मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है | मानव पूंजी क्या है

मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है | मानव पूंजी क्या है | मानव पूंजी निर्माण के प्रमुख स्रोत कौन-कौन से हैं | manav punji nirman mein shiksha ki kya bhumika hai – हमारी दुनिया में अनेक देश है. जिसमे कुछ देश विकसित है कुछ विकासशील है और कुछ अब भी अविकसित है. इस प्रकार हम देखते है की दुनिया के सारे देश किसी एक स्तर पर नही है. हमारा देश भारत विकासशील देश है. किसी भी देश की तरक्की वहा पर रह रहे लोगो की तरक्की से जुड़ी है. इसलिए नागरिको का विकास ही देश का विकास है. इस आर्टिकल में हम जानेगे की मानव पूंजी क्या है और मानव पूंजी के निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है.

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मानव पूंजी क्या है

किसी भी देश, राज्य या समाज की उन्नति का आधार वहा के लोगो की उन्नति है. कोई भी देश तभी उन्नति कर सकता है जब वहा के नागरिक उन्नति करे. इसलिए मानव किसी भी देश के लिए पूंजी होती है. प्रतिभाशाली और सफल व्यक्तियों का निर्माण करना देश के निर्माण का प्रथम बिंदु होता है.

पूंजी से तात्पर्य वह आधार है जिसके जरिये कोई देश, राज्य संस्थान या कंपनी आय को अर्जित करती है. देश के नागरिक देश के आधार है जिसके जरिये देश की तरक्की के मार्ग खुलते है. इसलिए देश के नागरिको को मानव पूंजी कहा जाता है.

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आप अपने आस-पास या अपने माता-पिता को देख सकते है. उन्होंने अपनी सारी जिन्दगी आपको अच्छा जीवन, अच्छी शिक्षा, अच्छा रहन सहन, अच्छे कपड़े इत्यादि देने को लगा दी क्योंकि उनको पता है. की अगर वह आपको अच्छा जीवन और शिक्षा देंगे. तो आप का जीवन आसान हो जाएगा. जीवन को जीने के लिए आपको उनकी तरह मेहनत नहीं करनी होगी. इसलिए आपको अच्छी शिक्षा और जीवन देने का प्रयत्न करते है.

आपके माता आपके भविष्य में निवेश करते है और कल को आप ही बड़े होकर देश को एक सुनहरा भविष्य देने वाले हो क्योंकि अगर आप अच्छी शिक्षा प्राप्त करेगे तो अच्छी नौकरी करेगे. और उस नौकरी और कार्य के जरिये देश को तरक्की की ओर ले जाएगे. इसलिए आपके माता पिता आपके लिए इतनी मेहनत और प्रयत्न करते है और आप देश की मानव पूंजी है.

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मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है | मानव पूंजी निर्माण के प्रमुख स्रोत कौन-कौन से हैं | manav punji nirman mein shiksha ki kya bhumika hai

हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. शिक्षा हमारे जीवन को ऊचाई तक लेकर जाती है. क्योंकि शिक्षा आपके अन्दर आत्मविश्वास और हिम्मत लेकर आती है. एक अशिक्षित व्यक्ति का जीवन हमेशा ही निश्चित सीमा में ही बीतता है. लेकिन एक शिक्षित व्यक्ति का जीवन हमेशा नई सीमओं को तोड़ते हुए तरक्की की ओर बढ़ता चला जाता है.

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शिक्षित व्यक्ति देश की तरक्की और उत्थान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. क्योंकि शिक्षित व्यक्ति अपना पूरा जीवन आत्मविश्वास के साथ तरक्की के नए मौके ढूढने में लगा रहता है. जिससे शिक्षित व्यक्ति की सफलता का प्रतिशत अशिक्षित व्यक्ति से कहि ज्यादा होता है. इसीलिए आपके माता पिता भी आपको अच्छी शिक्षा देने में तत्पर रहते है.

