जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार के माध्यमों के प्रकार

जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है – जनसंचार के माध्यमों के प्रकार (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi-jansanchar ke madhyam in hindi) – एक समय था जब लोग दूर बैठे व्यक्ति से पत्र लिख कर ही बात कर सकते थे. लेकिन आज ऐसा नहीं हैं आप किसी से भी तत्काल बात कर सकते हो. यह सब तकनीक के कारन ही हुआ हैं. आज के समय आप घर बैठे हज़ारों लोगो से एक साथ बात सक सकते हो. इस आर्टिकल (जनसंचार किसे कहते हैं – jansanchar kise kahate hain ) में हम जानेगे जनसंचार क्या हैं. जनसंचार किसे कहते हैं. तथा जनसंचार के माध्यम कौनसे हैं.

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जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi)

जनसंचार में उन सभी साधनों और तकनीक का अध्धयन किया जाता हैं जो बड़ी संख्या में लोगो से संवाद करने के लिए उपयोग लिए जाते हैं. जनसंचार में अख़बार, रेडियो, टेलीविज़न, मासिक पत्रिका आते हैं. जिसका प्रभाव एक साथ बड़ी संख्या में लोगो के दिमाग पर पड़ता हैं. हमने देखा होगा की जब किसी वस्तु का टेलीविज़न में विज्ञापन दिखाया जाता है. तो वैसी ही वस्तु अकसर लोग स्थानीय दुकानदारो से मांगते हैं. यह जनसंचार का ही एक उदाहरण हैं.

जनसंचार की उत्त्पति संस्कृत भाषा के ‘चर’ शब्द से हुई हैं. चर का अर्थ होता हैं चलना. जनसंचार को अग्रेजी में मास कम्युनिकेशन (mass communication) भी कहा जाता हैं. जनसंचार में उन सभी माध्यमो को शामिल किया जाता हैं. जिससे कोई व्यक्ति या संस्थान एक बड़ी संख्या के लोगो से सीधा संवाद स्थापित कर सकते हैं. तथा ऐसे संसाधनों और तरीको का अध्ययन ही जनसंचार कहा जाता हैं.

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आज कल जनसंचार का मुख्य स्त्रोत इन्टरनेट हैं. क्योंकि इन्टरनेट का प्रभाव हमारे समाज में आज के समय में बढ़ता ही जा रहा हैं. मै आपसे इन्टरनेट के जरिये ही यह आर्टिकल लिख कर बात कर रहा हु. इन्टरनेट पर विभिन्न वेबसाइट जैसे फेसबुक, युट्यूब, ट्विटर इत्यादि उपलब्ध हैं. जिसका प्रभाव समाज पर सीधा पड़ता हैं. बड़े बड़े राजनेतिक लोग और फ़िल्मी सितारे इन माध्यमों का सही उपयोग लोगो से सीधा संवाद करने के लिए करते हैं.

जनसंचार के माध्यमों के प्रकार (jansanchar ke madhyam in hindi)

समय के साथ जनसंचार के माध्यम भी बदलते गए. जैसे की हम अपने घर में वृध्द लोगो से सुनते हैं की पहले समाचार सिर्फ रेडियो में आते थे. और समाचार प्रसारण का एक निश्चित समय होता था. लेकिन अभी ऐसा नहीं हैं. अब पुरे दिन आप टेलीविज़न और इन्टरनेट पर समाचार देख सकते हो. इस प्रकार समय के साथ जनसंचार के माध्यमों में भी बदलाव हुआ हैं. इसी अनुसार जनसंचार के माध्यमों को विभिन्न भागों में बाटा गया हैं.

जनसंचार के माध्यमों को मुख्यरूप से दो भागों को बाटा गया हैं. यह दो भाग निम्नलिखित हैं:

  • मुद्रित माध्यम (print media)
  • इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (electronic media)

मुद्रित मीडिया (print media)

मुद्रित मीडिया जनसंचार का पारंपरिक माध्यम हैं. मुद्रित मीडिया में अख़बार, मासिक पत्र, पुस्कते, होल्डिंग, पोस्टर इत्यादि को शामिल किया जाता हैं. इसमें सन्देश को हज़ारों या लाखों कागज पर छापकर उसे लोगो तक पहुचाया जाता हैं. जिससे बड़ी संख्या में लोगो को कागज पर उपस्थित सन्देश पढने को मिलता हैं. जिससे सन्देश या संवाद का प्रभाव बड़ी संख्या में लोगो पर पड़ता हैं.

मुद्रित मीडिया के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

अख़बार

अख़बार जनसंचार का सबसे सफल और पुराना माध्यम हैं. अख़बार भारत में सबसे पहले अठारवी सदी के छपा था. तब से लेकर अब तक अख़बार हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया हैं. आज के समय में भी इन्टरनेट की मोजुदगी के बावजूद भी लोग अख़बार पढना नहीं भूलते हैं. अख़बार लोगो के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करता हैं. इसी कारन किसी भी राजनेता के लिए अख़बार में अपनी जगह बनाना महत्वपूर्ण होता हैं.

भारत में अखबारों का इतिहास सौ वर्षो से भी पुराना हैं. भारत में प्रचलित समाचार ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ ने 150 साल से भी ज्यादा का सफल पूरा किया हैं.

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पत्रिका

विभिन्न सरकारी और निजी संस्थान अपने व्यावसायिक और सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए समय-समय पर पत्रिका प्रकाशित करते हैं. यह पत्रिका नियमित रूप से निश्चित समय पर प्रकाशित होती हैं. कुछ पत्रिका शिक्षा और जानकारी के रूप में प्रकाशित की जाती हैं. जैसे विभिन्न धार्मिक संस्थान धार्मिक जानकारी मासिक पत्रिका के रूप में प्रकाशित करते हैं. योगगुरु स्वामी रामदेव के पतंजलि संस्थान के द्वारा भी मासिक पत्रिका योग और स्वास्थ्य की जानकारी के उद्देश्य से प्रकाशित की जाती हैं.

