mohenjo daro kahan sthit hai -सिन्धु घाटी सभ्यता नष्ट होने के कारन

mohenjo daro kahan sthit hai – मोहन जोदड़ो कहा स्थित हैं – अकसर हम सुनते आए हैं की भारत देश सोने की चिड़िया हुआ करता था. लेकिन आपको पता हैं इसके पीछे ठोस सबूत भी मौजूद हैं. भारत में विश्व की सबसे विकसित सभ्यता सिन्धु सभ्यता के अवशेष मिलते हैं. जिससे पता चलता हैं. की वास्तव में भारत एक समृध्द राष्ट्र था. इस आर्टिकल में आप सिन्धु सभ्यता के प्रमुख शहर मोहन जोदड़ो और मोहन जोदड़ो के वर्तमान स्थान या उपस्थिति के बारे में पढ़ेगे.

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मोहन जोदड़ो कहा स्थित हैं? (mohenjo daro kahan sthit hai )

मोहन जोदड़ो को इतिहास का सबसे सुनियोजित शहर माना जाता हैं. मोहन जोदड़ो का यह शहर आज भी इतने समय पश्चात् खंडर के रूप में विधमान हैं. यह शहर आज के पाकिस्तान में स्थित हैं. पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के सक्खर जिले में मोहन जोदड़ो शहर के अवशेष मिले हैं. यह स्थान पाकिस्तान के लडकाना से 20 किलोमीटर और सक्खर से 80 किलोमीटर दुरी पर स्थित हैं.

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आज जिस भाग पर यह शहर हैं. वह भाग आज पाकिस्तान के अन्दर आता हैं. लेकिन महाभारत के समय में भारत के उत्तरी हिस्से को गंधार, मद्र, कैकय, और कंबोज कहा जाता था. अयोध्या से लेकर कंबोज तक का भाग कुरुक्षेत्र कहलाता था. आज कुरुक्षेत्र भारत में हरियाणा राज्य का छोटा भाग हैं. कंबोज इस समय अफगानिस्तान का हिस्सा हैं. उस काल में सिन्धु और सरस्वती के सतह पर लोग रहते थे. नदी के दोनों और कही सारी बस्तिया और शहर बसे थे. यह शहर आज के मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी तक बसे थे.

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मोहन जोदड़ो की स्थापना कब हुई थी?

इतिहासकारों के अनुसार 2600 ईसा पूर्व अर्थात आज से 4000 साल पूर्व मोहन जोदड़ो की स्थापना हुई थी. मोहन जोदड़ो और हड़प्पा आस पास में ही स्थित हैं. मोहन जोदड़ो को ‘सिंध का बाग’ भी कहा जाता हैं.

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मोहन जोदड़ो सभ्यता नष्ट होने के पीछे क्या कारन हैं?

मोहन जोदड़ो और हड़प्पा दोनों विकसित शहर थे. इसके बावजूद भी आज इन शहरों के नाम और निशान भी नहीं हैं. सिर्फ अवशेष मात्र ही बचे हैं. इसलिए जरुर आपके मन में यह सवाल आता होगा की ऐसा क्या हुआ जिससे मोहन जोदड़ो और हड़प्पा जैसी सभ्यता पूर्ण रूप से नष्ट हो गई हैं. इसमें इतिहासकारों में मत जरुर हैं. लेकिन मोहन जोदड़ो और हड़प्पा के नष्ट होने के पीछे प्राकृतिक बदलाव, भूकंप या जलवायु परिवर्तन अवश्य हैं.

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इतिहासकारों का मत हैं की सिन्धु नदी का अपना मार्ग बदलने से मोहन जोदड़ो शहर नष्ट हो गया था. प्राचीन काम में सिन्धु नदी हिमालय से निकल कर कच्छ की खाडी में गिरती थी. लेकिन अभी सिन्धु नदी का मार्ग दूसरा हैं. इसी समय में एक भयंकर सुखा भी पड़ा था. इस सूखे की मार पुरे विश्व में पड़ी थी. जिसका असर भारत, मिस्र और दक्षिण यूरोपीय देशों पर भी पड़ा था. इस भयंकर अकाल में मिस्र के बहुत सारी सभ्यता नष्ट हो गई थी. जिसमे से मेसोपोटेमिया की सुमेरियाई मुख्य हैं.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (mohenjo daro kahan sthit hai – मोहन जोदड़ो कहा स्थित हैं) को लिखने का हमारा मकसद आपको मोहन जोदड़ो के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. अगर आप आज भी मोहन जोदड़ो में पहुचते हैं. तो आप अपने आस पास एक जीवित शहर को जरुर महसूस करोगे. क्योंकि उन समय की इमारते इतनी मजबूत हैं की उनके अवशेष आज भी मौजूद हैं.

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

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