्रणाली से काफ़ी प्रभावित था. इसलिए अपने सैनिक पद का परित्याग करके राजनीती में कूद गया था धीरे धीरे इसका प्रभाव पुरे देश में फैलता गया. और इस प्रकार वह सन 1848 में संसद का सदस्य चुना गया.

इसके पश्चात् अपनी योग्यता के अनुसार पीडमाँट का प्रधानमंत्री भी बना. पीडमाँट का शासक अन्य राजाओ से अलग था. वह भी इटली के विकास के लिए इटली के एकीकरण का पूर्ण रूप से समर्थन करता था. प्रधानमंत्री बनने के पश्चात् उसने पीडमाँट के विकास पर ध्यान दिया. और अंतराष्ट्रीय स्तर पर उसने इटली को ऑस्टेलिया के प्रभाव से मुक्त करने के लिए फ़्रांस से सहयोग प्राप्त किया. इसके साथ ही सन 1858 में फ़्रांस और पीडमाँट के मध्य युध्द हुआ. और इस युध्द में आस्टेलिया और इटली के मध्य समझौता हुआ था.

इस समझौता के तहत ऑस्टेलिया को लोम्बार्डी इटली को देना पड़ा. लेकिन किवेनेशिया अभी भी ऑस्टेलिया के अधीन ही था. जो इटली को अभी भी खल रहा था. हालाँकि मध्य और दक्षिण इटली का एकीकरण अभी भी बाकि था.

मध्य इटली का एकीकरण कैसे हुआ

ऑस्टेलिया के साथ समझौते में जीत के बाद मध्य इटली में पीडमाँट के साथ मिलने की आवाज तेज होने लगी. और सन 1860 में टस्कनी, परमा और मोडेना राज्यों ने पीडमाँट के साथ मिलने का फैसला लिया. इस प्रकार मध्य इटली भी पीडमाँट में सम्मिलित हो गया.

गैरीबार्ड का योगदान

इटली की राष्ट्रिय एकीकरण में गैरीबार्ड का योगदान अग्रणीय है. दक्षिणी इटली में सिसली और नेपल्स दो राज्य थे. गैरीबार्ड एक धनी व्यक्ति था. जब सिसली की जनता अपने राजाओ के विरुद्ध आन्दोलन कर थी तब उन्होंने गैरीबार्ड से सहायता की प्रार्थना की जिसमे गैरीबार्ड ने सिसली में अपनी भेजी. तथा जून 1860 में सिसली में अपना अधिकार जमाया. इस प्रकार सन 1860 में उसने नेपल्स पर भी अधिकार कर दिया.

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रोम की प्राप्ति

चूँकि की रोम का प्राचीन इतिहास इटली वासियों के लिए गौरव था. इसलिए इटली का एकीकरण तभी समाप्त हो सकता था जब रोम भी इटली में शामिल हो जाए. लेकिन रोम पर अभी भी पोप का अधिकार था. 1870 में फ़्रांस और जर्मनी राज्यों के नेतृत्व करने वाले प्रसा के बिच युध्द हुआ. जिसके फलस्वरूप फ़्रांस ने रोम में उपस्थित अपनी सेना को वापस बोलाना पड़ा. और इटली को रोम पर अधिकार करने का मौका मिल गया था.

मौका देख कर ही इटली के सेनापति केड़ोनी के नेतृत्व में सेनाओ ने रोम पर अधिकार कर दिया. इस प्रकार इटली के एकीकरण का अंतिम कार्य भी पूरा हो जाता है. सभी देश वासियों ने पीडमाँट के शासक विक्टर इमेनुएल को अपना राजा घोषित किया और 2 जून 1871 में विक्टर इटली की संसद का उद्घाटन करता है. तथा अपने भाषण में बोलता है की “हमारा राष्ट्रिय एकीकरण पूर्ण हो गया. अब हमारा कार्य मात्र राष्ट्र को महान बनाना होना चाहिए.”

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (इटली का राष्ट्रिय एकीकरण कब हुआ था | italy ka rashtriya ekikaran kab hua | इटली के एकीकरण की कहानी ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको इटली के एकीकरण की जानकारी देना है. इटली के एकीकरण में अनेक लोगो ने अपने प्राणों की बाजी लगाई थी लेकिन इसके प्रमुख नेता मेजिनी,  गैरीबार्ड, और कैवुर थे. जिनके प्रभावी नेतृत्व से ही इटली का एकीकरण संभव हो पाया था. नेपोलियन के सफल युद्ध अभियानों से ने इटली वासियों को एक संघ में रहने की प्रेरणा मिली.

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