महाभारत किसने लिखा था | महाभारत के लेखक और रचियता

महाभारत किसने लिखा था | महाभारत के लेखक कौन हैं | महाभारत के रचयिता (mahabharat kisne likha tha | mahabharat ke lekhak kaun hai | mahabharat ke rachiyta) – महाभारत हिन्दू धर्म का पवित्र ग्रन्थ हैं. महाभारत में महाभारत युध्द का इतिहास लिखा हैं. महाभारत युध्द कौरव और पांड्वो के बिच हुआ था. जिसमे भगवान श्री कृष्ण ने पांड्वो का साथ दिया था. तथा युध्द के प्रत्येक क्षण पांड्वो का मार्गदर्शन किया था. जिससे पांडव युध्द में कोरवो से विजय हुए थे. महाभारत विश्व का सबसे लम्बा साहित्य ग्रन्थ हैं. हिन्दू धर्म में चार वेद हैं. और महाभारत को हिन्दू धर्म में पंचम वेद भी कहा जाता हैं.

महाभारत सनातन धर्म के आदर्श और सस्कारो का इतिहास हैं. श्री मद भगवत गीता महाभारत ग्रन्थ का ही एक भाग हैं. महाभारत में कुल 1,10,000 श्लोक मौजूद हैं. महाभारत की घटना को तीसरी शताब्दी का माना जाता हैं. महाभारत को जय संहिता, भारत और महभारत नाम से भी जाना जाता हैं.

महाभारत किसने लिखा था | महाभारत के लेखक कौन हैं | महाभारत के रचयिता (mahabharat kisne likha tha | mahabharat ke lekhak kaun hai | mahabharat ke rachiyta)

महाभारत को महर्षि वेद व्यास जी के द्वारा लिखा गया हैं. वेद व्यास जी को महाभारत लिखने में तीन साल का लम्बा समय लगा था. आज कल जो हम महाभारत पढ़ते हैं. वह महाभारत ग्रन्थ कही सदियों की धारणाओं से गुजर कर आई हैं. पुराने समय में ऋषि मुनि अपने ज्ञान को अपने शिष्यों को मौखिक रूप में देते थे. क्योंकि उस समय भाषा और लिपि इतनी समृध्द नहीं थी. धीरे धीरे ऋषि मुनियों ने लिखना शुरू किया. हो सकता हो उनको ज्ञान का विलुप्त होने का डर हो. इसका फायदा यह हुआ की आज भी ज्ञान जीवित हैं.

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महाभारत से जुड़ी गणेश जी की कहानी

महाभारत में उल्लेख हैं की देव व्यास जी ने हिमालय के किसी गुफा में ध्यान करके मन ही मन में महाभारत की रचना कर दी थी. लेकिन इस ज्ञान को आम जन तक पहुचाने के लिए इसे बिना गलती के लिखना जरुरी था. अंत ब्रह्मा जी के सुझाव पर वेद व्यास जी गणेश जी के पास जाते हैं. और महाभारत लिखने का प्रस्ताव रखा.

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गणेश जी एक शर्त पर लिखने को मान जाते हैं. वह शर्त यह थी एक बार अगर गणेश जी ने लिखना शुरू कर दिया तो जब तक महाभारत पूरी नहीं हो जाए तब तक नहीं रुकेगे. इस पर वेद व्यास जी ने भी चतुराई से एक शर्त रखी की गणेश जी प्रत्येक श्लोक को लिखने के पश्चात् समझगे फिर आगे लिखेंगे. जिससे वेद व्यास जी को कठिन श्लोक को अपने मन में बनाने का समय मिल जाए. गणेश जी इस बात को मान गए. इस प्रकार महाभारत ग्रन्थ को लिखने की शुरुआत हुई. तथा इसे पूर्ण रूप देने में 3 साल का वक्त लगा.

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