भाषा दो प्रकार की होती है. भाषा के ये दो प्रकार मौखिक और लिखित भाषा है. भाषा एक प्रक्रिया है, जिसके जरिये इन्सान अपनी भावनाओ और इच्छाओ को किसी अन्य व्यक्ति को व्यक्त करता है. भाषा के ये दो रूप इन्सान की भावनाओ को व्यक्त करने के तरीके को बतलाती है. इस आर्टिकल (लिखित भाषा किसे कहते हैं) में हम भाषा के एक महत्वपूर्ण रूप लिखित भाषा के बारे में विस्तार से जानेगे.
लिखित भाषा किसे कहते हैं?
भाषा के इस रूप में व्यक्ति अपनी भावनाओ, इच्छाओ, मनोदशा, स्थिति, परिस्थिति, और विचारों को लिख पर किसी अन्य व्यक्ति को व्यक्त करता है. लिखने की प्रक्रिया को लिपि कहते है. लिपि वो साधन है. जिसकी सहायता से व्यक्ति अपनी मनोदशा को कागज पर लिख सकता है. लिपि की सहायता से व्यक्ति अपनी भावनाए लिखता है. जिसे पाठक पढ़ कर लिखने वाले व्यक्ति की स्थिति और मनोदशा को समझता है.
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लिखित भाषा के उदाहरण क्या हैं?
लिखित भाषा का एक अच्छा उदाहरण पत्र लेखन है. पुराने ज़माने में जब टेलीफोन नहीं हुआ करते थे. तब दूर बैठे व्यक्ति को कोई समाचार या घटना की जानकारी पहुचाने के लिए लोग पत्र लिखते थे. पत्र में जरुरी जानकारी होती थी. तथा ये पत्र डाक के द्वारा पाठक के पास पहूचता था. पाठक पत्र को पढता था और समाचार को प्राप्त करता था.
मौखिक भाषा किसे कहते हैं – मौखिक भाषा के उदाहरण क्या हैं
जब आप ये आर्टिकल पढ़ रहे है ये भी लिखित भाषा का ही उदाहरण है. हमने हिंदी भाषा की लिपि से इस आर्टिकल में जानकारी लिखी है. जिसे आप सभी पाठक पढ़ कर समझ सकते है. लिखित भाषा के अन्य उदाहरण अख़बार, मासिक पत्रिका, कहानी, तार, किताबे अन्य है.
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निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको भाषा के एक अति महत्वपूर्ण रूप लिखित भाषा के बारे में विस्तार से बताया है. साथ में लिखित भाषा के उदाहरण भी बताए है. इस आर्टिकल को लिखने का हमारा उद्देश्य लिखित भाषा का सम्पूर्ण ज्ञान देना है.
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