पुस्तके

अपने संवाद या सन्देश को बड़ी आबादी तक पहुचाने के लिए पुस्तके भी जनसंचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं. पुस्तके अख़बार और पत्रिका की अपेक्षा कम लोगो तक पहुचती हैं. लेकिन जो लोग अपने पैसे खर्च कर के पुस्तके खरीदते हैं. उन्हें वास्तव में उस विषय के ज्ञान की जरूरत होती हैं. अंत पुस्तको का प्रभाव भी समाज और लोगो पर प्रभावीरूप से देखा जा सकता हैं.

हम कही बार देखते हैं की बड़े बड़े राजनेता अपनी जीवनी पुस्तक के रूप में प्रकाशित करते हैं. पुस्तके एक माध्यम जिससे व्यक्ति अपने विचारों और सोच को जिन्दा रख सकता हैं.

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पोस्टर और होल्डिंग

पोस्टर और होल्डिंग मुख्यरूप से विज्ञापन के लिए उपयोग किए जाते हैं. आपने अपने शहर या कस्बे में देखा होगा की रोड पर बड़े होल्डिंग और पोस्टर लगे होते हैं. जिस पर किसी कंपनी का विज्ञापन होता हैं. यह होल्डिंग और पोस्टर भी जनसंचार का एक मुख्य साधन हैं.

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (electronic media)

इस प्रकार के माध्यम में सन्देश या संवाद को लोगो तक पहुचाने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाता हैं. यहा बहुत कम मेहनत में लोग बहुत बड़ी आबादी से संवाद तकनीक का उपयोग करके कर सकते हैं. इसका एक अच्छा उदाहरण रेडियो हैं. रेडियो में सिर्फ एक वक्ता होता हैं. और बाकि सब श्रोता होते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के उदाहरन निम्नलिखित हैं:

रेडियो

भारत में रेडियो का प्रचलन आजादी से पहले से हैं. सन 1923 में ब्रिटिश उपनिवेशक ने सर्वप्रथम भारत में रेडियो की शुरुआत की थी. रेडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का सबसे सस्ता और सरल माध्यम हैं. भारत में रेडियो ने लोगो के जीवन पर बहुत प्रभाव डाला था. आज के समय में हम इन्टरनेट पर अनेक वस्तुए प्राप्त कर लेते हैं. लेकिन पहले लोग रेडियो पर निर्भर रहते हैं.

आजादी से पहले भारत में कुल 6 रेडियो के स्टेशन हुआ करते थे. लेकिन आजादी के बाद में सरकारों ने रेडियो और सूचना प्रसारण पर विशेष रूप से ध्यान दिया हैं. जिसकी बदौलत आज भारत में रेडियो प्रसारण केंद्र की संख्या 185 हैं. यह प्रसारण केंद्र विभिन्न भाषाओ में सुचना प्रचारित करते हैं.

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टेलीविज़न

टेलीविज़न के आने से लोगो के जीवन में बहुत बदलाव आया हैं. रेडियो पर सिर्फ आप आवाज सुन सकते थे. लेकिन टेलीविज़न पर आप देख और सुन सकते हैं. टेलीविज़न आने के बाद टेलीविज़न से जुड़े कार्यक्रम बनने लगे. जिससे कलाकारों, गायकों और लेखको को काम मिला. आज के समय में अनेक क्षेत्रो के अलग से विशेष टेलीविज़न चैनल उपस्थित हैं. अगर आप विज्ञान से सम्बन्धित ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं. तो आपको इसके लिए एक अलग से विशेष चैनल मिल जाता हैं. अगर आप समाचार जानना चाहते हैं तो आपको इसके लिए समाचार चैनल मिल जाता हैं.

सिनेमा

भारतीय सिनेमा का पूरी दुनिया में डंका बजता हैं. जिसका कारन भारत में सिनेमा की उन्नत तकनीक का होना हैं. सिनेमा जनसंचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं. समय-समय पर फिल्मो ने हमारे समाज को राह दिखाई हैं. सिनेमा का प्रभाव विशेषकर युवाओ पर जल्दी पड़ता हैं.

इन्टरनेट

इन्टरनेट के प्रभाव से कौन बचे हुए हैं. 4G के आने के बाद इन्टरनेट ने हमारी जिन्दगी को बदल कर रख दिया हैं. इन्टरनेट के माध्यम से आज हर कोई अपने विचार बिना कुछ खर्चे के दुनिया के सामने छुटकी में रख सकता हैं. हम देखते हैं की लोग यूट्यूब पर विडिओ बना कर अपने ज्ञान और विचारों को फैलाते हैं. यह सब इन्टरनेट से ही संभव हैं.

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निष्कर्ष

जनसंचार से तात्पर्य बड़ी आबादी से सीधे तौर पर संवाद स्थापित करना हैं. जनसंचार एक ऐसा विषय हैं जिसका इस्तेमाल लोकतंत्र में बड़ी मात्रा में होता हैं. किसी भी बड़े राजनेता को पता होता हैं की किस प्रकार से जनसंचार के माध्यमों का इस्तेमाल करना होता हैं. इस आर्टिकल (जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है – जनसंचार के माध्यमों के प्रकार) में आपने जनसंचार की परिभाषा, माध्यम के प्रकार के बारे में सरल भाषा में और विस्तार से जाना हैं.

आपको यह आर्टिकल (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi-jansanchar ke madhyam in hindi) कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

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