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अगर आप अच्छी शिक्षा हासिल करके देश के विकास में भागीदार बनते है. तो आपकी शिक्षा का असर देश के निर्माण और तरक्की पर पड़ता है. इसलिए मानव निर्माण में शिक्षा की भूमिका अग्रणीय है. शिक्षा ही जीवन की सफलताओ का आधार होता है. इस आर्टिकल में हम आगे मानव पूंजी के निर्माण के अन्य आधार भी जानेगे.

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मानव पूंजी के अन्य आधार क्या है

किसी भी देश की तरक्की का आधार वहा के लोगो की तरक्की है. जब तक नागरिको की तरक्की नहीं होती है. देश तरक्की करना असंभव होता है. इसलिए मानव को पूंजी कहा गया है. क्योंकि पूंजी किसी भी कंपनी या संस्थान के लिए वह आधार होता है जिसके जरिये संस्थान या कंपनी अपने आय के साधन को प्राप्त करते है. इसलिए किसी देश की तरक्की का साधन मानव पूंजी है.

मानव पूंजी के निर्माण में विभिन्न वस्तुओ का हाथ होता है. जिसमे शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, प्रशिक्षण इत्यादि शामिल है. जिसे हम निचे विस्तार में समझेगे:

स्वास्थ्य

हमारा शरीर हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है. अगर आपको अपने जीवन में सफल होना है तो अच्छा स्वास्थ्य होना जरूरी है. बीमार आदमी कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता है. एक स्वस्थ आदमी की कार्यक्षमता बीमार आदमीं से कही ज्यादा होती है. इसलिए नागरिको का स्वास्थ्य किसी भी देश की तरक्की के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है.

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पोषण

गरीब देशों के बच्चे और नागरिक कुपोषण का शिकार रहते है. जिसके कारन वहा के लोगो की शारीरिक क्षमता कम हो जाती है. और कार्यक्षमता भी कम होती है. इससे पुरे देश की तरक्की रुक जाती है. इसलिए किसी भी देश की तरक्की वहा पर खाद्यान्न वस्तुओ की उपलब्धता पर भी निर्भर करती है. संतुलित और पोषक खाने से लोगो की कार्यक्षमता पर सीधा असर पड़ता है और इससे देश की अर्थव्यस्था मजबूत होती है.

प्रशिक्षण

प्रशिक्षण किसी भी व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला सकता है. एक प्रशिक्षित व्यक्ति की कार्य क्षमता एक अप्रशिक्षित व्यक्ति के कार्य क्षमता से बहुत ज्यादा होती है. प्रशिक्षित व्यक्ति को पता होता है की कब क्या निर्णय लेना है. इसलिए लोग जितने प्रशिक्षित होंगे देश उतना ही तरक्की करेगा.

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रोजगार की उपलब्धा

एक बार आपने अच्छी शिक्षा प्राप्त कर दी तो आपको नौकरी और रोजगार की जरूरत होती है. जिसके जरिये आप अपनी शिक्षा और प्रशिक्षण का उपयोग अपने देश की तरक्की के लिए कर सकते है. इसलिए मानव निर्माण में रोजगार की भूमिका अग्रणीय है.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है | मानव पूंजी क्या है | मानव पूंजी निर्माण के प्रमुख स्रोत कौन-कौन से हैं | manav punji nirman mein shiksha ki kya bhumika hai) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको मानव पूंजी और मानव पूंजी के निर्माण में शिक्षा की भूमिका को समझाना है. किसी भी देश, राज्य या समाज की उन्नति का आधार वहा के लोगो की उन्नति है. कोई भी देश तभी उन्नति कर सकता है जब वहा के नागरिक उन्नति करे. इसलिए मानव किसी भी देश के लिए पूंजी होती है. और मानव की तरक्की का आधार शिक्षा ही है इसलिए देश की तरक्की का आधार भी शिक्षा ही है.

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