कृषि किसे कहते है | krishi kise kahate hain | कृषि के प्रकार का वर्णन करें

कृषि किसे कहते है | krishi kise kahate hain | कृषि के प्रकार का वर्णन करें – हमारा देश भारत गाँवो में बसता है. आज भी देश की अधिकतम जनसँख्या गाँवो में निवास करती है. और गाँवो में आय का मुख्य साधन कृषि भूमि है. कृषि के लिए बड़ी मात्रा में भूमि गाँवो में उपलब्ध होती है. जहा पर किसान और किसान का पूरा परिवार कठिन श्रम करके देश के लिए खाद्य पदार्थो का उत्पाद करता है.

देश की अर्थव्यवस्था का अधिकतम भाग आज भी कृषि पर आधारित है. इसलिए कृषि विषय के बारे में अध्ययन करना भी हमारे लिए अति आवश्यक है. इसलिए इस आर्टिकल के जरिये हम जानेगे की कृषि किसे कहते है और कृषि कितने प्रकार की होती है.

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कृषि किसे कहते है | krishi kise kahate hain

सभ्यताओ के विकास में कृषि मुख्य कारन रहा है. कृषि के तहत उन्नंत प्रजाति के खाद और बीजों का उपयोग करके खेती का कार्य किया जाता है. जिसमे उत्पाद की मात्रा भी बढ़ती है. कृषि के अंतगर्त पशुओ का पालन भी शामिल किया जाता है. और दूध और दूध से जुड़े उत्पाद भी कृषि के अंतगर्त आते है.

कृषि के क्षेत्र से जुड़े विषय के सम्बन्धित अध्ययन को कृषि विज्ञान के नाम से जाना जाता है. इस विषय के अंतगर्त कृषि और खेती से जुड़े विभिन्न तकनीक और विशेषताओ को शामिल किया जाता है. कृषि विज्ञान के अंदर पौधों को सही तरीके के लगाना, भूमि को उपजाऊ बनाना, सिंचाई की व्यवस्था और तकनीक, सही बीजों का चयन करना, इत्यादि शामिल किये जाते है.

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कृषि सिर्फ हमारी देश की ही अर्थव्यवस्था का आधार नहीं है. अपितु पुरे विश्व की अधिकतर जनसँख्या कृषि पर निर्भर है. इसके साथ बहुत सारे औधोगिक धंधे भी कृषि के उत्पाद पर निर्भर रहते है. कृषि के उत्पाद से वस्त्र और आवास के सम्बन्धित आवश्यकता की पूर्ति होती है.

कृषि के प्रकार का वर्णन करें | कृषि के कितने प्रकार होते हैं

खेती विभिन्न तरीको से की जाती है. कृषि के प्रकार निम्न अनुसार है:

स्थानांतरित कृषि

कृषि की इस पद्दति में कृषि की भूमि को बार-बार स्थानांतरित किया जाता है. इसलिए इसे स्थानांतरित कृषि कहा जाता है. इस कृषि में भूमि को एक बार का चयन करने के वहा पर स्थित वनस्पतियों को जला कर जो राख बचती है. उससे कृषि की जाती है. स्थानांतरित कृषि एक भूमि पर 2-3 सालो तक कृषि की जाती है. जब तक की भूमि अनुर्वर ना हो जाए. स्थानांतरित कृषि को झूम खेती, काटो और जलाओ, वारला भी कहा जाता है.

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निर्वाह कृषि

इस कृषि में किसान अपने परिवार और आस-पास के बाजारों के खाद्य पदार्थो की आपूर्ति के लिए अपने खेत में फसल पैदा करता है. हमारे देश में अधिकतम जनसँख्या निर्वाह कृषि ही करती है. इस कृषि में खाद्य फसलो को वरीयता दी जाती है. और साल में 2-3 तिन बार अलग-अलग किस्म के खाद्य पदार्थो की खेती की जाती है.

गहन कृषि

हमारे देश में घनी आबादी क्षेत्रो में गहन कृषि को प्राथमिकता दी जाती है. इस पद्दति के अंतगर्त भारी मात्रा में अच्छे उर्वरक, उन्नत किस्म के बीज, कीटनाशक दवाईया, सिंचाई के अच्छे साधनो का इस्तेमाल करके कम क्षेत्र में ही अधिकतम उत्पादन लेने की कोशिश की जाती है. गहन कृषि अधिकतम जनसँख्या और कम भूमि वाले क्षेत्रो में की जाती है.

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व्यापक कृषि

व्यापक कृषि मुख्यरूप से विकसित देशों में की जाती है. इसके अंतगर्त कम मात्रा में मानव श्रम का उपयोग किया जाता है. मानव श्रम के स्थान पर मशीनों का उपयोग करके खेती की जाती है. इसमें मशीनों और आधुनिक साधनों का उपयोग करके बड़ी भारी मात्रा में उत्पादन किया जाता है. इसमें लागत ज्यादा लडती है और मुनाफ़ा भी मोटा होता है.

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वाणिज्यक कृषि

वाणिज्यक कृषि मुख्य रूप से व्यापार या बाहरी देशों को उत्पादन निर्यात करने के लिए की जाती है. भारत में उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब में गेहू, कपास, मक्का इत्यादि निर्यात करने के उद्देश्य से उत्पाद किया जाता है.

बागवानी कृषि

बागवानी कृषि के अंतगर्त ऐसी फसलो का उत्पाद किया जाता है. जिसमें ज्यादा क्षेत्रफल और समय लगता है. इसलिए इस प्रकार की फसलो का बड़ी-बड़ी कंपनी और कॉर्पोरेट घराने के लोग उत्पाद करते है. इस प्रकार की फसलो में चाय, नारियल, कॉफ़ी, रबड़, मसाले इत्यादि शामिल किये जाते है.

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सुखी भूमि कृषि

सुखी भूमि कृषि देश के सूखे भाग और रेगिस्तानी भूमि में की जाती है. इस कृषि के अंतगर्त कम पानी में विकसित होने वाली फसलो की खेती की जाती है. इसमें बाजार, मटर, केर, गुंदा इत्यादि शामिल कीये जाते है.

गिले भूमि की खेती

भारत के वह क्षेत्र जहा पर भारी मात्रा में बारिश होती है. वहा पर गिले भूमि की खेती की जाती है. इस कृषि के अंतगर्त जुट, गन्ना, चावल इत्यादि का उत्पाद किया जाता है.

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मिश्रित खेती

इस खेती के अंतगर्त खेती के साथ किसान पशु को भी पालता है. और उससे होने वाले उत्पाद का भी लाभ प्राप्त करता है. इस कृषि से उत्पादन होने वाली उपज को मानव और पशु दोनो के लिए उपयोग किया जाता है. पशु में भेड़, बकरी, बैल, गधा इत्यादि को रखा  जाता है.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल (कृषि किसे कहते है | krishi kise kahate hain | कृषि के प्रकार का वर्णन करें ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको कृषि और कृषि के प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी देना है. सभ्यताओ के विकास में कृषि मुख्य कारन रहा है. कृषि के तहत उन्नंत प्रजाति के खाद और बीजों का उपयोग करके खेती का कार्य किया जाता है. कृषि के विभिन्न प्रकारों का इस आर्टिकल में अध्ययन किया गया है.

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